अब बिना वैरिफिकेशन के बेचे नही जा सकेंगे सिम कार्ड, बनने जा रहे कड़े नियम, बेचते समय गलती की तो लगेगा 10 लाख तक का जुर्माना
आजकल मोबाइल से ऑनलाइन ठगी और स्कैम करने वाले लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए फ्रॉड सिम का सहारा लेते हैं। भारत सरकार लगातार इस तरह के स्कैम को रोकने के लिए कड़े से कड़े नियम बना रही है। इसके बावजूद भी सिम बेचने वालों से मिलकर स्कैमर्स फ्रॉड सिम खरीद लेते हैं। आमतौर पर ये सिम किसी और ग्राहक के नाम पर होते हैं, यानी यूजर्स अपने नाम और ID को छुपा लेते हैं। इन नंबर्स को ट्रेक करना बहुत मुश्किल होता है। अगर आप भी सिम खरीदते या बेचते समय गलती करते हैं, तो 10 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। इसके साथ ही सिम बेचने के लिए वेरिफिकेशन करवाना जरूरी है।
सिम बेचने के लिए नए नियम 10 अक्टूबर से लागू होने वाले हैं। 30 सितंबर के बाद किसी भी गली नुक्कड़ पर आसानी से लोग सिम बेचते हुए नजर नहीं आएंगे। सिम विक्रेता को सिम बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने की योजना है। इसके बिना सिम खरीदने और बेचने वालों पर 10 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। सिम बेचने के लिए ऑपरेटर की जांच होगी। फ्रेंचाइजी लेने के लिए लाइसेंस होना जरूरी है। केवल वे लोग ही लाइसेंस ले सकेंगे जिनके पास सरकारी वैध दस्तावेज हो। इसके लिए कारपोरेट आइडेंटिटी नंबर, आधार कार्ड, और पासपोर्ट भी दे सकते हैं। इसके साथ ही ई-केवाईसी और पुलिस वेरिफिकेशन करवानी पड़ सकती है।
जारी की जाएगी यूनीक आईडी
सिम विक्रेताओं के लिए एक यूनीक PoS आईडी जारी की सकती है। इसके लिए ट्राई (TRAI) की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन दे सकते हैं। किसी भी तरह से नए सिम कार्ड नियम का उलंघन करने पर PoS आईडी ब्लोक हो सकता है।