हाथों में लाठी डंडा एवम अन्य प्रकार के मदद से कर रहे अपने खेतों की रक्षा, शाम होते ही निकल पड़ते है लोग

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हाथों में लाठी डंडा एवम अन्य प्रकार के मदद से कर रहे अपने खेतों की रक्षा, शाम होते ही निकल पड़ते है लोग

हाथों में लाठी डंडा एवम अन्य प्रकार के मदद से कर रहे अपने खेतों की रक्षा, शाम होते ही निकल पड़ते है लोग

पत्थलगांव का यह क्षेत्र बना चिंता का विषय, कब मिलेगा इन्हें छुटकारा........पुलिस गश्त की मांग







पत्थलगांव। पत्थलगांव थाना क्षेत्र के रायगढ़ रोड चिडरापारा में खुली देशी विदेशी शराब की दुकान के आसपास के किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। सुनसान क्षेत्र में शराब पीने के बाद शराबी शराब की खाली बोतल, डिस्पोजल और पन्नी को खेतों में फेंक देते है। इससे फसलों का उत्पादन प्रभावित होगा। वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति भी खराब होगी। जिसे लेकर वहां के निवासी चिंतित नजर आ रहे है। उनका कहना है कि शराब की दुकान खुलने से पहले विरोध किया गया था पर प्रशासन के आगे किसी की नही चली। 

शराब के दुकान से आगे बिजली कालोनी तक के खाली स्थानों पर इन दिनों शराबियों का अड्डा बन गया है। अंधेरा होते ही यहां शराबियों का जमावड़ा लग जाता है और खेतो में जाम छलकने लगते हैं। इन सब परेशानियों से निकलने के लिए शाम होते ही वहाँ के युवक युवतियां एवम पुरूष महिला अपने हाथो में लाठी डंडे,मोबाइल एवम अन्य प्रकार के वस्तुओं के साथ रोड के अंदर अपने खेतों की सुरक्षा के लिए निकल पड़ते है। शराब पीने से रोकने हेतु हर प्रकार के हथकण्डे अपना रहे। कभी वे वहां बैठने समझाते मना करते है तो वहां उपस्थित लोगों का वीडियो बनाते दिखाई पड़ते है। यह खेतो की  सुरक्षा के दृष्टिकोण से तो अच्छा साबित हो रहा। परन्तु दूसरी ओर देखा जाये तो कभी किसी बात को लेकर बातविवाद बढ़ने की ओर भी संकेत नजर आ रहा है। कहीं ऐसा न हो कि इनका यह कृत्य कभी एक बड़ी अनहोनी को बुलावा न दे। इससे दोनों पक्षों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। 

बताते चलें कि पूर्व में लनजिया पारा में शराब की दुकान स्थित थी वहां विरोध होने के पश्चात रायगढ़ रोड में स्थापित किया गया, यहां भी खुलने के पूर्व ही विरोध एवम ज्ञापन सौपा गया पर नतीजा कुछ न निकला और दुकान संचालन प्रारम्भ हो गया। अब इसका खामियाजा यहां के निवासी व किसान को भुगतना पड़ रहा है। 

निवासियों का कहना है कि शराब पीने के बाद कांच की बोतल और प्लास्टिक की गिलास खेतों में फेंक कर शराब पीने वाले चले जाते है। अब बरसात आने वाली है तो खेतो ने जुताई निंदाई का समय आ रहा है। शराब की बोतल खेतों में फेक दी जाती है जिसके कारण पूरे खेतों में कांच फैली हुई हैं। किसान ने बताया कि खेत में मवेशी के पैर कई बार कट जाते हैं। अब जब सीजन में मजदूर खेतों में काम करेंगे तो उनके भी घायल होने की सम्भावना बन रही है। यहां के निवासियों ने शराबखोरी करने वालों को सबक सिखाने व खेतों की सुरक्षा हेतु पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग की है।


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