अन्य राज्यों के आकर गांव गांव में फैले लूना गैंग के लोग, कबाड़ से ही फल फूल रहे,अंदेशा है कि इनकी कोई मुसाफिरी पहचान है या नही

Breaking Posts

6/trending/recent
Type Here to Get Search Results !

अन्य राज्यों के आकर गांव गांव में फैले लूना गैंग के लोग, कबाड़ से ही फल फूल रहे,अंदेशा है कि इनकी कोई मुसाफिरी पहचान है या नही

 अन्य राज्यों के आकर गांव गांव में फैले लूना गैंग के लोग, कबाड़ से ही फल फूल रहे,अंदेशा है कि इनकी कोई मुसाफिरी पहचान है या नही

पत्थलगांव क्षेत्र में कबाड़ का धंधा जोरों पर , सरकारी कबाड़ समानो में भी होता है मोटा खेल 


फ़ाइल फोटो

विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव

पत्थलगांव । पत्थलगांव के आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों शहर हो या गांव के गली मोहल्लों में जगह-जगह कबाड़ खरीदने वाले देखे जाते है। अंदेशा लगाया जा रहा है कि दूसरे प्रदेश से लोग आकर के कबाड़ का कार्य कर चोरी का सामानों को खपाने का प्रयास किया जा रहा है । जिससे क्षेत्र में चोरी की घटनाओं में इजाफा हो रहा है । पत्थलगांव थाने के नाक के नीचे इस तरह की कबाड़ी का धंधा चालाया जा रहा है लेकिन पुलिसिया कार्यवायी नही होने से कबाड़ीयों हौसलें सातवें आसमान पर है । यूं कहें तो पुलिस कार्यवायी न के बराबर होती रही है। सूत्रों की माने तो कई थानों में इनकी मंथली बंधी होती है जिससे इनकी वाहनों में कोई रोकटोक नही करता है। हां पर यदि किसी थाने में मंथली नही पहुंचती वहां इनकी वाहनों पर कार्रवाई या खड़ी करवा दी जाती है।


फाइल फोटो

ज्ञात हो कि आसपास के विभिन्न स्थानों पर कबाड़ का धन्धा चालाया जा रहा है । सरकारी कबाड़ के समानो सहित चोरी का समान समय समय पर इस काबड़ी के दुकान में खपने का अंदेशा है । क्योकिं आजकल ऐसी ऐसी मशीनों का उपयोग होने लगा है जिससे मिनटों में सामन का कचुम्बर बन जाता है। ऐसे में समान की कोई पहचान भी नही हो पाती। देखा जाए तो ये सब समान बड़े शहरों के कबाड़ के काम करने वाले को भेज दिया जाता है जहां इसे गलाकर लोहे के अन्य सामान बना बाजार में विक्रय किया जाता है। वही दूसरी ओर सरकारी कार्यालयों के भी कबाड़ समानो का भी औने पौने दामों में खरीदारी की जाती है और उनके दामो में बिक्री कर दी जाती है।

इतना ही नही दूसरे प्रदेश से आने वाले लोग इस धंधे को बिना रोक टोक के जोर शोर से कर रहे है । पता नही गांव गांव में फैले इन सभी लूना गैंग के लोगों का पुलिस में कोई मुसाफिरी दर्ज होती है या नही। मुसाफिरी नही होने के इन्हें पहचान पाने एवम ढूंढने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। 

चोर नए-नए क्षेत्र में चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। बाइक चोरी सहित टावर से बैटरी सहित मंहगी समाग्री की चोरी की जा रही है । इन्हें कबाड़ दुकानों या सम्बंधित अन्य दुकानों में आसानी से खपाया भी जा रहा है। चोरी की घटना को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन लगातार प्रयासरत है। लेकिन, कबाड़ दुकानों में शिकंजा कसने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बड़े बड़े कबाड़ संचालक द्वारा चोरों से सांठ गांठ कर चोरी की सामानों को खपा लिया जाता है । इतना ही नही उसे चोरी करने में अजौर सहित अन्य समानों से भी मदद करती है। ऐसा लगता है मानो पुलिस के संरक्षण में कबाड़ी खुलेआम कारोबार कर रहा है। पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी करती है। यह भी स्पष्ट है कि पुलिसकर्मी द्वारा कबाड़ी पर किसी तरह का कार्यवाई न करना  पुलिस सांठ गांठ को जेहन में शक पैदा करती है । इनके जिले के थानो के साथ साथ अन्य जिलों के थानों से सेटिंग होने की बात सामने आती है। 

स्टाक रजिस्टर से चल रहा धंधा

सूत्रों की माने तो कबाड़ दुकानों में ज्यादातर चोरी का माल खपाया जाता है। इसके बावजूद कबाड़ दुकान खोलने के लिए कोई कड़ा नियम कानून नहीं बनाया गया है। सिर्फ एक स्टाक रजिस्टर बनाकर दुकान संचालित किया जाता है। स्टाक रजिस्टर में खरीदी-बिक्री किए गए सामान को दर्ज कर कारोबार करते हैं। समय-समय पर कबाड़ दुकानों पर छापामार कार्रवाई करते तो कारोबाड़ी में भय बनता । ऐसा नही होने से उनके हौसले बुलंद होता जा रहा है ।

Top Post Ad


 

Below Post Ad

Ads Bottom