जशपुर जिले के दो अलग अलग थानाक्षेत्रों में हुई नाबालिगो के साथ दुष्कर्म, एक आरोपी गिरफ्तार एक की पतासाजी में जुटी पुलिस

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जशपुर जिले के दो अलग अलग थानाक्षेत्रों में हुई नाबालिगो के साथ दुष्कर्म, एक आरोपी गिरफ्तार एक की पतासाजी में जुटी पुलिस

जशपुर जिले के दो अलग अलग थानाक्षेत्रों में हुई नाबालिगो के साथ दुष्कर्म, एक आरोपी गिरफ्तार एक की पतासाजी में जुटी पुलिस



देश मे में बेटियों से हैवानियत थम ही नहीं रही है। आये दिन कहीं न कहीं ऐसे मामले सामने आते रहते है। ऐसे ही जशपुर जिले के दो अलग अलग थाना क्षेत्रों में दो  नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई है। घटना में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया जबकि दूसरा आरोपी फरार चल रहा है ।

दरअसल, पहली घटना पत्थलगांव थाना क्षेत्र का है। जहां नाबालिग बालिका के परिजन ने थाने में लिखित शिकायत किया है।उसमें बताया कि बीती रात को उनकी नाबालिग बालिका घर में सो रही थी. इसी बीच अज्ञात आरोपी ने घर में घूसकर जबरन बालिका के साथ दुष्कर्म किया। युवती के हल्ला करने के बाद परिजन उठ गए, हल्ला के बाद आरोपी फरार हो गया। जिसके बाद पीड़िता ने घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी। जहां परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज किया है । पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 332बी, 64 (1) के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। वही दूसरी घटना काँसाबेल थाना क्षेत्र का है। जहां स्कूल से घर लौट रही 14 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आया है। बताया जा रहा है की नाबालिग छात्रा स्कूल से घर लौट रही थी.इसी बीच अज्ञात बाइक सवार युवक ने स्कूल की मैडम बुला रही है कहकर लिफ्ट देने का बहाने से बहला फुसलाकर उसके साथ जंगल मे दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। एसपी शशिमोहन सिंह ने बताया कि दोनों मामले थाना में FIR दर्ज किया गया है। जिसमें आरोपी के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है। वही आरोपी को टीम ने साइबर सेल की मदद से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल किया है। जल्द ही फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार करने की बात कही है ।



विडंबना ये है कि निर्भया मामला सामने आने के बाद क़ानून भी सख़्त हुए हैं, लेकिन न्याय लेने की प्रक्रिया अभी भी लंबी है।'
जब ऐसे मामले आते हैं तो इनकी चार्जशीट कम दर्ज होती है। इसके बाद अगर ये मामले दर्ज होकर कोर्ट पहुंचते हैं तो उनमें से दो तिहाई मामलों में लोग छूट जाते हैं और केवल एक तिहाई में सज़ा होती है।
ऐसे में संदेश ये जाता है कि अपराध अगर किया भी गया तो सज़ा से बचा जा सकता है। ऐसे में अपराध करने वालों में ये भावना प्रबल हो जाती है कि ऐसा करने में कोई ख़तरा नहीं है।

जानकारों का कहना है कि समाज में रेप के मामलों को अभी भी शर्म और इ़ज़्ज़त से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन अब कुछ लोग आगे आकर इसकी रिपोर्ट दर्ज करा रहे हैं। साथ ही वे मानते है कि पुलिस को और प्रभावी और संवेदनशील होने की ज़रूरत है।
जब साल 2012 की 16 दिसंबर को दिल्ली में चलती बस में युवती से गैंगरेप और दरिंदगी की सारी हदें पार होने पर पूरा देश आंदोलित हो उठा था। निर्भया कांड के नाम से जाने जाने वाले इस मामले ने पूरे देश को इस कदर झकझोरा था कि केंद्र सरकार को कानून बदलकर इसे बहुत सख्त करना पड़ा था। यहां तक कि रेप की परिभाषा भी बदल दी गई थी, ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को घटाया जा सके।  हालांकि, यह अफसोसजनक है कि निर्भयाकांड के बाद रेप के मामलों में कमी आने के बजाय इनकी संख्या बढ़ गई। अब देश मे नए कानून में इसकी परिभाषा बदलकर और शख्त कर दी गई है अब देखना होगा कि रेप के मामले बढ़ते हैं या घतटे हैं। वही कई बार देखा भी गया है जहां लड़कियों के लिए बने इस कानून का गलत तरीके से उपयोग भी किया जाता है । युवतियां अपने सुरक्षा के लिए बने कानून का गलत तरीके से उपयोग कर युवकों को फंसाने पर आतुर रहती हैं।


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