मामूली बात को लेकर विवाद कर हाथ-मुक्का से पेट, सीना में वार कर हत्या करने के आरोपी को सिटी कोतवाली जशपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल
मृतक की मृत्यू ईलाज के दौरान जिला अस्पताल अंबिकापुर में हो गई
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थीया लालो बाई उम्र 50 साल निवासी लोखंडी ने दिनांक 06.10.2024 को थाना जशपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि इसका पति रामप्रसाद राम उम्र 54 साल दिनांक 27.08.2024 के शाम को अपनी पुत्री के साथ ग्राम लोखंडी के रोड किनारे बथानडांड़ में मटकीफोड़ कार्यक्रम देखने गया था। पिता-पुत्री दोनों कार्यक्रम देखकर वापस लगभग 11ः00 बजे घर में लौटे। प्रार्थिया ने अपने पति से उन्हें घायल अवस्था में देखी और चोंट के संबंध में पूछने पर रामप्रसाद ने उसे बताया कि यह बथानडांड़ में रोड किनारे बैठकर मटकी फोड़ कार्यक्रम देख रहा था, उसी समय गढ़ाटोली का आलोक टोप्पो इसके पास में आकर बगल में बैठ गया और इसके बांये बाजू में निकले फोड़ा के बाजू को बार-बार पकड़ रहा था एवं क्या हुआ है कहकर चिढ़ा रहा था। रामप्रसाद राम द्वारा आलोक टोप्पो को ऐसा करने से मना किया गया तो वह नहीं माना, इसी बात पर से आलोक ने रामप्रसाद को उठाकर जमीन में पटक दिया और हाथ, मुक्का से मारपीट करने के उपरांत पेट, सीना में जोर से लात मार दिया, तब से पेट में दर्द हो रहा है बताया।
दिनांक 28.08.2024 के प्रातः में घायल रामप्रसाद राम को परिजनों द्वारा ईलाज हेतु जशपुर के अस्पताल में ले जाया गया, परंतु उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुये रिफर करने पर जिला अस्पताल अंबिकापुर में ले जाया गया, जहाॅं ईलाज के दौरान रामप्रसाद राम की दिनांक 30.08.2024 को मृत्यू हो गया। मृतक का पी.एम. कराया गया, पीएम रिपोर्ट में डाॅक्टर द्वारा मृतक की मृत्यू हत्या करने से होना लेख करने पर आरोपी के विरूद्ध धारा 103(1) बी.एन.एस. का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
प्रकरण की विवेचना दौरान प्रकरण के आरोपी आलोक टोप्पो को दबिश देकर चंद घंटे में उसके ग्राम से अभिरक्षा में लिया गया, पूछताछ में आरोपी ने उक्त अपराध को घटित करना स्वीकार किया है। आरोपी आलोक टोप्पो उम्र 23 साल निवासी जकबा, गढ़ाटोली के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर उसे दिनांक 07.10.2024 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपी की गिरफ्तारी में निरीक्षक रविशंकर तिवारी, स.उ.नि. चंद्रप्रकाश त्रिपाठी, आर. 217 बसंत खुंटिया, न.सै. थानेष्वर देशमुख का योगदान रहा है।