बिलासपुर IG का एक्शन, SP से मांगी रिपोर्ट; TI को किया लाइन अटैच

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बिलासपुर IG का एक्शन, SP से मांगी रिपोर्ट; TI को किया लाइन अटैच

बिलासपुर IG का एक्शन, SP से मांगी रिपोर्ट; TI को किया लाइन अटैच

जूनियर aso का आज 21 नवंबर को विरोध प्रदर्शन

इस घटना के बाद से पुलिस और प्रशासन हो गये आमने सामने 

प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा के साथ डीएलएस कॉलेज के पास पुलिस ने की थी बदसलूकी




बस्तर जिले के करपावंड में पदस्थ‎ नायब तहसीलदार और उनके इंजीनियर‎ भाई के साथ बिलासपुर पुलिस ने मारपीट की थी। पुलिस के इस गैर कानूनी कार्रवाई के छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा संघ ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बीच IG ने कार्रवाई करते हुई सरकंडा TI को लाइन अटैच कर दिया है। वहीं पूरे मामले पर एसपी से रिपोर्ट मांगी है। पिता व भाई के साथ 16 नवम्बर की रात घर लौट रहे प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा के साथ डीएलएस कॉलेज के पास बदसलूकी हुई थी। इस घटना के बाद पूरा परिवार डरा सहमा हुआ है।

प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा, उनके इंजीनियर भाई पुष्पेंद्र मिश्रा व पिता का कहना है साहब रात में निकलने से डर लगता है कि कहीं पुलिस वाले पकड़कर गाली गलौज व मारपीट न करने लगे। पीड़ितों ने मंगलवार को कनिष्ठ प्रसाशनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों के साथ कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात कर दोषी पुलिस कर्मियों व थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग की है।

प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा ने बताया कि 16 नवंबर की रात 2:10 बजे पिता और भाई के साथ स्टेशन से घर लौट रहे थे। डीएलएस कॉलेज के पास पुलिस ने उनकी बाइक रोकी और गाली-गलौज करते हुए उन्हें थाने ले जाया गया। थाने में उनके इंजीनियर भाई पुष्पेंद्र मिश्रा के साथ गाली गलौज व अभद्र व्यवहार की घटना हुई। नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा को थाने लेकर गए।

इस दौरान थाने में थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग व उनके स्टाप में पुष्पराज मिश्रा, पुष्पेंद्र मिश्रा के साथ मारपीट की घटना को भी अंजाम दिया। पीड़ितों का कहना है कि रात में कलेक्टर अवनीश शरण ने भी थाना प्रभारी से बात लेकिन उन्हें यह कर बात को नजर अंदाज कर दिया कि मेरे अधिकारी एसपी हैं, मैं केवल उन्ही को रिपोर्ट करता हूं।

इसके बाद एसपी के फोन आने के बाद ही दोनों भाई को छोड़ा गया और बाद में झूठे मामले में एफआइआर दर्ज किया है। पुष्पराज मिश्रा व पुष्पेंद्र मिश्रा ने कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों के साथ कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है।

थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार प्रभारी तहसीलदार व उनके इंजीनियर भाई ने पुलिस को प्रशासनिक अधिकारी होने का धौंस देते हुए धमकाया, पुलिस का कहना था कि जिस दौरान यह घटना हुई दोनों नशे में थे और उन्होंने पुलिसकर्मियों के साध बदसलूकी और मुलाहजा कराने के दौरान भी काफी हंगामा किया था।

कनिष्ठ प्रशानिक सेवा संघ का मानना है कि इस प्रकार की घटनाओं से न केवल प्रशासनिक सेवाओं की गरिमा प्रभावित होती है। बल्कि इससे अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में असुरक्षित महसूस करते हैं। यहि इस प्रकरण में एक सप्ताह के अंदर जांच कर कार्रवाई नहीं की जाती तो संघ विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन व अन्य आवश्यक कदम उठाने के लिए बाध्य होगा। संघ ने इस घटना के विरोध में 21 नवंबर को आज सामूहिक अवकाश लेकर विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है। दूसरी तरफ पुलिस खुद के‎ बचाव में जुट गई है। जांच के बहाने पुलिस अफसर अपनी इस कार्रवाई को सही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना के बाद से पुलिस और प्रशासन आमने सामने हो गया है।

कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भी कर दी FIR इस विवाद के दौरान नायब तहसीलदार के इंजीनियर भाई ने देर रात कलेक्टर अवनीश शरण को फोन लगाया। इस दौरान उन्होंने थानेदार से भी बात कराई। कलेक्टर के हस्तक्षेप करने के बाद भी थाना प्रभारी तोप सिंह ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और नायब तहसीलदार और उसके भाई के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

प्रशासनिक व्यवस्था पर पुलिस का प्रहार संघ के पदाधिकारियों ने बयान जारी कर कहा है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रशासनिक व्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के साथ इस तरह का व्यवहार न केवल उनकी गरिमा पर प्रहार है। बल्कि, यह प्रशासनिक व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। 

एसपी के निर्देश पर जांच, लीपापोती कर बचाव की कोशिश इधर, इस मामले में एसपी के‎ निर्देश पर एएसपी ने जांच शुरू कर दी‎ है। घटना के समय मौजूद लोगों की‎ तलाश कर उनका बयान दर्ज किया‎ गया है। आरोप है कि पुलिस ने अपने बचाव के लिए डेढ़ बजे‎ रात को दो साक्ष्य भी मौके पर खड़े कर‎ दिए। सीसीटीवी फुटेज भी जुटा लिया।‎ ऐसे में पुलिस की इस कार्रवाई पर यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या देर रात घूमने वालों को पुलिस पकड़कर थाने ले जाती है। अगर, नहीं तो ऐसी क्या परिस्थिति बनी जिसके कारण पुलिसकर्मियों ने नायब तहसीलदार के साथ अपराधी की तरह बर्ताव करते हुए उन्हें पकड़कर थाने भेज दिया।

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