पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में लाखों के सोलर प्लेट, जनरेटर के बावजूद मोबाइल के टार्च के रोशनी में किया जा रहा मरीज का इलाज, लोग हुवे आश्चर्य चकित
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
पत्थलगांव। पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में आजकल लाइट नही होने पर विशेष टेक्नोलॉजी का निजात किया गया है। जो बिजली की आपूर्ति ठप्प रहने पर मोबाइल के टार्च का इस्तेमाल कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है, इस कारनाने से लोग अचंभित है। जबकि यहां सोलर प्लेट एवम जनरेटर की सुविधा उपलब्ध है। उसके बाबजूद मोबाइल टार्च से मरीजों का उपचार करना ये नया जरिया खोज किया गया है। एक ओर जहां छत्तीसगढ़ की सरकार स्वास्थ्य को लेकर घर घर गली गली तक अपना बेहतर स्वास्थ्य पहुंचाने का दावा करते नजर आती है तो ये सब कारनामा इनका पोल खोलता भी नजर आता है। सरकार के खोखले दावा का भूतल में अलग ही नजर आता है।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने में जुटे हैं। इसके विपरीत पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था सरकार के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती नजर आ रही है।
बाइक से गिरने के कारण उपचार हेतु पहुंचे लोगों का कहना है कि बिजली नहीं रहने पर अस्पताल में जनरेटर स्टार्ट कर लाइट की समुचित व्यवस्था रखनी चाहिए। मगर जनरेटर भी खराब पड़ा है। अस्पताल परिसर में रोशनी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने से स्वास्थ्य कर्मियों को अंधेरे के साए में मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है।
मोबाइल के टॉर्च से चल रहा मरीजों का इलाज
अस्पताल में लाइट नहीं रहने के कारण मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीजों का उपचार तो किया जा रहा है। साथ ही अस्पताल की साफ-सफाई से लेकर सभी काम देखने एवम विचारणीय है। युवाओं का कहना है कि यहां अंधेरे में इलाज...अंधेरे में ही इंजेक्शन और अंधेरे में ही दवा लिखी गई। इसकी वजह थी सिस्टम की लापरवाही। बेहतर स्वास्थ्य का दावा करने वाली सरकार को इस और ध्यान देने की आवश्यकता है।