स्कूली पाठ्यक्रम में शमिल होंगे योग और प्राणायाम: शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर में खुलेगा छत्तीसगढ़ का पहला आयुर्वेद विश्वविद्यालय : शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर। शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि आगामी शिक्षण सत्र से विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास के लिए प्रदेश के स्कूलों में योग, प्राणायाम, खेल के साथ-साथ मौलिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। श्री अग्रवाल ने यह घोषणा राजधानी रायपुर के विभिन्न स्कूलों में आयोजित कार्यक्रमों को सम्बोधित करते हुए की।
शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल राजधानी रायपुर के भास्कर पब्लिक स्कूल, चंगोरा भाठा और जागृति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भांठागांव के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने स्कूली बच्चों और उनके पालकों और उपस्थित शिक्षकगणों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में छुपी प्रतिभा को सामने लाने की जिम्मेदारी परिजनों से ज्यादा शिक्षकों पर होती है क्योंकि एक उम्र के बाद उनका ज्यादा वक्त स्कूल में गुजरता है। यह समझना चाहिए कि बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं और शिक्षक कुम्हार की तरह, जो बच्चों को एक रूप व आकार देते हैं जिससे उनके बेहतर चरित्र का निर्माण हो सके। इसीलिए सनातन धर्म में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है।
शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिए संकल्पित है। इसके लिए हम हमेशा नए योजनाओं के साथ कार्य कर रहे हैं। शिक्षा से राष्ट्र-प्रेम की भावना प्रबल हो तथा अपनी संस्कृति और श्रेष्ठ परंपराओं के प्रति आकर्षण बढ़े ऐसा हमारा प्रयास है।
रायपुर में खुलेगा छत्तीसगढ़ का पहला आयुर्वेद विश्वविद्यालय : शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल
आयुर्वेद एलुमनी मीट ‘स्वर्ण कुंभ‘ का शुभारंभ
प्रदेश का पहला आयुर्वेद विश्वविद्यालय राजधानी रायपुर में खुलेगा। राज्य के शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को श्री नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में 2 दिवसीय आयुर्वेद एलुमनी मीट ‘‘स्वर्ण कुंभ‘‘ का शुभारंभ करते हुए यह घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने कॉलेज से पढ़कर निकले और देश-विदेश में सेवाएं दे रहे, ऐसे पुराने डॉक्टर्स को सम्मानित भी किया।
शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि आयुर्वेद हमारे जीवन पद्धति का एक अंग है। हमारे घरों का रसोईघर अपने आप में एक आयुर्वेदिक औषधि केंद्र है। एक जानकर व्यक्ति इनका सही प्रयोग करके निरोगी काया पा सकता है। उन्होंने कहा कि, आयुर्वेद आदिकाल से है। जब लंका में श्री लक्ष्मण जी मूर्छित हुए थे तब भी वैद्यराज सुषेण ने आयुर्वेद के जरिए उनकी जान बचाई थी उस वक्त एलोपैथ का नामोनिशान नहीं था। लेकिन अंग्रेजों के समय से भारतीय चिकित्सा प्रणाली को हाशिए पर ला दिया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर आयुर्वेद और आयुष को बढ़ावा दिया जिसके बाद आज पूरी दुनिया में आयुर्वेद को अलग पहचान मिली। कोरोना काल में आयुर्वेदिक काढ़े और दवाईयों ने लाखांे लोगों की जान बचाई। लोगों में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता लाने का भी सुझाव श्री अग्रवाल ने दिया।