जशपुर में पहली बार 28 और 29 जून को दो दिवसीय आयोजित होगा एग्री-हॉटी क्रेता-विक्रेता सम्मेलन 2025

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जशपुर में पहली बार 28 और 29 जून को दो दिवसीय आयोजित होगा एग्री-हॉटी क्रेता-विक्रेता सम्मेलन 2025

जशपुर में पहली बार 28 और 29 जून को दो दिवसीय आयोजित होगा एग्री-हॉटी क्रेता-विक्रेता सम्मेलन 2025

जैविक उत्पादों को मिलेगा राष्ट्रीय बाजार, कांट्रेक्ट फार्मिंग व फूड प्रोसेसिंग से बढ़ेगा स्वरोजगार



जशपुर। “कृषि क्रांति” अभियान के तहत यह दो दिवसीय सम्मेलन 28 और 29 जून को जिला पंचायत परिसर, जशपुर में आयोजित होगा, जिसका उद्देश्य जिले के किसानों को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार से जोड़ते हुए उनके उत्पादों को बेहतर दाम दिलाना है। जशपुर जिले में कृषि, उद्यानिकी और रेशम उत्पादन को प्रोत्साहन देने हेतु जिला प्रशासन द्वारा पहली बार एग्री-हॉटी क्रेता-विक्रेता सम्मेलन 2025 का आयोजन किया जा रहा है।

सम्मेलन के पहले दिन क्रेता-विक्रेता परिचय सत्र, फसल संग्रहण, संरक्षण और प्रसंस्करण संबंधी तकनीकी जानकारियों के साथ ही कृषि, उद्यानिकी, रेशम और वनोपज के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता मानकों, नियमों एवं विपणन व्यवस्था की जानकारी दी जाएगी। साथ ही विविध फसलों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

दूसरे दिन, 29 जून को देश के विभिन्न राज्यों से आए उद्यमियों द्वारा जिले के खेतों और उत्पादों का प्रत्यक्ष भ्रमण कराया जाएगा, जिससे वे किसानों के उत्पादों को जान सकें और संभावित करार कर सकें। यह किसानों और कंपनियों के बीच एफ.पी.ओ. (किसान उत्पादक संगठन) के माध्यम से सीधा संवाद और विपणन की दिशा में अहम कदम होगा। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा।

जिला प्रशासन ने जानकारी दी है कि इस सम्मेलन में कृषि, उद्यानिकी, वनोपज और रेशम क्षेत्र से जुड़े राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतिष्ठानों, निर्यातकों, विशेषज्ञों और लघु वनोपज संघ के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। जशपुर जैविक खेती, रेशम पालन और वन औषधियों के लिए पहले से ही प्रसिद्ध है, ऐसे में इस आयोजन के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को देश के बड़े बाजारों से जोड़ा जा सकेगा।

सम्मेलन में नाशपाती और आम उत्पादक कृषकों के मध्य फसल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा, जिससे गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, कांट्रेक्ट फार्मिंग और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी किसानों के लिए स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होने की संभावना है।

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