जशपुर जिले में भाजपा के विधायक रायमुनी भगत के खिलाफ एफआईआर करने की मांग को लेकर ईसाई समाज के लोगों का फूटा गुस्सा
पत्थलगांव से झारखंड के सीमा से लगे लोदाम तक 130 किलोमीटर तक मानव श्रृंखला बनाकर किया प्रदर्शन
जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर में भाजपा के विधायक रायमुनी भगत के खिलाफ ईसाई समाज के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। विधायक रायमुनी भगत के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन के प्रथम चरण में समुदाय के द्वारा आज दिनांक 3 अक्टूबर 2024 को प्रातः 10 बजे से 11.30 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्ग कमांक 43 में पत्थलगांव से लोदाम तक 130 किलोमीटर में मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बच्चे,महिला,पुरुषों ने तख्तियां लेकर इस मानव श्रृंखला में शामिल हुवे।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में भाजपा विधायक द्वारा प्रभु यीशु पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने से ईसाई समाज में आक्रोश है। विधायक पर FIR दर्ज करने की मांग को लेकर जिले के पत्थलगांव से झारखंड के सीमा से लगे लोदाम तक 130 किलोमीटर तक मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया गया।
ईसाई आदिवासी महासभा जिला ईकाई जशपुर के जिलाध्यक्ष वाल्टर कुजूर ने बताया कि जशपुर विधायक रायमुनी भगत के नाम से जारी कथित विवादित वायरल वीडियो 1 सितम्बर को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें वे जिले के मनोरा विकासखंड के ग्राम ढेंगनी में भुईहर समाज के सामुदायिक भवन के भूमिपूजन के कार्यक्रम में भाषण दिया था। विधायक रायमुनी भगत से इस भाषण से ईसाईयों के धर्म और धार्मिक विश्वासों का अपमान हुआ है और उनकी धार्मिक भावना को गहरी ठेस पहुंची है। ऐसा भाषण सामाजिक सौहाद्र को बिगाड़ने वाला और दो समुदायों के बीच कटुता उत्पन्न करने वाला है।
एफआईआर नहीं करने से नाराजगी जशपुर जिले के आस्ता या अन्य किसी भी पुलिस थाने में विधायक रायमुनी भगत के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं किए जाने पर 18 सितंबर को पुलिस अधीक्षक को ईसाई समुदाय के लोगों ने थाना आस्ता, कुनकुरी एवं सिटी कोतवाली जशपुर एवं अन्य थानों में एफ.आई.आर. करने की मांग की गई थी। आज तक FIR नहीं होने पर ईसाई समुदाय की ओर से आज 3 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से 11.30 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में पत्थलगांव से लोदाम तक मानव श्रृंखला बनाई गई। इसके लिए जिले में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है, साथ ही लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की हालत में निपटने की तैयारी कर ली गई थी।
ज्ञापन के अनुसार कहा गया कि विधायक ने अपने भाषण में ईसाई धर्म और यीशु मसीह का अपमान करते हुए उन्हें सूली पर चढ़ाने और उनके पुनर्जीवित होने के विश्वास पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, ईसाई समुदाय के नेताओं ने विधायक रायमुनी भगत पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने, धर्म के आधार पर वैमनस्य और घृणा फैलाने का आरोप लगाते हुए, सुसंगत धाराओं के तहत अपराध दर्ज करने की मांग की है। इस घटना ने जिले में धार्मिक और सामुदायिक सौहार्द को चुनौती दी है, और राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी इसकी चर्चा जोर-शोर से हो रही है, धार्मिक नेताओं और विभिन्न संगठनों ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।