पत्थलगांव में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन- माता रानी के जयकारों, धुमाल, कर्मा नृत्य आदि के साथ माँ जगत जननी को नम आँखों के साथ दी गई विदाई
शोभायात्रा के दौरान मार्ग पर पुलिस का कड़ा बंदोबस्त
पत्थलगांव। पत्थलगांव नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नौ दिनों तक मां आदिशक्ति की पूजा बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ होती रही। इन नौ दिनों तक बने देवी पंडालों में भक्त मां की पूजा में लीन दिखाई दिए। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर को शुरू होकर इसका समापन 23 अक्टूबर को हुवा। पण्डालों में हवन होने के पश्चात 24 अक्टूबर मंगलवार को भक्तों ने बड़े ही धूमधाम के साथ माँ की झांकियां निकाली। प्रतिमाओं का विसर्जन माता रानी के जयकारों, धुमाल, कर्मा नृत्य आदि के साथ माँ जगत जननी की नम आँखों के साथ विदाई दी गई।
विदित हो कि नवरात्र के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित नौ रातों के समूह को नवरात्र कहा जाता है। क्षेत्रों में चल रहे दुर्गा पूजा को लेकर आज लगभग 12 बजे से माता रानी दुर्गा शक्ति रूपा को श्रद्धालुओं ने नम आंखों से विदाई करने पण्डालों से निकले और तीनों मुखमार्गो में झांकिया निकली।
श्रध्दालुओं ने नम आंखों से मां दुर्गा को किया विदा
सुबह से ही दुर्गा मंडलों ने विसर्जन रैली की तैयारियां शुरू कर दी गई थी। दिनभर शहर में ढोल ताशे, धुमाल बजते रहे़। रैली मुख्य मार्ग पर एक के बाद एक दुर्गा प्रतिमा आगे बढ़ती गई़ मां के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा था़। मां की एक झलक पाने के लिये श्रध्दालुओं ने रास्ते पर काफी भीड़ थी कईयों की आंखे नम भी थी। सभी पण्डालों के दुर्गा प्रतिमा विसर्जन हेतु अपने अपने गंतव्य स्थान हेतु धीरे धीरे रवाना हुई।
शोभायात्रा के दौरान मार्ग पर पुलिस का कड़ा बंदोबस्त
विसर्जन शोभायात्रा में मार्ग पर जनसागर उमड़ पड़ा था़ इसे ध्यान में रखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस का बंदोबस्त रखा गया था़। शांतिपूर्ण तरीके से विसर्जन हेतु पुलिस ने कई तैयारियां पहले ही कर रखी थी। पूर्व में हुवे हिट एंड रन को देखते हुवे चारपहिया वाहन के लिये शहर से पहले ही डायवर्ट रुट तैयार कर दिया गया था। बड़ी वाहनों के पहिये दिन भर थमे रहे।