छत्तीसगढ़ प्रदेश में अब गुमटी से लेकर मॉल तक की दुकानों को ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य- राजपत्र जारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में अब गुमटी से लेकर मॉल तक की दुकानों को ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया है। शुक्रवार को राजपत्र में इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। अगर कोई यह लाइसेंस नहीं लेता है तो अब वह दुकान नहीं चला पाएगा। नगरीय प्रशासन विभाग ने 192 निकायों में ट्रेड लाइसेंस का नियम लागू कर दिया है।
इस नियम में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के लिए सड़क और बाजार के आधार पर तीन कैटेगरी में रेट भी जारी किए हैं। हर दो साल में इन रेट में 5% की वृद्धि भी की जाएगी। यही नहीं दुकानदार अब 10 साल का शुल्क एक ही बार जमा कर सकेंगे।
नगर निगम में अधिकतम शुल्क 30 हजार, पालिका में 20 और पंचायत में 10 हजार रुपए सालाना तय किया गया है। बता दें कि अब तक 45 निकायों में ही ट्रेड लाइसेंस की व्यवस्था थी। सभी निकायों के रेट भी अलग-अलग थे। 99% दुकानदार श्रम विभाग से गुमाश्ता लेकर काम करते थे। जबकि ट्रेड लाइसेंस सिर्फ वही लेते थे जिन्हें बैंक से लोन लेना होता था। वहीँ मोहल्ले की दुकान का 4, मध्यम में 5 और बड़े बाजार में 6 रु. प्रति फीट होगा शुल्क।
मैं ट्रेड लाइसेंस क्यों लूं?
ट्रेड लाइसेंस लेने से आपकी दुकान को सरकारी दस्तावेज मिल जाएगा। व्यापार के लिए नगरीय निकाय से अधिकृत हो जाएंगे। इस आधार पर बैंक लोन भी ले सकेंगे।
गुमाश्ता और ट्रेड लाइसेंस में क्या अंतर है?
गुमाश्ता श्रम विभाग देता है। जिस दुकान में 10 से अधिक लोग काम करते हैं, उन्हें ही गुमाश्ता मिलता है। ट्रेड लाइसेंस नगरीय निकाय देता है। यह कोई भी व्यापार करने वाला ले सकता है।
गुमटी या कच्ची दुकान के लिए नगर निगम में 250, नगर पालिका में 150 और नगर पंचायत में 100 रुपए सालाना शुल्क तय किया गया है। वहीं मिनी ट्रक, जीप, पिकअप वैन पर दुकान चलाने वाले भी अब लाइसेंस ले सकेंगे। निगम में 400, पालिका में 300, पंचायत में 200 रुपए सालाना देने होंगे।
लाइसेंस रिन्यू न करवाने पर पेनल्टी भी
ट्रेड लाइसेंस न्यूनतम दो साल के लिए दिया जाएगा। अगर लाइसेंस की समय सीमा खत्म हो गई और 6 महीने में रिन्यू करवाया तो 15% आर्थिक दंड देना होगा। 6 महीने बीतने के बाद 10 रुपए प्रति दिन के हिसाब से दंड लिया जाएगा। एक साल बीतने के बाद दुकान को नगरीय निकाय सील कर देगा।




