छत्तीसगढ़ राज्य में महंगी होगी बिजली, जुलाई से उपभोक्ताओं को भरना पड़ेगा बढ़ा हुआ बिल

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छत्तीसगढ़ राज्य में महंगी होगी बिजली, जुलाई से उपभोक्ताओं को भरना पड़ेगा बढ़ा हुआ बिल

छत्तीसगढ़ राज्य में महंगी होगी बिजली, जुलाई से उपभोक्ताओं को भरना पड़ेगा बढ़ा हुआ बिल

लाइन लॉस, बिजली चोरी की वजह से कंपनी को हो रहा राजस्व में 3 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान 



छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के बीच बिजली उपभोक्ताओं को अगले महीने यानी जून से बड़ा झटका लगने वाला है। बिजली नियामक आयोग नया टैरिफ जारी करेगा। इसके बाद बिजली महंगी हो जाएगी और जुलाई में बढ़ा हुआ बिल भरना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता एवं उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दरों का निर्धारण किया है। राज्य शासन द्वारा की गई राजस्व घाटे की आंशिक प्रतिपूर्ति को समायोजित करते हुए आयोग ने सभी उपभोक्ता श्रेणियों में औसत 8. 35 प्रतिशत वृद्धि अनुमोदित की गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा और सदस्य प्रमोद कुमार गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में विद्युत दरों में हुई बढ़ोतरी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य की विद्युत कंपनियों के विगत वर्षों के राजस्व घाटा तथा राजस्व आधिक्य पर विचारोपरान्त वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता 26037 करोड़ रुपए के स्थान पर 24594 करोड़ रुपए मान्य किया गया है।

इसी तरह से वितरण कंपनी द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष हेतु अनुमानित 33875 मिलियन यूनिट के स्थान पर 34091 मिलियन यूनिट मान्य किया गया है। इसी तरह वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित 4420 करोड़ रुपए राजस्व घाटे के स्थान पर 2819 करोड़ रुपए को मान्य किया गया है। तर्क दिया गया है कि, लाइन लॉस, बिजली चोरी की वजह से कंपनी को राजस्व में 3 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो रहा है।



अब घरेलू उपभोक्ताओं को 0-100 यूनिट के लिए 3.90 रुपए प्रति यूनिट देने होंगे। वहीं, 101-200 यूनिट के लिए 4.10 रुपए, 201-400 यूनिट के लिए 5.50 रुपए, 401-600 यूनिट के लिए 6.50 रुपए और 601 से अधिक यूनिट पर 8.10 रुपए प्रति यूनिट देने होंगे। आयोग और बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10-15 पैसे तक अतिरिक्त देने होंगे। इसी तरह कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ताओं को भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा। उन्होंने बताया कि नुकसान की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है। राज्य के नक्सलवाद प्रभावित दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ कर मोबाईल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नये मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 01। 04। 2019 के पश्चात् लगने वाले मोबाईल टॉवर के ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट को 25 प्रतिशत किया गया है।

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