अज्ञात बीमारी से दो सगी बहनों की एक साथ मौत, तीसरे बहन का पत्थलगांव में इलाज जारी
दोनों बहनों की मौत की वजह अभी अज्ञात बिमारी है, पीएम रिपोर्ट से ही बीमारी का पता चल सकेगा :- बीएमओ डा जेम्स मिंज
पत्थलगांव- धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र के ढोढागांव में एक ही समय में दो सगी बहनों की रहस्मय तरीके से मौत हो गई। तीसरी बहन का पत्थलगांव अस्पताल में इलाज जारी है। बता दे की चार दिनों से तेज बुखार से जूझ रही दो मासूम बहने जिनका नाम संजना नाग 10 वर्ष जो कक्षा 5 वी में पढ़ती थी ,दूसरी छोटी बहन अंजनी नाग 6 वर्ष जो कक्षा 1 ली में पढ़ती थी दोनों को उनके परिजनों द्वारा बेहोशी जैसी हालत में पत्थलगांव सिविल अस्पताल आनन् फानन में बीती रात लगभग 8 बजे लाया गया था जहा चिकित्सको ने दोनों को मृत घोषित कर दिया, तेजपुर ढोढागांव निवासी बच्चे के पिता रामलाल नाग ने बताया की दोनों बच्चिया तेज बुखार से गंभीर हो गयी थी बुधवार की सुबह से शाम तक एम्बुलेंस के लिया फोन लगा कर थक गये आखिरकार धरमजयगढ़ से एक वहां किराया में लेकर पत्थलगांव लाये जहा चिकित्सको ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। वही पत्थलगांव बीएमओ डा जेम्स मिंज ने बताया की दोनों की मौत की वजह पीएम रिपोर्ट से ही पता चल सकेगा। फिलहाल अज्ञात बिमारी से घर के दो मासूम बच्चो की मौत से परिजनों में दहशत और गम का माहौल है। हालांकि संबंधित मामले में पत्थलगांव पुलिस प्रशासन व पत्थलगांव स्वास्थ्य विभाग सक्रिय है। पर एक साथ एक ही समय में दोनों बच्चियों के मौत की वजह अब तक नहीं पता चल सका है।
हर बीमारी का इलाज देसी नहीं, नीम हकीम की दवा खाने से बचे
एक बहुत पुरानी कहावत है नीम हकीम खतरा-ए-जान। इसका अर्थ यह है कि ऐसा व्यक्ति जिसके पास डॉक्टरी का अधूरा ज्ञान है वह आपकी जान खतरे में डाल सकता है। इसलिए लगातार यह कहा जाता है कि बीमारी का इलाज हमेशा प्रशिक्षित चिकित्सक से ही कराना चाहिए। स्वयं या फिर किसी झोला छाप डाक्टर को इलाज की जिम्मेदारी नहीं सौंपनी चाहिए। बावजूद इसके अशिक्षा व अंधविश्वास के चक्कर में फंस कर अक्सर हम अपनों की जिंदगी खतरे में डाल देते हैं। वहीं खबर यह भी है की दोनों बच्चियों का पीलिया बिमारी का इलाज गाँव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा जड़ी बूटी के माध्यम से किया जा रहा था।