छत्तीसगढ़ प्रदेश के चार लाख अधिकारी व कर्मचारियों के वित्तीय लेन-देन पर रहेगी पैनी-नजर, नया नियम लागू
6 माह के मूल वेतन से अधिक निवेश का प्रमाण जरूरी, वरना होगी कार्रवाई
दो माह के वेतन के बराबर रकम एकमुश्त निकासी पर भी इसे सरकार के रिकॉर्ड में लाना शासकीय कर्मी की जिम्मेदारी
छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक नया नियम लागू किया है। प्रदेश के चार लाख से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों के हर वित्तीय लेनदेन पर सरकार की पैनी नजर रहेगी। जिसके अनुसार, यदि कोई कर्मचारी एक कैलेंडर वर्ष में अपने 6 महीने के मूल वेतन से अधिक शेयर, प्रतिभूतियों, डिबेंचर या म्यूचुअल फंड में निवेश करता है, तो उसे इसका प्रमाण विहित प्राधिकारी को देना होगा। एक खबर के अनुसार यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इस नियम का उद्देश्य अधिकारियों और कर्मचारियों के वित्तीय लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखना है। इसके तहत, कर्मचारियों को एक निर्धारित प्रारूप में जानकारी देनी होगी, जिसमें निवेश की गई राशि, निवेश का स्रोत और किस कंपनी या पार्टी के साथ लेनदेन हुआ है, इसका विवरण शामिल होगा। अगर कोई सरकारी सेवक अपने या परिवार के सदस्य के नाम से छह माह के मूल वेतन से अधिक निवेश करता है, तो उसे इसकी सूचना विभागीय प्रमुख को देनी होगी। इसमें रकम का स्रोत भी बताना पड़ेगा।
यहीं नहीं अगर दो माह के वेतन के बराबर रकम एकमुश्त निकासी की जाती है तब भी इसे सरकार के रिकॉर्ड में लाना शासकीय कर्मी की जिम्मेदारी होगी। ऐसी कोई भी जानकारी छिपाने वाले को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसी के साथ वित्त विभाग ने शेयर, डिबेंचर और म्युचुअल फंड को भी चल संपत्ति में शामिल कर लिया गया है। यदि कोई कर्मचारी बार-बार शेयर, प्रतिभूतियों या अन्य निवेशों की खरीदी-बिक्री करता है, तो इसे आचरण नियम का उल्लंघन माना जाएगा और उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है। संक्षेप में, यह नियम यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अपने वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता बरतें और किसी भी प्रकार के सट्टेबाजी या अवैध गतिविधियों में शामिल न हों।
नियमों में संशोधन कर शासन ने लिया अच्छा फैसला
पहले शेयर व म्युचुअल फंड में निवेश जोखिम भरा माना जाता था। इसलिए कर्मचारी बेहतर भविष्य के लिए बीमा में निवेश करते थे। कोरोना के वक्त जब सब कुछ बंद था तब लोग शेयर मार्केट में काफी रूचि ले रहे थे। म्यूचुअल फंड की तरफ भी रुझान बढ़ा है। शासन द्वारा नियमों में संशोधन किया जाना अच्छा फैसला है। कर्मचारियों को इंवेस्टमेंट को जस्टिफाई करना होगा। उन्हें रीजनेबल टाइम का भी ध्यान रखना होगा। नहीं तो कानून का उल्लंघन होगा।
क्या है अधिसूचना में जीएडी के उप सचिव केके बाजपेयी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को शेयर, प्रतिभूतियों, डिबेंचर, म्युचुअल फंड में निवेश पर रोक थी। इसकी बार-बार खरीद-बिक्री को सट्टा माना गया था। अब इसमें संशोधन किया गया है। अब इसमें शर्तों के साथ छूट दी गई है।
क्या है फॉर्मेट में सरकारी कर्मचारी या अधिकारी को तय फॉर्मेट में अपने हस्ताक्षर के साथ जानकारी देनी होगी कि प्रतिभूतियों, शेयर में कितना निवेश किया है। कैलेंडर वर्ष में शेयर, सेक्युरिटीज, डिबेंचर व अन्य इंवेस्टमेंट की विवरण देना होगा। यह भी बताना होगा कि किस फर्म, पार्टी के साथ ट्रांजेक्शन हुआ है। साथ ही निवेश की रकम के स्रोत की जानकारी प्रमाण के साथ देनी होगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों, अधिकारियों के शेयर खरीदी-बिक्री पर से रोक हटाई थी। शेयरों से कमाई को चल संपत्ति के दायरे में लाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने उसके लिए रुल्स बना दिए हैं। इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग ने शेयरों की बार-बार खरीदी-बिक्री पर लगाम लगाते हुए इसे सिविल आचरण संहिता का उल्लंघन माना है। जीएडी सिकरेट्री ने कहा है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों और अधिकारियों के शेयर में निवेश के लिए रुल्स-रेगुलेशन तय कर दिए हैं। शेयरों से होने वाली कमाई को चल संपत्ति के दायरे में रखा गया है। यदि शेयर से अर्जित संपत्ति कर्मचारी के दो महीने के मूल वेतन से अधिक होगा, तो उसे इसकी जानकारी साझा करनी होगी।
जीएडी सिकरेट्री ने पत्र में क्या लिखा है...
विषयः छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 में संशोधन।
संदर्भः इस विभाग का समसंख्यक अधिसूचना दिनांक 30 जून, 2025।
1/विषयांतर्गत संदर्भित अधिसूचना दिनांक 30 जून, 2025 द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 19 में, उप-नियम (5) के खण्ड (1) में उप खण्ड (च) जोड़ा गया है। उक्त संशोधन में शेयर (Share), प्रतिभूतियाँ (Securities), डिबेंचर्स (Debentures) व म्युचुअल फण्ड्स (Mutual Funds) को जंगम (चल) संपत्ति में शामिल किया गया है।
2/छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 19 (2-क) (3) के अनुसार प्रत्येक शासकीय सेवक, जंगम सम्पत्ति (Movable Property) के संबंध में उसके द्वारा या उसके कुटुम्ब के किसी सदस्य के नाम से अपने आपको आबद्ध किये गये प्रत्येक लेन-देन की रिपोर्ट विहित प्राधिकारी को करेगा, यदि संपत्ति का मूल्य 02 माह के मूल वेतन से अधिक है।
3/ निर्णय लिया गया है कि यदि कोई शासकीय सेवक स्वयं या कुटुम्ब के किसी सदस्य के नाम से, एक कैलेंडर वर्ष के दौरान शेयर (Share), प्रतिभूतियाँ (Securities), डिबेंचर्स (Debentures) व म्युचुअल फण्ड्स (Mutual Funds) या अन्य निवेश में कुल लेन-देन 06 माह के मूल वेतन से अधिक करता है, तो विहित प्राधिकारी को संलग्न प्रोफार्मा में सूचना देना अनिवार्य होगा।
4/ स्पष्ट किया जाता है कि शेयरों, प्रतिभूतियों या अन्य निवेशों की बार-बार खरीदी-बिक्री (Intra day, BTST, Future and option (F&O)) को आचरण नियम का उल्लंघन माना जाएगा तथा संबंधित शासकीय सेवक छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत् अनुशासनात्मक कार्यवाही का भागीदार होगा।
5/उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।





