छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले से नक्सलियों के 5 एजेंट्स गिरफ्तार
ये आरोपी ठेकेदारों से वसूली कर नक्सलियों तक पहुंचाते थे रकम
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता का था सलाहकार
गिरफ्तारी के बाद सियायी बयानबाजी शुरू
छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले से नक्सलियों के 5 एजेंट्स गिरफ्तार हुए हैं। ये आरोपी ठेकेदारों से वसूली कर नक्सलियों तक पहुंचाते थे। पुलिस के अनुसार अब तक 60 लाख से ज्यादा की वसूली ये कर चुके थे। इन्हीं पैसों से आदिवासी नेता सुरजू राम टेकाम के लिए फ्लाइट टिकट भी बुक कराई गई थी।
सोनाराम फरसा पिता स्व. पांडूराम उम्र 28 वर्ष पता पंचायत बिरियाभूमि आदवाड़ा थाना जांगला जिला बीजापुर, विजय जुर्री पिता स्व. संतूराम जुर्री उम्र 32 वर्ष सा0 मरकापाल ग्रां.पं. बांगोली थाना भैरमगढ़ जिला बीजापुर, रामलाल करमा पिता तुपाराम करमा उम्र 35 वर्ष ग्राम बांगोली थाना बांगापाल जिला बीजापुर, राजेंद्र कड़ती पिता स्व. बुगुर कड़ती उम्र 30 वर्ष ग्राम डेगमेटा ग्रा.पं. फुलगट्टा थाना मिरतुर जिला बीजापुर, विवेक सिंह पिता राम सुशील सिंह उम्र 35 वर्ष ग्राम मानपुर जिला मोहला, मानपुर- अंबागढ़, चौकी वर्तमान पता अर्जुन वेली सड्डू थाना विधानसभा, जिला रायपुर गिरफ्तार किये गये है।
ये लगातार एक-दूसरे से संपर्क में थे। नक्सलियों को मजबूत करने के लिए मदद करते थे। मिली जानकारी के अनुसार, पूछताछ में पता चला कि, आरोपी सुरजू राम टेकाम माओवादी संगठन के प्रचार- प्रसार के लिए और अपने नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए लगातार शहरी क्षेत्रों में भ्रमण कर रहा था। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ( माओवादी ) संगठन द्वारा पर्दे के पीछे से प्रायोजित ऑपरेशन कगार, कार्पोरेटीकरण, सैनिकीकरण के विरोध में 23 मार्च 2024 को कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमें शामिल होने के लिए सूरजू राम टेकाम 22 मार्च को फ्लाईट के माध्यम से वह रायपुर से दिल्ली गया था। दिल्ली जाने के लिए फ्लाईट टिकिट नक्सलियों द्वारा लेव्ही से प्राप्त पैसों से सुरजू राम टेकाम और सोनाराम फरसा के लिए टिकिट बुक कराई गई थी।
नक्सलियों के द्वारा भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदारों को जान-माल नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर सोनाराम फरसा, विजय जुर्री, रामलाल करमा और राजेंद्र कड़ती के माध्यम से लेव्ही वसूली की जा रही थी। इन चारों को वर्ष 2022 में एक करोड़ रुपए लेव्ही वसूलने का टारगेट दिया गया था। जिसके लिए भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदार से जंगल क्षेत्र में काम करने के एवज में नक्सलियों ने सोनाराम फरसा, विजय जुर्री, रामलाल करमा और राजेंद्र कड़ती की सहायता से ठेकेदार को जान-माल नुकसान पहुंचाने का धमकी देकर करोड़ो रुपयों की लेव्ही वसूली किए। वहीं सोनाराम फरसा, विजय जुर्री, रामलाल करमा, राजेंद्र कड़ती ने अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से लेव्ही के तकरीबन 60 लाख रुपए प्राप्त किए और बाद में बैंक से नगदी निकालकर नक्सलियों को पहुंचाने का कार्य करते थे। राजेंद्र कड़ती का बड़ा भाई मोहन कड़ती कुख्यात नक्सली कमांडर भैरमगढ़ क्षेत्र का है। उक्त सभी कई सालों से नक्सलियों से मिलकर ठेकेदारों से लेव्ही वसूली, नक्सलियों को राशन, दवाई और अन्य जरूरत की सामाग्री का सप्लाई कर रहे थे।इस पर संतोष पांडेय और भूपेश बघेल के बीच बयानबाजी भी हुई।गिरफ्तारी के बाद सियायी बयानबाजी
"गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक विवेक सिंह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता स्वर्गीय नंदकुमार बघेल का सलाहकार रहा है। नक्सलियों के साथ 7 लाख रुपए लेनदेन की जानकारी भी सामने आई है। इससे स्पष्ट है कि नंदकुमार बघेल के नक्सलियों से संबंध थे। वे मोहला मानपुर के अंदरूनी क्षेत्रों में जाकर बैठकें लेते थे। लोकसभा चुनाव के वक्त भूपेश बघेल कहते थे मोहला-मानपुर में जीत जरूर होगी. अब भूपेश बघेल बताएं यह रिश्ता क्या कहलाता है?" - संतोष पांडेय, सांसद, राजनांदगांव
"भाजपा हमेशा दिवंगतों से सवाल करती है। वो गांधी, नेहरू और इंदिरा से सवाल करते हैं। ये तो मूर्खता की हद हो गई, संतोष पांडेय जैसे घटिया मानसिकता के व्यक्ति को जवाब नहीं देना ठीक है। संतोष पांडेय हमारे पिता के पास चले जाए और जवाब लेकर आ जाएं। भाजपा के सरकार में उनके मंत्रियों के बंगले तक जाकर नक्सली वसूली करते थे।"- भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री