कृषि अभियंताओं का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 29 अगस्त से

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कृषि अभियंताओं का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 29 अगस्त से

कृषि अभियंताओं का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 29 अगस्त से

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे शुभारंभ, कृषि मंत्री  रामविचार नेताम करेंगे अध्यक्षता

दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटेंगे देश भर के कृषि अभियंता



 रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में ‘‘सतत विकास के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु कृषि अभियंताओं का योगदान’’ विषय पर 29 से 30 अगस्त 2024 को कृषि अभियंताओं का 36 वां राष्ट्रीय सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सह संगोष्ठी का शुभारंभ 29 अगस्त को सवेरे 10ः45 बजे नवीन सभागृह (कृषक सभागार) में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे। समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ शासन में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रामविचार नेताम करेंगे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, केन्द्रीय भू-जल बोर्ड, भारत सरकार के अध्यक्ष डॉ. सुनील के. अम्बस्ट तथा इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के उपाध्यक्ष डॉ. नूतन के. दास उपस्थित रहेंगे।

     इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) छत्तीसगढ़ स्टेट सेन्टर, रायपुर तथा स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कृषि अभियांत्रिकी संकाय और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।

    इस राष्ट्रीय सम्मेलन सह-संगोष्ठी में वर्तमान समय में कृषि के विकास हेतु बहु प्रासंगिक विषयों जैसे- इंजीनियरिंग इनपुट का संरक्षण और प्रबंधन, फार्म मशीनरी, कृषि प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन, गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत, मिट्टी, जल संरक्षण और प्रबंधन’’ आदि पर विस्तृत चर्चा होगी एवं शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इनमें मुख्यतः कृषि में जुताई-बुआई से लेकर कटाई-मिझाई एवं प्रसंस्करण की क्रियाओं का मशीनीकरण, ड्रोन का उपयोग, रिमोट सेंसिंग एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग, कृषि बागवानी में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स एवं आई.ओ.टी. का प्रयोग आदि विषयों पर सार्थक संवाद, प्रदर्शन, प्रस्तुतिकरण एवं विचारों का आदान-प्रदान होगा। जलवायु परिवर्तन एवं कृषि कार्यों के समय पर संपादन में कृषि श्रमिकों की घटती उपलब्धता के परिपेक्ष्य में कृषि अभियंताओं के बढ़ते महत्व एवं कस्टम हायरिंग जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता विकास की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला जाएगा। इस कार्यक्रम में अभियंता, उद्यमी, वैज्ञानिक, उद्योगपति, शोधकर्ता, प्रगतिशील कृषक एवं देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्वत्तजन शामिल होंगे तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए यथोचित रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

    कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में आई.आई.टी. खड़गपुर के पूर्व प्राध्यापक एवं सी.एस.वी.टी.यू., भिलाई के पूर्व कुलपति डॉ. बी.सी. मल, परभणी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रमणी, मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सिंह, वैशाली बिहार के कुलपति डॉ. गौड, सचिव और महानिदेशक, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), कोलकाता डॉ. सयाली, सहायक महानिदेशक डॉ. ए.के. सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारत सरकार, नई दिल्ली डॉ. रमना राव, निदेशक एन.आई.टी., रायपुर, डॉ. मेहता निदेशक, केन्द्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान, भोपाल, सहित देश भर के विख्यात विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे।

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