रतन जी की मृत्यु की खबर से केवल देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में शोक की लहर, आज उन्हें राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा विदा
घड़ी की टिक-टिक हुई बंद, टाइटन नहीं रहे, रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार के प्रतीक थे :- उद्योगपति हर्ष गोयनका
स्व. रतन टाटा के जाने के बाद भी उनके विचार हमेशा याद किए जाएंगे
रतन टाटा के व्यक्तित्व, आदर्श और अनमोल विचारों से लोग प्रभावित होते हैं। इससे सफलता के लिए नई दिशा मिलती है। रतन टाटा के जाने के बाद भी उनके विचार हमेशा याद किए जाएंगे।
टाटा संस के मानद चैयरमैन रतन टाटा का निधन बुधवार 9 अक्टूबर 2024 को हुआ। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। रतन जी की मृत्यु की खबर से केवल देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में शोक की लहर है। वे उद्योग और कारोबार की दुनिया के लिए जाना-माना नाम थे। निधन की जानकारी उद्योगपति हर्ष गोयनका ने सबसे पहले दी। उन्होंने रात 11:24 बजे सोशल मीडिया पर लिखा, ‘घड़ी की टिक-टिक बंद हो गई। टाइटन नहीं रहे। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार के प्रतीक थे।'
रात करीब 2 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से उनके घर ले जाया गया। टाटा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर आज गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक साउथ मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स के हॉल में रखा जाएगा। यहां लोग उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे। आज उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदा किया जाएगा।
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा को 7 अक्टूबर को भी ICU में भर्ती किए जाने की खबर थी। हालांकि, उन्होंने ही इसका खंडन करते हुए कहा था कि वे ठीक हैं, रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचे हैं।
अपने चाहने वालों के लिए उन्होंने एक संदेश लिखा था: – मेरे बारे में सोचने के लिए शुक्रिया।’ उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में फैली हालिया अफवाहों से वाकिफ हूं और मैं सभी को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी मेडिकल स्थितियों के कारण फिलहाल मेडिकल चेक-अप करा रहा हूं, मेरा मनोबल ऊंचा है।
राष्ट्रपति मुर्मू: भारत ने एक ऐसे आइकॉन को खो दिया है, जिन्होंने कॉरपोरेट ग्रोथ, राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाया है।
पीएम मोदी: टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान बोर्ड रूम से कहीं आगे तक गया।
रतन टाटा ने न सिर्फ अपने काम और सफलता से ही लोगों को प्रभावित किया, बल्कि लोग उनके सरल और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व से भी लोग प्रभावित हुए। भले ही रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके आदर्श, सिद्धांत, प्रेरणादायक और अनमोल विचार से युवा पीढ़ियों को जीवन में सफलता के लिए नई दिशा मिलती रहेगी। साथ ही रतन टाटा के विचार आपको जीवन के वास्तविक यथार्थ से परिचित कराकर जीवन जीना भी सिखाएगी।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ईसीजी में एक सीधी रेखा का मतलब है कि हम जीवित नहीं है।
हम इंसान हैं कोई कम्प्यूटर नहीं, इसलिए जीवन का मजा लीजिये, इसे हमेशा गंभीर मत बनाइये।
ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूंगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर यह नहीं देखना चाहूंगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।
अगर लोग आप पर पत्थर मारते हैं तो उन पत्थर का उपयोग अपना महल बनाने में कर लें।
अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए, लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए।
मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता, मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूं।