अवैध बिजली के पोल गाड़ने एवं अवैध लाईन देने के मामले में कही साठ गांठ तो नही, मामले में पर्दा डालने में जुटे विद्युत विभाग के अधिकारी, पुलिस ने मांगा विभाग से स्पष्ट पंचनामा, उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
पत्थलगांव-/ विद्युत विभाग के एक ठेकेदार द्वारा बिना टेण्डर बिना परमिशन के टेण्डर से पूर्व ही दो जगह खम्भा गाड़ देना एक जगह निर्माणाधीन कोल्ड स्टोरेज को बिजली प्रदाय करने खम्भा गाड़कर तार खिंचकर बिजली प्रदाय करने का मामला का खुलासा होने के बाद जहा विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों ने पत्थलगांव विद्युत विभाग के ए ई पैकरा को पंचनामा की कार्यवाही कर थाना में एफ आई आर करने निर्देशित किया गया जिसपर उक्त अधिकारी ए ई द्वारा पुलिस थाना को जिस प्रकार आवेदन दिया गया है उक्त आवेदन पर पुलिस का कहना है कि इस आवेदन पर कोई कार्यवाही बनता दिखाई नही दे रहा है पुलिस का कहना है कि जप्ती पंचनामा की कार्यवाही कर विद्युत विभाग देगी तब ही पुलिस कार्यवाही बनती है वही विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना है कि विभाग के द्वारा किया जाने वाला कार्य को निजी ठेकेदार द्वारा विभाग के बिना आदेश व परमिशन के अवैध कार्य किया गया है जिसकी शिकायत विद्युत विभाग द्वारा पुलिस के समक्ष लिखित आवेदन दिया गया है, अब पुलिस का कार्य है कि अवैध कार्य यानी चार सौ बीसी का कार्य करने वालो के विरुद्ध एफ आई आर कर जप्ती नामा की कार्यवाही कर अवैध कारोबारियों पर कार्यवाही करें।वही जिस प्रकार कल से पुलिस विभाग और विद्युत विभाग के द्वारा आँख मिचौली का खेल खेला जाकर पब्लिक के आखों में धूल झोंकी जा रही है इससे ऐसा लगता है कि विद्युत विभाग का ए ई कही अवैध लाईन पहुचाने वाले ठेकेदार के साथ मिली भगत तो नही है। लोगो का मानना है कि पोल गाड़ने एवं लाईन खिंचने में जिस प्रकार का अवैध कार्य किया गया है उक्त कार्य मे पुलिस कार्यवाही से बचने कोई भी अवैध कारोबारी लाखो रुपये खर्च कर सकता है।
नगर में चर्चा के अनुसार विद्युत विभाग के बिना अनुमति बिना स्वीकृति कोई भी फर्जी रूप से अवैध लाईन बिछाने, पोल गाड़ने का काम कैसे कर सकता है, कही ना कही इस कार्य मे मिली भगत की बू आ रही है। चर्चा2में लोगो का यह भी कहना है कि जिस दिन उक्त अवैध पोल शिफ्टिंग और लाईन देने का टेण्डर होगा उस दिन उक्त टेण्डर किस ठेकेदार को किस रेट में मिलता है इससे भी कुछ हद तक पता चल सकता है कि मामला मिली भगत का है या नही।कहा जा रहा है कि जिस प्रकार विद्युत विभाग में खेल चल रहा है जिसमे एक कम्पनी को फर्जी रूप से विद्युत विभाग को बिना पैसे जमा किये बिना आदेश के बिजली प्रदाय किया गया है जिसमे कम्पनी द्वारा ना जाने कब से अवैध बिजली प्राप्त कर रहा है जिसमे विभाग को हजारों रुपये का नुकसान तो हो ही रहा है वही उक्त क्षेत्र में बिना ट्रांसफार्मर के बोल्टेज की समस्या से भी ग्रामीण जूझ रहे होंगे ऐसे मामले में तात्कालिक कार्यवाही नही होना अनेक प्रश्नों को जन्म देता है। जो उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता को जन्म देता है, क्योंकि लोगो को शंका है कि विद्युत विभाग के स्थानीय अधिकारी जल्द से जल्द उक्त उपभोक्ताओं से आवेदन प्राप्त कर मामले को निपटाने के प्रयास करेंगे जिससे उनके ऊपर किसी प्रकार का आंच न आये...? वही ऐसे भी लोग हैं जो ऐसे अवैध कार्य करने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड करना चाहिये कि बात भी कर रहे हैं।