HSRP नम्बर प्लेट न मिलने से लोग परेशान, सुविधा नहीं मिल रही आसानी से

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HSRP नम्बर प्लेट न मिलने से लोग परेशान, सुविधा नहीं मिल रही आसानी से

HSRP नम्बर प्लेट न मिलने से लोग परेशान, सुविधा नहीं मिल रही आसानी से 

एक ओर चालान का डर दूसरी ओर सुविधा का न मिल पाना, आम लोगों के लिये बना मुसीबत

कहीं ऑनलाइन में दिक्कक्त तो चलान पटाने के बाद फिटमेंट के लिये आ रही दिक्कत 

राज्य में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाने की प्रक्रिया काफी धीमी, 52 लाख वाहनों में अब तक 4.60 लाख वाहनों में लगा प्लेट



छत्तीसगढ़ में, 1 अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत सभी वाहनों के लिए हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगवाना अनिवार्य है, और इसे लेकर लोग परेशान हैं क्योंकि उन्हें यह सुविधा आसानी से नहीं मिल रही है। कभी ऑनलाइन में दिक्कक्त तो चलान पटाने के बाद फिटमेंट के लिये दिक्कत आ रही है। राज्य में अन्य जिलों के नम्बर की वाहनों के लिए भी यह सबसे बड़ी समस्या बन कर रह गई है। चलान तो किसी जरिये लोग पटा दे रहे परंतु फिटमेंट सेंटर नही होने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। 

बता दें कि प्रदेश में सभी वाहन चालकों को अपनी गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेंशन प्लेट अनिवार्य है। पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट एचएसआरपी की अनिवार्यता के बाद वाहनस्वामी इसके लिए दौड़-भाग शुरू कर दी है। इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से जिला मुख्यालयों सहित तहसीलों में शिविर लगाए गए हैं। जहां जाकर वाहन चालक अपने गाड़ी में एचएसआरपी लगावा सकता है। पर यह केवल सम्बंधित जिले के लिए ही सुविधा दे रही है। अन्य जिलों के वाहनों के लिये यहाँ कोई सुविधा नही मिलती। वहीं अब परिवहन विभाग और पुलिस को गाड़ियों में एचएसआरपी की जांच करने के निर्देश दिया गया है। जिन गाड़ियों में यह नंबर प्लेट नहीं होगा उनका चालान काटा जाएगा।

दूसरी ओर HSRP नंबर प्लेट लगवाने के लिए लोगों को ऑनलाइन आवेदन करने और फिर एक निर्दिष्ट डीलर या फिटमेंट सेंटर पर जाने में कठिनाई हो रही है। वहीं HSRP नंबर प्लेट न होने पर जुर्माना लगने का डर भी लोगों को सता रहा है। कई क्षेत्रों में अधिकृत HSRP डीलरों की कमी है, जिससे लोगों को प्लेट लगवाने में और भी मुश्किल हो रही है। परिवहन विभाग को अधिक HSRP डीलरों को नियुक्त करना चाहिए ताकि लोगों को प्लेट लगवाने में आसानी हो। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जाना चाहिए ताकि सभी लोग आसानी से आवेदन कर सकें। HSRP नंबर प्लेट न होने पर तुरंत जुर्माना लगाने के बजाय, लोगों को पहले चेतावनी दी जानी चाहिए और उन्हें कुछ समय दिया जाना चाहिए। 

तय किये कीमत से वसूल रहे अधिक कीमत

बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा टू व्हीलर वाहनों के पंजीयन के लिए 365.91 रिप्लेसमेंट, थ्री व्हील्स सिलेक्शन के नामांकन के लिए 427.16 रूपए, कार या फोर व्हीलर वाहनों के लिए 656.8 750.64 के लिए हैवी सार्जेंट के नंबर प्लेट पंजीकरण के साथ साज-सामान और ट्रक शामिल हैं रूपए दर निर्धारित किया गया है। निर्धारित शुल्क के साथ ही जीएसटी भी वसूला जा रहा है। जो की अन्य राज्यों के अपेक्षा काफी अधिक है। इससे वाहन चालकों की जेब हल्की हो रही है। वही लोगों का कहना है कि कई आरटीओ से सम्बंधित कार्य करने वाले निर्धारित कीमत से अधिक राशि वसूल कर रहे है। 

राज्य में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाने की प्रक्रिया काफी धीमी 

छत्तीसगढ़ में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाने की प्रक्रिया काफी धीमी है। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत लगभग 50 लाख से अधिक पुराने वाहनों में HSRP प्लेट अनिवार्य रूप से लगाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में 52 लाख 48 हजार 476 चार पहिया और दो पहिया वाहन रजिस्टर्ड है, जिसमें से अब तक 4 लाख 61 हजार 913 गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाए गए हैं। अब तक पूरे प्रदेश में 8.8 फीसदी वाहनों में ही एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाए गए हैं। वही सरकार घर पहुंच सेवा की भी बात करती है पर यहाँ घर पहुंच की कोई सुविधा उपलब्ध नही है।

सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर राज्य के शहरों में कई जगहों पर चेकिंग भी की जा रही है और चालानी कार्यवाही भी हो रही हैं। एक ओर चालान का डर दूसरी ओर सुविधा का न मिल पाना। अब आमलोग करें तो क्या करें..? लोगों का कहना है कि सरकार को नियम बनाने से पहले लोगों को सुविधा प्रदान करने की सोचकर कोई नियम लागू करना चाहिये। जिससे लोगों को सहूलियत मिल सके। ऐसा लगता है आमलोगों के जेबो पर डाका डाल चालान के जरिये अपना खजाना भर रही हों।

HSRP नंबर प्लेट क्या है?

HSRP एक हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट है जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित विशिष्टताओं का पालन करता है। HSRP प्लेट में एक यूनीक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है और इसे छेड़छाड़, चोरी-प्रतिरोधी और टिकाऊ होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें हॉट स्टेम्पड अल्फा-न्यूमेरिक कोड होता है और इसमें कलर-कोडेड स्ट्रिप होती है जो वाहन के फ्यूल के प्रकार और उत्सर्जन मानदंडों को दर्शाता है।

HSRP नंबर प्लेट कई भागों से बनाई जाती है, जिसमें वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, होलोग्राम स्टिकर और एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर शामिल हैं। रजिस्ट्रेशन नंबर आमतौर पर अक्षरों और संख्याओं का मिश्रण होता है जो सरकार द्वारा वाहन को सौंपा जाता है। 20 mm x 20 mm साइज़ का क्रोमियम आधारित होलोग्राम नकलीपन से बचाने के लिए प्लेट के ऊपरी बाईं ओर पीछे के कोने पर हॉट स्टैम्पिंग द्वारा लगाया जाएगा।

एक होलोग्राम में इस ऑर्डर से जुड़े अनुलग्नक में निर्दिष्ट ब्लू रंग में चक्र होगा। होलोग्राम स्टिकर प्लेट में सुरक्षा की अतिरिक्त परत जोड़ता है, जिससे अपराधियों के लिए नकली प्लेट बनाना मुश्किल हो जाता है। यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर का उपयोग प्लेट को ट्रैक करने और यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि यह सही तरीके से रजिस्टर्ड है और वाहन पर उपयोग के लिए अधिकृत है।


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