अंधे कत्ल की गुत्थी को जशपुर पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सुलझाया
लिव इन रिलेशनशीप एवं शराब पीने की बात को दोस्त की माॅं को बताना पड़ा महंगा, नाराज होकर प्रेमिका की मदद से कर दी दोस्त की हत्या
जशपुरनगर क्षेत्र में बोरे में मिले शव की हुई पहचान
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 31.10.2024 को सिटी कोतवाली जशपुर को सूचना प्राप्त हुआ कि मधुवनटोली स्थित एक घर के पास एक 15 वर्षीय अज्ञात बालक का शव पड़ा है, इस सूचना पर तत्काल सिटी कोतवाली जशपुर से पुलिस टीम मौके पर जाकर शव के पैर वाले हिस्से को जूट का बोरा से ढंका गया था उसे हंटाया गया, मृतक के चेहरा, सिर, कंधा, कान, सीना इत्यादि में गंभीर चोंट लगने के निषान मिले, मौके पर उपस्थित लोगों से मृतक की पहचान कराई गई। मर्ग जाॅंच उपरांत प्रकरण में मानव वध घटित करना पाये जाने पर मृतक के भाई के रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 103(1) भा.न्या.सं. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
नाबालिग बालक की हत्या के गंभीर मामले में पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर अनिल सोनी द्वारा थाना प्रभारी कोतवाली को टीम बनाकर प्रकरण के हर पहलु की सूक्ष्मता से जाॅंच कर आरोपी की पतासाजी के निर्देष दिये गये, जाॅंच में सायबर सेल एवं महिला अधिकारियों को भी सम्मलित किया गया, वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार इसकी माॅनीटरिंग की जा रही थी।
प्रकरण की विवेचना दौरान मृतक के भाई एवं माॅं के कथन से ज्ञात हुआ कि मृतक की दोस्ती काफी दिनों से जशपुर के एक मोहल्ले के 17 वर्षीय नाबालिग लड़के से थी जो अक्सर उसके घर में ही रहता था वहीं सोता था। संदेह के आधार पर उक्त विधि से संघर्षरत नाबालिग लड़के को संरक्षण में लेकर पूछताछ किया गया, जिसने बताया कि उक्त घटना में उसका साथ मनोरा क्षेत्र की उसकी एक प्रेमिका 17 वर्षीय नाबालिग लड़की ने दिया है, उक्त विधि से संघर्षरत नाबालिग लड़की को भी महिला अधिकारी द्वारा संरक्षण में लेकर पूछताछ किया गया।
विधि से संघर्षरत अपचारी बालक ने बताया कि यह जशपुरनगर के घर में अकेले रहता है, इसकी माॅं मध्यप्रदेश में नौकरी करती है। आरोपी की माॅं से मृतक हमेशा फोन से बातचीत करता था। मृतक एवं अपचारी बालक की दोनों में अच्छी मित्रता थी। दिनांक 28.10.2024 को मृतक इसके घर में आकर सोया था, तत्पष्चात् दिनांक 29.10.2024 को भी मृतक इसके घर में ही था। शाम को दोनों मिलकर शराब पीये, इसी दौरान लगभग 05ः30 बजे अपचारी की प्रेमिका मनोरा क्षेत्र के एक ग्राम से अपनी 02 बहन के साथ स्कूटी से आरोपी के घर में आई थी, जो लगभग 07 बजे वापस घर जाने के लिये जिद करने लगी तो आरोपी ने स्कूटी के चाबी को छिपा दिया। आरोपिया के बहनों ने फोन कर अपने पिता को बुलाया, उनके आने पर आरोपी एवं मृतक डर से बाउंड्री से कूदकर वहां से भाग गये, तत्पष्चात् वे अपनी तीनों पुत्री को वहां से ले गये।
दिनांक 29.10.2024 के रात्रि में पुनः शराब पीने के बाद मृतक, अपचारी बालक के बेड पर सो रहा था इसी दौरान अपचारी बालक ने मृतक के मोबाईल के इंस्टाग्राम चैट को देखने पर ज्ञात हुआ कि वह उसकी माॅं के लगातार संपर्क में था, उसके लिव इन रिलेशनशीप एवं शराब पीने की पूरी जानकारी उसकी माॅं को देता था, माॅं को भड़काता था, इस कारण उसकी माॅ इसे पैसा कम भेजती थी, इसी बात से नाराज होकर गुस्सा में आकर पलंग के नीचे रखा लौहे का हथौड़ा से सो रहे दोस्त के गाल, कनपटी में 03 बार मारा, उसकी सांसे चल रही थी अधमरा हो गया था। यह डरकर घर में ताला लगाकर यह अपनी प्रेमिका के घर पहुंचा उसको सारी बात बताकर वहीं सो गया।
दिनांक 30.10.2024 को प्रेमिका ने अपने प्रेमी को कहा कि वह अधमरा है, उसको मार देते हैं, नहीं तो हमलोग फंस जायेंगे, फिर वे दोनों रात्रि लगभग 08 प्रेमिका के पिता की स्पलेण्डर से घर से 02 जूट बोरा लेकर जशपुर पहुंचे, कुछ देर घूमने के बाद रात्रि लगभग 11 बजे जशपुर स्थित घर में पहुंचे, उस दौरान अपचारी का दोस्त बेड पर ही था उसकी सांसे चल रही थी, फिर दोनों मिलकर घर में रखे गैंती से माथा, कनपट्टी, चेहरा, हथौडी से मुंह में एवं किचन में रखा चाकू से सीना में वार कर उसके शव को बोरा में भरकर बाउंड्रीवाल के उस पार फेंक देना बताये। मृतक के मोबाईल, घटना में प्रयुक्त चाकू को वापस मनोरा की ओर जाते समय एक डेम में फेंक देना बताये। अपचारी बालक के कब्जे से घटना में प्रयुक्त गैंती, हथौड़ी एवं मोटर सायकल जप्त किया गया है। खून लगे कपड़े को अपचारी बालिका के कब्जे से जप्त किया गया है। दोनों के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर उन्हें दिनांक 01.11.2024 को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया है।
प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं संरक्षण में लेने में निरीक्षक रविषंकर तिवारी, उप निरीक्षक राजकुमार कष्यप, उप निरीक्षक सरिता तिवारी, स.उ.नि. स्नेहलता सिंह, स.उ.नि. चंद्रप्रकाष त्रिपाठी, आर. 378 विनोद तिर्की, आर. शोभनाथ सिंह, आर. 350 हेमंत कुजूर, आर. रवि राम, आर. विषेष्वर राम का योगदान रहा है।