वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर की अध्यक्षता में नवीन कानून के संबंध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय जशपुर में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का किया गया आयोजन

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर की अध्यक्षता में नवीन कानून के संबंध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय जशपुर में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का किया गया आयोजन

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर की अध्यक्षता में नवीन कानून  के संबंध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय जशपुर में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का किया गया आयोजन

नवीन कानून के साथ- साथ सायबर क्राइम के संबंध में भी दी गई जानकारी

जशपुर अनुभाग के उपस्थित अधिकारी/कर्मचारी सहित जिले के सभी थाना/चौकियों के विवेचकों को ऑनलाइन के माध्यम से दिया गया प्रशिक्षण



 दिनांक 13.04.25 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय  जशपुर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह की अध्यक्षता व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर अनिल कुमार सोनी, एस डी ओ पी जशपुर चंद्रशेखर परमा तथा जिला लोक अभियोजन अधिकारी विपिन शर्मा के उपस्थिति में एक दिवसीय  नवीन कानून से संबंधित तथा सायबर क्राइम से संबंधित प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे पुलिस अनुभाग के उपस्थिति विवेचकों सहित, जिले के सभी विवेचको को ऑनलाइन के माध्यम से नवीन कानून व सायबर क्राइम के संबंध में प्रक्षिक्षण दिया गया।

          इस दौरान नवीन कानून लागू होने के पश्चात, नवीन कानून के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य संहिता में परिवर्तित धाराओं एवं उनमें लागू होने वाले प्रक्रियाओं के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। 

              प्रक्षिक्षण दौरान नवीन कानून का विस्तृत वर्णन करते हुए ,  गंभीर प्रकरणों में विवेचकों द्वारा विवेचना में किए जाने वाले त्रुटियों को दूर करने हेतु भौतिक साक्ष्यों को, फोटो ग्राफी, विडियो ग्राफी कर साक्ष्यों को ,सावधानी से एकत्र करने हेतु विवेचकों को सुझाव दिए गए । होस्टाईल हो रहे प्रार्थी एवं गवाहों को उनके द्वारा दिये गए अभिमत/कथन पर कायम रहने हेतु, विवेचकों को प्रकरण के प्रार्थियों के साथ निरंतर सम्पर्क में रहने हेतु निर्देशित किया गया। जिससे की प्रकरण के प्रार्थी एवं गवाह ,अपने कथन को न्यायालय में निर्भीक एवं स्वतंत्र रूप  दे सके, जिसके फलस्वरूप आरोपी न्यायालय से विचारणों उपरांत दोष सिद्ध हो सके एवं अपराधी द्वारा उसके किए गए अपराधों के एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर समुचित सजा मिल सके। 

           महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित गंभीर प्रकरणों जैसे बलात्कार एवं पास्को एक्ट के मामलो में एफआईआर के पश्चात नवीन कानून के तहत 60 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से चालान पेश करने के संबंध में जानकारी दी गई, प्रार्थी/पीड़िता  जिनका न्यालयाय में 183 बीएनएसएस के अंर्तगत कथन लिया गया है, वो अगर न्यालयाल में ट्रायल के दौरान होस्टटाईल होते हैं तो उनके विरुद्ध धारा 307 बीएनएसएस के अंतर्गत कार्यवाही हेतु लोक अभियोजक के माध्यम से माननीय न्यायलय में आवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई, साथ ही एनडीपीएस एक्ट/आबकारी एक्ट एवं सड़क दुर्घटनाओं के प्रकरणों में हो रहे दोषमुक्ति के कारणों की सामीक्षा कर विवेचना में आवश्यक सुधार हेतु सुझाव दिए गए।

          कार्यशाला के दौरान साइबर क्राइम से  संबंधित आवश्यक सुझाव भी दिए गए, पुलिस के विवेचकों को साइबर क्राइम की जांच हेतु, आवश्यक बारीकियों के सम्बन्ध मे भी प्रशिक्षित किया गया।

         प्रशिक्षण दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर अनिल कुमार सोनी, एस डी ओ पी जशपुर चंद्रशेखर परमा, जिला लोक अभियोजन अधिकारी विपिन शर्मा सहित पुलिस अनुभाग जशपुर के विवेचक सहित जिले के समस्त थाना/ चौकियों के विवेचक ऑनलाइन उपस्थित रहे।

       उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने बताया कि नए कानून लागू होने के बाद, जशपुर पुलिस के द्वारा नए कानूनों के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है, कुछ मामलों में व्यावहारिक कठिनाइयां आ रही हैं, जिसके निधान हेतु कार्यशाला आयोजित किया गया था, भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम और किए जाएंगे, ताकि सभी विवेचक अभ्यस्त हो जाएं।

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