महिला होकर महिला के दर्द को आज तक नही समझे नगरपंचायत अध्यक्ष, अब चुनी गई महिला विधायक से क्या हो पायेगा लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी
देखना होगा ये महिला विधायक मजबूर महिलाओं का दर्द समझ पाती है या नहीं
पत्थलगांव। पत्थलगांव बस स्टैंड में यात्रियों एवम अन्य लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग है कि बस स्टैंड एक शौचालय का निर्माण कर दिया जाये। लेकिन इसके बावजूद यहां बस के माध्यम से आवाजाही करने वाले लोग शौचालय के मोहताज बने हुए हैं। यहां के बस स्टैंड पर यात्री सुविधाओं के अभाव में परेशानी का सामना कर रहे हैं, खाशकर महिला यात्रियों को सबसे अधिक परेशान होते देखा जा सकता है। पत्थलगांव नगर पंचायत में महिला अध्यक्ष बनी, इसके बावजूद यहां महिलाओं की समस्याओं को अनदेखी की जा रही है। वहीं अब प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही पत्थलगांव विधानसभा में महिला विधायक के रूप में गोमती साय चुनी गई है लोगों की आस है कि अब उनकी बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो सकती है। देखना होगा कि नवनिर्वाचित विधायक इस मांग को पूरी कर पाती है या नहीं .?
दो से तीन दशक से भी अधिक समय बीतने के बाद भी शहर के एक मात्र बस स्टैंड में अब तक महिला सुलभ शौचालय नहीं बन पाया है। विडंबना यह है कि नगर पंचायत के खुद के क्षेत्र में उनके पास महिला शौचालय बनाने के लिए जमीन नहीं मिल रही है।
नगर पंचायत में कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा की सरकार बनी। लेकिन महिलाओं यात्रियों के लिए यहां शौचालय नहीं बनाया जा सका। हर बार की जीत के बाद चुनिंदा जनप्रतिनिधियों ने महिलाओं के प्रति काफी संवेदना दिखाई। लेकिन आज भी यात्रा कर शहर के बस स्टैंड में पहुंचने वाली महिलाएं शौच के लिए यहां वहां भटकते देखी जाती है। बस स्टैंड में व्यवसाय करने वाले लोगों ने बताया कि महिला शौचालय की कमी की वजह से कई बार महिलाओं को शौच के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है। बस स्टैंड के किनारे में एक सुलभ कॉम्प्लेक्स है। लेकिन उसकी जानकारी ठीक से नहीं होने के कारण अक्सर महिलाएं वहा तक नहीं पहुंच पाती है। कुछ साल पहले बस स्टैंड में बने शौचालय को नया बनाने की बात कहते हुए तोड़ा तो गया लेकिन उसके बाद आज तक बस स्टैंड के अंदर एक भी महिला शौचालय नहीं बना है। नगर पंचायत की इस लापरवाही का खामियाजा यहां पहुंचने वाली महिला यात्रियों को उठाना पड़ता रहा है।
नगर सरकार ने स्वच्छता का नहीं रखा ख्याल
केन्द्र की मोदी सरकार ने बाहरी शौच मिटाने एवं स्वच्छता का ख्याल रखते हुए प्रदेश में लाखों शौचालय का निर्माण कराया। लेकिन शहर का बस स्टैंड आज भी शौचालय जैसी महत्वपूर्ण सुविधा के लिए नगर पंचायत का मुंह ताक रहा है। बिना शौचालय के बस स्टैंड में हर तरफ खुले में शौच किया जाता है। जिसकी वजह से लोगों को बदबू का सामना भी करना पड़ रहा है। शौचालय के अभाव में खासकर महिला यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि पत्थलगांव हृदयस्थल पर बसा है यहां कई राज्यों सहित प्रदेश के प्रमुख शहरों से लोगों की आवाजाही होती है। जिसके कारण यहां हज़ारों यात्रियों का आनाजाना होता है पर बस स्टैंड में शौचालय नहीं होने से महिला यात्रियों को कॉफी असुविधा होती है। वहीं यात्रियों के साथ साथ वाहन चालकों को भी रोजाना कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन इसके प्रति संवेदनशील नहीं दिख रहा है। स्थानीय प्रशासन भी इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रहा है। लोगों का कहना है कि सरकार के द्वारा महिला उत्थान की कई बातें कही जाती है वहीं दूसरी ओर बस स्टैंड में कई सालों से शौचालय का निर्माण नहीं हो पा रहा है इससे महिलाओं को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। लोगों ने महिलाओं की समस्या को देखते हुए कई सालों से मांग की जा रही है परंतु लगता है इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। यदि शौचालय का निर्माण हो जाए तो महिलाओं को इस समस्या से निजात मिल सकता है और उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। वहीं आसपास ही शहर के मुख्य व्यवसायिक स्थल है, ऐसी स्थिति में शहर व ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने के लिए पहुंचते हैं। जिनमें बड़ी संख्या में युवतियों व महिलाओं की है। लेकिन बस स्टैंड में एक सर्व सुविधायुक्त शौचालय के नहीं होने से इन्हें काफी दिक्कत होती है। अब नवनिर्वाचित विधायक से ही उम्मीद है कि इन्हें इनकी समस्या से निजात मिल सकता है।