प्रसिद्ध औघड़ बाबा आश्रम शेखरपुर एवं माँ काली मंदिर का स्थापना दिवस 20 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा

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प्रसिद्ध औघड़ बाबा आश्रम शेखरपुर एवं माँ काली मंदिर का स्थापना दिवस 20 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा

प्रसिद्ध औघड़ बाबा आश्रम शेखरपुर एवं माँ काली मंदिर का स्थापना दिवस 20 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा




पत्थलगांव। प्रसिद्ध औघड़ बाबा आश्रम शेखरपुर द्वारा  औघड़ बाबा आश्रम एवं माँ काली मंदिर, शेखरपुर का स्थापना दिवस समारोह 20 जनवरी को पूरे भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस विशेष आयोजन में छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।बता दे कि यह कार्यक्रम विक्रम संवत 2081, पौष माह, कृष्ण पक्ष, तिथि षष्ठी, दिन सोमवार को संपन्न होगा।जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर काशी (बनारस), उत्तर प्रदेश महाकालाधिपति सिद्धार्थ गौतम राम जी (क्रीं कुण्ड बनारस के पीठाधीश्वर), अघोराचार्य उपस्थित होकर प्रत्यक्ष दर्शन लाभ व आशीर्वचन करेंगे।इस अवसर पर 18 जनवरी को भक्तों द्वारा श्रमदान कर आश्रम परिसर एवं माँ काली मंदिर परिसर की साफ-सफाई एवं सज्जा किया जाएगा। 19 जनवरी को अघोरोन्ना परो मंत्र: नास्ति तत्त्वम गुराे परम का अखंड कीर्तन एवं 24 घण्टे अखण्ड पाठ का शुभारंभ होगा।20 जनवरी को प्रातः 9 बजे अखण्ड पाठ समापन पश्चात हवन-पूजन आरती पश्चात सफल योनि का सामूहिक पाठ फिर भोजन  पश्चात दोपहर को आश्रम द्वारा प्रकाशित पुस्तिका पत्रिका सुधर्मा राम की प्रेरणा (प्रवेशांक 2025) का विमोचन पूज्य अधोराचार्य सिद्धार्थ गोतम राम के करकमलों द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर गोष्ठी पश्चात अघोराचार्य जी के आशीर्वचन पश्चात जरूरतमंदों को निःशुल्क कंबल वितरण एवं संध्या गोधूलि बेला में भजन कीर्तन व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित है। इस कार्यक्रम में शामिल होने विभिन्न विभिन्न जगहों से भक्तों के आने का सिलसिला भी जारी हो गया है। बता दे कि यहां हाल में ही स्थापित मां  काली मंदिर, जो हाल ही में स्थापित हुआ है, श्रद्धालुओं के उपासना का प्रमुख केंद्र बन चुका है। मंदिर परिसर को आकर्षक फूल-मालाओं से सजाया जा रहा है, और यहाँ नियमित पूजन में आसपास के गांवों के लोग भी शामिल हो रहे हैं।यह भव्य आयोजन श्रद्धा, सेवा और भक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

 श्रद्धालुओं में उत्साह

इस कार्यक्रम को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से भक्तों का आगमन जारी है। यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्सव का प्रतीक होगा, बल्कि समाज सेवा और भक्ति का अनूठा उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा।

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