छत्तीसगढ़ में पोते ने दादा पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाया, मां और पत्नी पर गंदी नजर रखने का लगया आरोप
दादा ने अपनी जमीन का बड़ा हिस्सा उसके पिता को न देकर अपने अन्य बेटों को दे दिया इस बात से था नाराज
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पोते ने दादा पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। आरोपी इस बात से नाराज था कि दादा ने अपनी जमीन का बड़ा हिस्सा उसके पिता को न देकर अपने अन्य बेटों को दे दिया था। मामला थाना सिंघनपुरी क्षेत्र के ग्राम बामी का है। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी वापस कमरे में सो गया।
जानकारी के अनुसार, झड़ीराम साहू (65) ग्राम बामी का रहने वाला था। वह और उसकी पत्नी घर में अकेले रहते थे। झड़ीराम के तीन बेटे हैं, तीनों अलग-अलग रहते हैं। मंगलवार 3 जून रात खाना खाने के बाद झड़ीराम की पत्नी अंदर कमरे में सोने चली गई। वहीं झड़ीराम बाहर बरामदे में खाट पर सो रहा था।
करीब 1:30 बजे आरोपी ने उन पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और फरार हो गया। आग की लपटों में घिरा झड़ीराम चिल्लाते हुए घर के अंदर पहुंचा, जहां उसकी पत्नी सो रही थी। उसने किसी तरह पानी डालकर आग बुझाई।
तब तक उसकी सांसें चल रही थी। आग बुझाने के बाद झड़ीराम की पत्नी रात में ही अपने बेटों को बुलाने गई। बेटों ने आकर पिता को हॉस्पिटल ले जाने के लिए उठाकर आंगन तक लाए ही थे कि उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची। घटनास्थल की स्थिति, मृतक की जलने की अवस्था और आसपास फैली पेट्रोल जैसी गंध को देखते हुए यह स्पष्ट था कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि एक पूर्व नियोजित हत्या है। एफएसएल टीम द्वारा मौके पर निरीक्षण कर एंटीमार्टम बर्निंग की पुष्टि की गई। यानी व्यक्ति को जीवित अवस्था में जलाया गया था। पुलिस ने पंचनामा के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
घटनास्थल पर डॉग स्क्वायड टीम पहुंची। घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूरी पर झड़ीराम के मंझले बेटे का घर है। घटनास्थल से सूंघते हुए खोजी कुत्ता मंझले बेटे वारी साहू के घर तक पहुंचा और रुक गया।
जांच टीम को सबूतों और घर के सदस्यों से पूछताछ के बाद मृतक के पोते दीपक साहू पर शक हुआ। पुलिस ने शक के आधार पर उसे हिरासत में लिया और पूछताछ की।
पूछताछ में दीपक ने हत्या के जुर्म को कबूल कर लिया है। वह इस बात से नाराज था कि दादा ने पिता को न देकर डेढ़-डेढ़ एकड़ जमीन अपने अन्य दो बेटों को दे दी। साथ ही जो बची हुई जमीन है उसे भी उन्हीं के नाम करने की तैयारी में थे। दादा मां और पत्नी पर गंदी नजर भी रखते थे।
दीपक ने बताया कि, उसे आशंका थी कि भविष्य में कुछ नहीं मिलेगा, इसी से नाराज होकर खौफनाक साजिश रच डाली। उसने वारदात को अंजाम देने के लिए पहले से ही गैलन में पेट्रोल रख लिया था। फिर 3 जून की रात 1:30 बजे पेट्रोल से भरे गैलन लेकर आंगन पहुंचा, जहां उसके दादा सो रहे थे। उसने सोते समय पेट्रोल को दादा पर छिड़क दिया और माचिस से आग लगा दी।