मजाक मजाक एवम घर वालों को डराने अपने जान एवम शरीर से खेलते युवा वर्ग, सुपकालो की एक बालिका ने बड़ी बहन के डांट से कीटनाशक का किया सेवन, इलाज जारी, इस महीने 18 जहर खुरानी के मामले

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मजाक मजाक एवम घर वालों को डराने अपने जान एवम शरीर से खेलते युवा वर्ग, सुपकालो की एक बालिका ने बड़ी बहन के डांट से कीटनाशक का किया सेवन, इलाज जारी, इस महीने 18 जहर खुरानी के मामले

मजाक मजाक एवम घर वालों को डराने अपने जान एवम शरीर से खेलते युवा वर्ग, सुपकालो की एक बालिका ने बड़ी बहन के डांट से परेशान हो कीटनाशक का किया सेवन, इलाज जारी, इस महीने 18 जहर खुरानी के मामले


विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव

पत्थलगांव । कभी कभी मजाक मजाक में जान जाने की नौबत आ जाती है। इसका एक उदाहरण पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में देखने को मिला। यहां एक बहन ने अपने बड़ी बहन के डाट लगाने से परेशान होकर एक युवती अपने घरवालों को डराने के लिए जहर खा लिया। जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। ग़नीमत रही कि उसे समय पर अस्पताल में भर्ती करा दिया जिससे उसकी जान बच गई। वही इस महीने अस्पताल में अब तक 18 मामले जहर खुरानी के सामने आये है। खासकर अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में देखा गया है कि अपनी किसी जिद या छोटी मोटी बातों को लेकर जहर या कीटनाशक दवाओं को डरवाने हेतु पीकर अपने शरीर से खिलवाड़ करते नजर आते है। कभी कभी अस्पताल पहुँचने में देर होने के कारण कुछ युवक एवम युवतियों की मौत भी हो जाती है। इससे स्वम् तो परेशान होते है साथ ही अपने परिजनों को भी परेशानी में डाल देते है।

मिली जानकारी के अनुसार कापू थाना क्षेत्र सुपकालो गांव के नाबालिग ने चूहे मारने की दवा खाकर जान देने का प्रयास किया। परिजनों ने उसे पत्थलगांव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है। बड़ी बहन की डांट से क्षुब्ध होकर आत्मघाती कदम उठाने की बात सामने आई है। नाबालिग के बड़ी बहन एलेस्टिना ने बताया कि धूप में अक्सर घूमने पर डांट दिया था। इससे क्षुब्ध होकर घर में रखे कीटनाशक का सेवन करके बहन ने जान देने का प्रयास किया है। हालत बिगड़ने पत्थलगांव सिविल अस्पताल ले गए, जहां उसे उपचार दिया जा रहा है। बहन ने बताई की तेज धूप में दिनभर घुमते रहती थी इसी वजह से डांट फटकार लगाई  इससे क्षुब्ध होकर नाबालिग ने कीटनाशक का सेवन किया है। 

कीटनाशक दवा भी मनुष्यों के लिए संभावित रूप से जहरीले होते हैं। वे कैंसर, प्रजनन, प्रतिरक्षा या तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव सहित प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। कीटनाशक की अधिकता से मनुष्यों के शरीर मे किडनी, लिवर एवम अन्य गम्भीर बीमारियों के शिकार होने का खतरा हमेशा बना रहता है। 

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