अनियमितताओं के आरोपों के बीच राजनांदगांव जिले में पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया रद्द

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अनियमितताओं के आरोपों के बीच राजनांदगांव जिले में पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया रद्द

अनियमितताओं के आरोपों के बीच राजनांदगांव जिले में पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया रद्द

मामले की sit करेगी जांच, भर्ती प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ होगा पुनः शुरू 

घपला हुआ है, गड़बड़ी हुई है, युवाओं के हक को बेचा गया है :- कांग्रेस



छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में पुलिस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर गृह मंत्री विजय शर्मा द्वारा लिया गया है। पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप सामने आने के बाद इस कदम को उठाया गया है। अब इस मामले की जांच की जाएगी और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ पुनः शुरू किया जाएगा। वहीं दुर्ग IG दीपक कुमार झा ने जांच के लिए SIT टीम बनाई है, जो 10 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। भर्ती में करीब 3 हजार अभ्यर्थियों के अंकों की गलत एंट्री की गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने राजनांदगांव आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी और सुसाइड के बाद रद्द कर दिया है। इस मामले में एक अभ्यर्थी, 4 कॉन्‍स्‍टेबल समेत अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। संदिग्धों के वॉट्सऐप और मोबाइल की जांच की जा रही है। भर्ती रद्द होने पर कांग्रेस ने कहा कि जिसने शिकायत की उसे ही जेल में डाल दिया। घपला हुआ है, गड़बड़ी हुई है, युवाओं के हक को बेचा गया है।

आपने स्वीकार कर लिया है कि गड़बड़ी हुई- कांग्रेस

कांग्रेस संचार प्रदेश प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रक्रिया रद्द करने से काम नहीं चलेगा। प्रक्रिया रद्द करके आपने स्वीकार कर लिया है कि गड़बड़ी हुई है। इस मामले में एक कॉन्स्टेबल ने भी आत्महत्या की है, जिसे आपने कथित तौर पर दोषी बताया था।

उन्होंने कहा कि जिस लड़की ने मामले में लीपापोती की शिकायत की थी, आपने उसे भी जेल में डाल दिया है। उसे ही आरोपी बना दिया है। आत्महत्या केस की सीबीआई जांच होनी चाहिए। हाईकोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए, जिसने गड़बड़ी की है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब इस पूरे मामले में संलिप्त एक आरक्षक अनिल रत्नाकर के आत्महत्या करने की घटना सामने आई।राजनांदगांव पुलिस भर्ती फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट में फर्जीवाड़े के मामले की परतें खुलती जा रही हैं। भर्ती प्रक्रिया के दौरान सॉफ्टवेयर में 31 अभ्यर्थियों का डेटा संदिग्ध पाया गया है, जिनमें से एक मीना पात्रे का नाम सामने आया है। मंगलवार को लालबाग पुलिस ने कबीरधाम जिले के बांधा पंडरिया निवासी 32 वर्षीय मीना पात्रे को गिरफ्तार किया और उसे जेल भेज दिया।

दरअसल 14 दिसंबर को मीना पात्रे पेंड्री स्थित आठवीं बटालियन में फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट देने आई थी, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इवेंट के दौरान उसने पुलिसकर्मी को आर्थिक लालच देने की कोशिश की थी, यह बात सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैटिंग मैसेज और गवाहों के बयान से सामने आई। पुलिस ने मीना को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की, पूछताछ में उसने यह स्वीकार किया कि उसने एक परिचित पुलिसकर्मी के माध्यम से आर्थिक लाभ देने की कोशिश की थी। खासकर गोला फेंक इवेंट के दौरान मीना को 20 में से 20 अंक मिले थे, जिस पर डीएसपी तनुप्रिया को शक हुआ, इसके बाद मैनुअल और सॉफ्टवेयर की जांच में पाया गया कि उसे 11 अंक की जगह 20 अंक दिए गए थे।

सत्ता से जुड़े एक शख्स भी जांच के घेरे में

चर्चा है कि सत्ता से जुड़े एक शख्स भी जांच के घेरे में है। वह पूर्व सांसदों का प्रतिनिधि भी रह चुका है, जिनके वॉट्सऐप और मोबाइल की जांच की जा रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती में एक ही इवेंट कंपनी टाइमिंग टेक्नोलॉजी हैदराबाद को जिम्मेदारी दी गई है, जो प्रदेशभर में भर्ती प्रक्रिया करा रही है। वहीं हर भर्ती सेंटर का प्रमुख आईजी को बनाया गया है, लेकिन राजनांदगांव इकलौता भर्ती सेंटर है, जहां SP को भर्ती अध्यक्ष बनाया गया है। 

उच्चाधिकारियों के संरक्षण के बिना गड़बड़ी कैसे?

इस पूरी प्रक्रिया मेंं गड़बड़ी के बीच कुछ उच्च अधिकारियों भूमिका की बात भी कही जा रही है। क्योंकि उच्च अधिकारियों के संरक्षण के बिना आरक्षक व इवेंट कंपनी के कर्मचारी गड़बड़ी नहीं कर सकते। फिलहाल यह मामला अब एसआईटी के हवाले है। एसआईटी की जांच में मामले का पूरा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।



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