10वीं और 12वीं बोर्ड के परीक्षा परिणामों की होगी समीक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने कलेक्टरों को दिए दिशा-निर्देश

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10वीं और 12वीं बोर्ड के परीक्षा परिणामों की होगी समीक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने कलेक्टरों को दिए दिशा-निर्देश

10वीं और 12वीं बोर्ड के परीक्षा परिणामों की होगी समीक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने कलेक्टरों को दिए दिशा-निर्देश

श्रेष्ठ परिणाम वाले विद्यालयों की प्रेक्टिसेस को किया जाएगा साझा, आगामी शिक्षा सत्र के लिए बनेगी कार्ययोजना



रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी की बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों की समीक्षा की जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी जिलों के कलेक्टरों को परीक्षा परिणामों की समीक्षा करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि समीक्षा के बाद स्कूलों में आगामी सत्र में गुणवत्तायुक्त शिक्षा तथा अध्ययन-अध्यापन में सुधार के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी।

स्कूल शिक्षा सचिव ने कलेक्टरों से कहा है कि 90 प्रतिशत से अधिक परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों जिनमें अधिकांश छात्र प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं, उन विद्यालयों द्वारा अपनाई गई बेस्ट प्रेक्टिसेस अन्य प्राचार्यों के साथ साझा किया जाए, जबकि 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों के प्राचार्यो तथा विषय शिक्षकों से स्पष्टीकरण लिया जाना चाहिए। स्पष्टीकरण समाधान कारक पाए जाने पर विद्यालय और शिक्षकों की समस्या के समाधान की पहल की जाए। स्पष्टीकरण समाधान कारक नहीं पाए जाने पर संबंधित विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भिजवाया जाए। औसत परिणाम वाली शालाओं में अध्ययन-अध्यापन की स्थिति में गुणात्मक सुधार लाने के लिए आवश्यक पहल की जाए।

स्कूल शिक्षा सचिव ने शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी विद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक आयोजित कर कक्षा 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणामों करने तथा गुणवत्ता युक्त परीक्षा परिणाम देने वाले विद्यालयों के प्राचार्यों और शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने परीक्षा परिणाम देने वाले विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षकों को उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए 15 अगस्त, 26 जनवरी, शिक्षक दिवस और राज्योत्सव के मौके पर सम्मानित करने को कहा है। पढ़ाई में कमजोर प्रदर्शन करने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान देने के साथ ही विद्यालय में पालक-शिक्षक बैठक आयोजित कर ऐसे बच्चों के पालकों को जागरूक करने के साथ ही उन्हें बच्चों की पढ़ाई के लिए घर में भी बेहतर वातावरण बनाने की समझाईश दी जाए।

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