राजनांदगांव के 8वीं बटालियन में पुलिस भर्ती की चल रही प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने आंकड़ों पर छेड़छाड़ करने का लगाया आरोप
इस मामले में पुलिस ने कंपनी के दो कर्मचारियों, 3 महिला और एक पुरूष आरक्षक को किया गिरफ्तार
अब तक कार्रवाई सिर्फ आरक्षक स्तर पर, अफसरों से मामले में कोई पूछताछ नहीं
समूचे राज्य में कंपनी की भर्ती प्रक्रिया में सहायक के तौर पर काम करने पर खड़े हुवे सवाल, वन विभाग ने भी डेटा वेरिफिकेशन किया शुरू
राजनांदगांव। राजनांदगांव में 8वीं बटालियन में पुलिस भर्ती की प्रक्रिया चल रही लेकिन हैदराबाद की तकनीकी कंपनी पर अभ्यर्थियों ने आंकड़ों पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया, इसके बाद मामले का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में पुलिस ने कंपनी के दो कर्मचारियों, 3 महिला और एक पुरूष आरक्षक को भी भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। राजनांदगांव में खामियां सामने आने के बाद समूचे राज्य में कंपनी की भर्ती प्रक्रिया में सहायक के तौर पर काम करने पर सवाल खड़े हो गया है क्योंकि यही कंपनी पूरे राज्य में तकनीकी सहायक बनकर भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों के अंकों का डाटा तैयार कर रही है। पुलिस भर्ती में शामिल हुए 3 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के अंकों की एंट्री गलत हो गई है। एसपी मोहित गर्ग ने तीन हजार से अधिक गड़बड़ी की पुष्टि है। उन्होंने बताया कि जांच में 3 हजार से अधिक गड़बड़ी पाई गई है।
लगभग हर इवेंट के डाटा एंट्री में विरोधाभास मिला है। मैनुअल नंबर और कंपनी के नंबर अलग-अलग हैं। वहीं इवेंट के टाइम और अंक दर्ज करने के टाइम में भी अंतर है। हालांकि कंपनी के अफसर लगातार वास्तविक डाटा जुटाने के लिए प्रयास जारी होने की बात कह रहे हैं। लेकिन अब तक वास्तविक डाटा नहीं मिल पाया है।
इधर एसपी ने भर्ती में हुई गड़बड़ी मामले की जांच भी सीएसपी को दे दी है। एफआईआर के बाद मामले की जांच लालबाग थाना स्तर पर हो रही थी, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए अब सीएसपी पुष्पेंद्र नायक को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। बता दें कि अब तक गड़बड़ी मामले में 4 आरक्षक व 2 कंपनी कर्मचारी जेल जा चुके हैं। सभी का मोबाइल डाटा भी जब्त है। लेनदेन की आशंका पर खातों की जांच भी हुई है। लेकिन अब तक कार्रवाई सिर्फ आरक्षक स्तर पर हुई है। अफसरों से मामले में कोई पूछताछ नहीं गई है।
वन विभाग ने भी डेटा वेरिफिकेशन शुरू किया
टाइमिंग टेक्नालॉजी कंपनी ने ही वनरक्षक भर्ती में फिजिकल टेस्ट के इवेंट को कवर किया था। कंपनी के इसी सॉफ्टवेयर से ही सभी इवेंट के अंक दर्ज किए गए हैं। पुलिस भर्ती में सामने आई बड़ी गड़बड़ी के बाद अब वन विभाग ने भी अपने अंकों का वेरिफकेशन शुरू कर दिया गया है। मैनुअल और ऑनलाइन दर्ज किए गए अंकों का मिलान किया जा रहा है।
पूरे प्रदेश में भर्ती का काम संभाल रही कंपनी, गड़बड़ी की आशंका
टाइमिंग टेक्नालॉजी कंपनी पूरे छग में पुलिस भर्ती के ईवेंट कवर कर रही है। नांदगांव में सामने आई डाटा एंट्री में गड़बड़ी और डाटा एंट्री का एक्सेस सभी को दिए जाने से दूसरे जिलों में भी गड़बड़ी की आशंका बढ़ गई है। नांदगांव में जिस तरह हर ईवेंट में गड़बड़ी मिली है। उसी तरह दूसरे जिलों में भी ऐसी गड़बड़ी की प्रबल आशंका है। क्योंकि कंपनी का एक ही साफ्टवेयर और डाटा एंट्री का सिस्टम पूरे जगह काम कर रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शारीरिक दक्षता परीक्षा में उत्साही अभ्यर्थियों को मिलीभगत के खेल में अंक नहीं मिले हैं जबकि कई ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने बिना शारीरिक दौड़- भाग के अंक हासिल कर लिए। ऐसा इसलिए हुआ कि कंपनी के तकनीकी कर्मचारी आरक्षकों के साथ मिलकर बड़ा खेल कर गए और इसकी भनक ड्यूटी में तैनात राजपत्रित अधिकारियों और निरीक्षकों को भी नहीं लगी। कुछ अभ्यर्थियों ने स्वयं निगरानी कर पूरे मामले का राजफाश किया। राजनांदगांव रेंज के 4 जिलों की भर्ती प्रक्रिया में 65 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी आरक्षक बनने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। बेहद चालाकी के साथ तकनीकी कर्मचारियों ने आरक्षकों के साथ अंकों में हेरफेर किया। जाहिर तौर पर कंपनी ने ही पूरे मामले को उलझाकर रख दिया। कतिपय भाजपा नेता और राज्य सरकार के पावरफुल मंत्री के करीबी की भी भूमिका होने की शंका जाहिर की जा रही है।
निलंबित आरक्षक ने रायपुर में किया प्रदर्शन
भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी में कथिततौर पर शामिल आरक्षक अनिल रत्नाकर की मौत ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है। रत्नाकर ने अपने हाथों में खुदकुशी करने से पूर्व अफसरों की भूमिका को लेकर भी जिक्र किया है। मृतक आरक्षक ने अपने हाथ में लिखा था कि सिर्फ कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है जबकि अधिकारी भी संलिप्त हैं। आईजी दीपक झा सीधे तौर जांच पर नजर रखे हुए हैं, और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि कुछ प्रभावशाली पुलिस अफसरों ने एक तरह से हेराफेरी में मौन सहमति दी थी। इधर आरक्षक अनिल रत्नाकर के सुसाइड को लेकर रायपुर में पुलिस परिवार के निलंबित आरक्षक संजीव मिश्रा ने तख्ती लेकर प्रदर्शन किया। राजधानी के अंबेडकर चौक पहुंचे संजीव मिश्रा ने पूरी भर्ती प्रक्रिया और आरक्षकों पर हो रही कार्रवाई को लेकर सवाल खड़ा किया है।
पुलिस आरक्षक भर्ती गड़बड़ी मामले में राजनांदगांव पुलिस का एक्शन जारी
पुलिस आरक्षक भर्ती गड़बड़ी मामले में राजनांदगांव पुलिस का एक्शन जारी है। भर्ती प्रक्रिया में घोटाले का मामला सामने आने के बाद आला अफसरों के निर्देश पर जांच की गई जिसमें आरोपियों के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैटिंग मैसेज एवं गवाहों के बयान पर आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए जाने पर आरोपी पवन साहू, नुतेश्वरी धुर्वे, आरक्षक धर्मराज मरकाम, आरक्षक योगेश ध्रुवे, महिला आरक्षक पुष्पा चंद्रवंशी एवं महिला आरक्षक परिधि को विधिवत गिरफ्तार कर पहले ही न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने अब आरक्षक भर्ती गड़बड़ी मामले में एक महिला अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है। अनुचित तरीके से इवेंट में आर्थिक लुभावना देने वाले आरोपी मीना पात्रे को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है।