पत्थलगांव स्थित कुनकुरी गांव का यह पुराना और सुनसान घर अब गांववालों के लिए बना दहशत का कारण
ग्रामीणों का मानना है कि इस घर पर है भूतों का वास, तरह तरह की आती है आवाज
पत्थलगांव। भूत होते हैं या नहीं, ये तो अपनी-अपनी मान्यताओं पर निर्भर करता है। पर दुनिया में बहुत सी जगहें ऐसी हैं, जिसे लोग भूतों से जोड़कर देखते हैं। लोगों का मानना होता है कि उन जगहों पर भूतों का वास है।
ठीक ऐसे ही जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड स्थित कुनकुरी गांव का यह पुराना, सुनसान घर अब गांववालों के लिए दहशत का कारण बन चुका है। इस घर में रहने वाले मकुंद सिदार, उनकी पत्नी सिंधिया बाई और बेटी लक्ष्मी की अलग-अलग समय पर मौत हो चुकी है। तीनों की मौत का तरीका भी एक जैसा था—सभी ने घर के एक ही म्यार में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी।
तीन मौतें, एक ही घर, एक ही जगह
गांव के लोगों के मुताबिक, पहले सिंधिया बाई ने अज्ञात कारणों से अपनी जान दे दी। कुछ दिनों बाद, मकुंद सिदार ने भी उसी जगह उसी लकड़ी के म्यार में लटककर फांसी लगा ली। अब जब उनकी बेटी लक्ष्मी ने भी ठीक उसी तरह उसी लकड़ी के म्यार में फांसी लगाकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली, तो गांववालों का शक गहराने लगा।
अंधविश्वास या सच्चाई?
गांव में इस घर को लेकर कई अफवाहें फैल चुकी हैं। कुछ लोग इसे आत्महत्या मानते हैं, तो कुछ का दावा है कि यह घर ‘श्रापित’ है। कुछ गांववालों का कहना है कि वहां अजीब आवाजें आती हैं, और घर के आसपास अजीब घटनाएं होती हैं। पर हैरानी इस बात से है कि घर खाली पड़ा है, वहां कोई नहीं रहता। इस घर में एक ही जगह एक ही लकड़ी के म्यार में तीन मौतों के बाद अब गांव में कोई भी इस घर के पास जाने की हिम्मत नहीं करता। लोगों का मानना है कि इनकी आत्मा इस घर में आज भी मौजूद है।
अब सवाल यह है—क्या यह सब महज एक संयोग था, या फिर इस घर में सच में कोई अज्ञात शक्ति का साया है? इसका जवाब तो वक्त आने पर ही मिल सकेगा।