रायगढ़ जिले के खरसिया में एक ही परिवार के 4 सदस्यों के हत्यारों को रायगढ़ पुलिस ने किया गिरफ्तार,
नाबालिग बेटे साथ मिलकर दिया घटने को अंजाम
चरित्र शंका और पुरानी रंजिश इस नृशंस हत्या की वजह बनी, कुल्हाड़ी से हत्या कर बाड़ी में एक ही गड्ढे में चारों को दिया था दफना
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में गुरुवार को एक ही परिवार के 4 सदस्यों की डेड बॉडी मिली थी। किसी ने घर में घुसकर पति-पत्नी और उनके 2 बच्चों को कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी फिर बाड़ी में एक ही गड्ढे में चारों को दफना दिया। मामला खरसिया थाना क्षेत्र का है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि हत्या संपत्ति विवाद या फिर मुआवजे के लिए किया गया है।
इस खुलासे में आईजी डॉ. संजीव शुक्ला और एसपी दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन में बनी विशेष टीमों की अहम भूमिका रही। डॉग स्क्वॉड, एफएसएल, फिंगरप्रिंट और कई थानों की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार किया और न्यायिक रिमांड पर भेज दिया।
पुलिस ने घटनास्थल ले जाकर आरोपियों से पूरी घटना का री-क्रिएशन कराया। आरोपियों के मेमोरेंडम पर टंगिया, रॉड, गैंती, फावड़ा, कपड़े आदि महत्वपूर्ण साक्ष्य जब्त किए गए।
जांच में सामने आया कि चरित्र शंका और पुरानी रंजिश इस नृशंस हत्या की वजह बनी। आरोपियों ने धारदार हथियार से पूरे परिवार की हत्या कर शवों को घर के भीतर दफनाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहने पर उन्हें घसीटकर बाड़ी के खाद गड्ढे में छिपा दिया गया।
घरघोड़ा के चांटीगुड़ा निवासी बुधराम उरांव अपना गांव छोड़कर पत्नी सहोद्रा उरांव, बेटा और बेटी के साथ खरसिया के ठुसेकेला गांव में रहकर मजदूरी करता था। उसकी बड़ी बेटी बुआ के यहां कोतरलिया में रहती है। उसके पैतृक गांव में उसके नाम जमीन है। उसका कुछ हिस्सा किसी प्लांट में निकला है। जिसके मुआवजे की एक किस्त मिल चुकी है जबकि बाकि पैसे मिलने वाले थे। पुलिस को शक था कि इन्हीं पैसों के लिए हत्या हो सकती है।
पुलिसिया जांच में मृतक बुधराम सिदार और उसके परिवार की हत्या का कारण चरित्र शंका सामने आया है। पड़ोसी लकेश्वर पटैल ने अपने नाबालिग पुत्र के साथ मिलकर पूरे परिवार की निर्मम हत्या करना स्वीकार किया है। जानकारी के अनुसार, 11 सितंबर को ग्राम ठुसेकेला राजीव नगर में ग्रामीणों ने खरसिया पुलिस को सूचना दी थी कि बुधराम उरांव का घर अंदर से बंद है और भीतर खून के धब्बे दिख रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, डीएसपी अनिल विश्वकर्मा, एसडीओपी प्रभात पटेल समेत खरसिया, छाल, कोतरारोड़, पूंजीपथरा, जोबी पुलिस, एफएसएल, फिंगरप्रिंट, डॉग स्क्वाड और बीडीएस की टीमें मौके पर पहुंचीं।
जांच में बुधराम उरांव (42), उसकी पत्नी सहोद्रा (37) और दोनों बच्चे अरविंद (12) और शिवांगी (5) के शव बाड़ी में खाद के गड्ढे से बरामद हुए। धारदार हथियार से हत्या किए जाने की पुष्टि पर थाना खरसिया (चौकी खरसिया) में अपराध क्रमांक 498/2025 धारा 103(1), 238(a) BNS कायम किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेंज आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने खरसिया में कैंप कर मामले की मॉनिटरिंग की और अलग-अलग थानों के प्रभारी एवं स्टाफ की विशेष टीमें बनाकर जांच तेज की। इसी दौरान जांच टीम को पड़ोसी लकेश्वर पटैल पर संदेह हुआ।
साक्ष्य मिलने पर पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह राजमिस्त्री का काम करता है। उसका पड़ोसी बुधराम उरांव भी राजमिस्त्री का कार्य करता था, जो अपने परिवार के साथ रहता था। दोनों के बीच पिछले कुछ समय से कई कारणों से झगड़ा- विवाद हुआ था। आरोपी ने बताया कि वह पड़ोसी बुधराम की बाड़ी जमीन को खरीदना चाहता था जिसे कई बार मांगने के बाद भी बुधराम ने बेचने से इंकार कर दिया था। करीब 6 माह पूर्व लकेश्वर के लड़के ने बुधराम के घर में घुसकर चोरी की थी जिसे आपस में सुलझा लिया गया था। लकेश्वर पटैल अपने पड़ोसी बुधराम के चरित्र पर शंका करता था। इन सभी बातों को लेकर लकेश्वर पटैल बुधराम से रंजिश रखे हुए था और उसकी हत्या की योजना बनाकर मौके की ताक में था।
उसने घटना के पूर्व बुधराम और उसकी पत्नी की गैर मौजूदगी में उसके घर की रेकी की थी। 09 सितंबर 2025 की रात उसने बुधराम को नशे में देखा था। उसी रात प्लान के मुताबिक आरोपित लकेश्वर और नाबालिग, बुधराम के घर घुसे और सोए बुधराम, उसकी पत्नी एवं बच्चों की हथियार से हत्या कर दी। इसके बाद शवों को घर के दूसरे कमरे में जमीन खोदकर दफनाना चाहा, परंतु जमीन सख्त होने से गड्ढा नहीं खोद पाए। फिर शवों को घसीटते हुए बाड़ी की ओर ले जाकर खाद के गड्ढे में दफनाने का प्रयास किया।




