छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चल रही अटकलों के बीच आया बड़ा प्रशासनिक फैसला
मुख्य सचिव अमिताभ जैन को मिला तीन महीने का सेवा विस्तार, आज दी जाने वाली थी विदाई
छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चल रही अटकलों के बीच बड़ा प्रशासनिक फैसला सामने आया है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन को सेवा विस्तार (Extension) दे दिया गया है। केंद्र सरकार ने अंतिम समय में उनके कार्यकाल को तीन महीने विस्तार देने की मंज़ूरी दे दी है। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव फिलहाल अमिताभ जैन ही बने रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि, सोमवार को आज मुख्य सचिव अमिताभ जैन को विदाई दी जानी थी। और मुख्य सचिव पद की दौड़ में तीन नाम सबसे आगे बताए जा रहे थे। पहला 1992 बैच के सुब्रत साहू, दूसरा 1993 बैच के केंद्र में प्रतिनियुक्त अमित अग्रवाल और तीसरा नाम 1994 बैच के मनोज पिंगुआ का था। माना जा रहा था कि आगामी साय कैबिनेट बैठक में अमिताभ जैन की विदाई के साथ नए मुख्य सचिव का नाम घोषित किया जाएगा। लेकिन दोहर बाद जो निर्णय आया उसने सभी को चौंका दिया।
बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन के कई विभागों में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव का भी पदभार अमिताभ जैन ने संभाला। उन्होंने राज भवन में रहने के अलावा वित्त सचिव, वाणिज्य, उद्योग, लोक निर्माण, जनसंपर्क,आबकारी, वाणिज्यिक कर, वन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, गृह जेल परिवहन, जल संसाधन विभागों में पदस्थ रहकर कार्य किया है। अमिताभ जैन डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, आयुक्त जनसंपर्क, सचिव कर्मशियल टैक्स, संयुक्त सचिव औद्यौगिक विकास निगम रहें। अमिताभ जैन भारत सरकार में सात वर्षों तक प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहें। भारत सरकार में सात वर्षीय प्रतिनियुक्ति के दौरान अमिताभ जैन वाणिज्य मंत्रालय में डायरेक्टर और संयुक्त सचिव के रूप में काम किया। इस दौरान पांच वर्षों तक देश की विदेश नीति के निर्माण, संसोधन और कार्यान्वयन से जुड़े कार्य किया। इसके अलावा भारत सरकार की तरफ से लंदन स्थित भारतीय हाई कमीशन में मिनिस्टर (आर्थिक) भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने सम्बन्धित कार्य किया।
छत्तीसगढ़ गठन (2000) के बाद यह पहला मौका है जब किसी मुख्य सचिव को औपचारिक रूप से सेवा विस्तार दिया गया है। इससे न सिर्फ अमिताभ जैन की कार्यशैली और दक्षता पर मुहर लगती है, बल्कि यह बताता है कि राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर उनकी भूमिका को कितना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।