छत्तीसगढ़ सस्टनेबिलिटी एंड रिजनरेटिव डेव्हलपमेंट के मामले में बनेगा अग्रणी राज्य

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छत्तीसगढ़ सस्टनेबिलिटी एंड रिजनरेटिव डेव्हलपमेंट के मामले में बनेगा अग्रणी राज्य

छत्तीसगढ़ सस्टनेबिलिटी एंड रिजनरेटिव डेव्हलपमेंट के मामले में बनेगा अग्रणी राज्य

'छत्तीसगढ़ विजन 2047' डॉक्यूमेंट तैयार करने वर्किंग ग्रुप की बैठक




रायपुर। सस्टनेबिलिटी एंड रिजनरेटिव डेव्हलपमेंट के मामले में छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने आज राज्य नीति आयोग में गहन विचार-विमर्श किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ के विजन डॉक्यूमेंट 2047 तैयार करने के लिए वर्किंग ग्रुप के सदस्यों ने अपने विचार रखे। नया रायपुर स्थित राज्य नीति आयोग में हुई इस बैठक में सदस्यों ने इस विषय पर के लघु, मध्यम एवं दीर्घकालिक लक्ष्यों पर सुझाव दिए।


    गौरतलब है कि विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का उत्तरदायित्व राज्य नीति आयोग को सौंपा गया है।  सितंबर 2024 तक विजन डॉक्यूमेंट का अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की अपेक्षा की गई है इसके लिए अलग-अलग विषयों पर आठ वर्किंग ग्रुप बनाए गए हैं। बैठक में राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव श्री अनूप श्रीवास्तव एवं सदस्य श्री के. सुब्रमण्यम, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत और मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ धीरेंद्र तिवारी ने विभागों द्वारा बनाए गए लघु ,मध्यम एवं दीर्घकालिक विजन एवं रणनीतियों पर सुझाव दिए।     


    वर्किंग ग्रुप के सदस्यों ने जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीले टिकाऊ सोसाइटी, विभिन्न सूचकांकों, एसडीजी सूचकांक, ऊर्जा और जलवायु सूचकांक, कार्बन फुटप्रिंट, कृषि, वानिकी, राज्य में स्थापित उद्योगों, भूमि, वायु, जल, अपशिष्ट और ऊर्जा पर प्रभाव का आंकलन, प्रौद्योगिकी संचालित अनुसंधान एवं विकास, सरकारी वित्त पोषण और निजी पूंजी निवेश, जागरूकता और संवेदनशीलता, पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना, सामाजिक समानता को बढ़ावा देना, लोक कल्याण में वृद्धि सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।


     सदस्य सचिव श्री अनूप श्रीवास्तव और सदस्य श्री के. सुब्रमण्यम ने कहा कि हमें अब सतत विकास के साथ साथ पुर्नयोजित विकास पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि दिनों दिन वन कम होते जा रहे हैैं, जिसके कारण वनोपज का उत्पादन कम होते जा रहा है, जो चिंता का विषय है, वन महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो विशेष ध्यान देने का विषय है। वनों के संरक्षण के लिए हमें स्पष्ट रोड मैप बनाने की जरूरत है। नदियों के आसपास लगातार माइनिंग हो रहा है जो चिंता का विषय है। हमें ग्रास लैंड को बचाना होगा इससे इकोसिस्टम बेहतर होगा और जैव विविधता संरक्षित होगी। हमें नवीकरण ऊर्जा पर ध्यान देना होगा। बैठक में वेस्ट मैनेजमेंट, लैंड फील साइट, रीसाइक्लिंग, सामाजिक भागीदारी, सिवरेज डिस्पोजमेंट विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।


    बैठक में सुशासन अभिसरण विभाग योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, खनिज संसाधन विभाग, ऊर्जा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आवास एवं पर्यावरण विभाग वन संरक्षक भू प्रबंधन, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ नवीकरण ऊर्जा विकास एजेंसी, आयुक्त मनरेगा, संचालक पंचायत,  छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ, कृषि किसान कल्याण एवं जैविक प्रौद्योगिकी विभाग, मुख्य कार्यपालन अधिकारी इनक्यूबेशन सेंटर इंदिरा गांधी  कृषि विश्वविद्यालय, सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, संचालक नगर एवं ग्राम निवेश के अधिकारियों ने अपने विभाग के लक्ष्य, चुनौतियां एवं सामर्थ्य का प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में कलेक्टर जिला कबीरधाम, कलेक्टर जिला सूरजपुर वर्चुअली शामिल हुए।

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