रातों रात Sbi बैंक का खोला फर्जी शाखा, बेरोजगारों को इंटरव्यू के जरिये दी नियुक्ति, छत्तीसगढ़ में हैरान कर देने वाला मामला आया सामने

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रातों रात Sbi बैंक का खोला फर्जी शाखा, बेरोजगारों को इंटरव्यू के जरिये दी नियुक्ति, छत्तीसगढ़ में हैरान कर देने वाला मामला आया सामने

रातों रात Sbi बैंक का खोला फर्जी शाखा, बेरोजगारों को इंटरव्यू के जरिये दी नियुक्ति, छत्तीसगढ़ में हैरान कर देने वाला मामला आया सामने

पुलिस ने इस मामले में तीन के खिलाफ किया मामला दर्ज, ब्रांच का सारा समान किया जब्त, जांच पड़ताल एवम पूछताछ जारी





बैंक ट्रांजेक्शन में फ्रॉड, लेन-देन में धोखाधड़ी, जाली दस्तावेजों से बैंक में ठगी के कई मामले आपने पढ़े, सुनें और देखें होंगे। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसके शिकार सैकड़ों लोग हुए हैं। आप जानकर यह सोच में पड़ जाएंगे कि ऐसा भी होता है क्या। कुछ लोगों ने छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में स्टेट बैंक ऑफर इंडिया की फर्जी ब्रांच खोल लिया। खुलासा होने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। किसी फिल्म की तरह अपराधियों ने यहां भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की न सिर्फ फर्जी शाखा खोल दी बल्कि बेरोजगारों को इंटरव्यू करके नौकरियां भी बांट दीं।

छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र अंतर्गत छपोरा गांव में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नाम से उसकी फर्जी ब्रांच चलाने का भंडाफोड़ हुआ है। यह ब्रांच वैभवी कॉम्प्लेक्स में खुला है।पुलिस ने बताया कि फर्जी ब्रांच 18 सितंबर से मालखरौदा थाना क्षेत्र के छपोरा गांव में चल रही थी। पुलिस ने इस मामले में तीन के खिलाफ केस दर्ज किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रमा पटेल ने बताया कि फर्जी ब्रांच एसबीआई के पोस्टर और बैनर के साथ किराए की दुकान में चल रही थी। गिरोह का भंडाफोड़ स्थानीय लोगों को इस पर संदेह होने के बाद हुआ। 

बता दें कि आपने फिल्म 'स्पेशल 26' में सुपर स्टार अक्षय कुमार को फर्जी सीबीआई टीम बना कर बड़े-बड़े कारोबारियों को लूटते देखा होगा। कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ के सक्ति जिले में देखने को मिला है। यहां रील लाइफ से रियल लाइफ में फर्क ये है कि यहां ठगों की टीम ने पूरा का पूरा फर्जी बैंक ही खोल दिया। यहां किसी फिल्म की तरह अपराधियों ने ठगी की कहानी तैयार की,पात्र और जगह का चयन किया और SBI का ब्रांच खोल दिया। इतना ही नहीं इन अपराधियों ने अपने ब्रांच में फर्जी नियुक्तियां भी दीं और उन्हें ट्रेनिंग भी देनी शुरू कर दिया, हालांकि वे अपने मंसूबों को मुकाम तक पहुंचा पाते इससे पहले ही उनकी साजिश का पर्दाफाश हो गया।

गांव में 10 दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नई ब्रांच खुली तो ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। बैंक में खाता खुलवाने, लेन-देन की प्रक्रिया की पूछताछ के लिए ग्रामीण भी पहुंचने लगे। इसी दौरान लोग यहां नौकरी की तलाश में भी पहुंचे। किसी को शक नहीं हुआ क्योंकि बैंक में फर्नीचर, कागजात और कामकाज का तरीका बिल्कुल प्रोफेशल बैंकों की तरह हो रहा था। इस बैंक में छह लोगों को नौकरी भी मिली। सबकुछ सही चल रहा था लेकिन 27 सितंबर को जो पूछताछ हुई उससे यहां नौकरी पाने वाले लोग सकते में आ गए क्योंकि वो पूछताछ करने पुलिस के साथ-साथ SBI के आला अधिकारी भी आए थे। इसी बीच बैंक का फर्जी मैनेजर यानी मास्टरमांड और अधिकारी-कर्मचारी सब फरार हो गए और पीछे छोड़ गए फर्जी नौकरी पाने वालों के साथ हुई लाखों की धोखाधड़ी वालों को। 

मामले की शिकायत सबसे पहले ग्रामीण अजय कुमार अग्रवाल ने की, उन्होंने बताया कि मैंने छपोरा लोकेशन में एसबीआई कियोस्क के लिए एप्लाई किया था, इसी बीच मुझे पता चला कि छपोरा में रातों-रात एसबीआई का ब्रांच खुल गया है। अपना नजदीकी ब्रांच डबरा है इसलिए मुझे डाउट हुआ कि रातों रात एसबीआई का ब्रांच कैसे खुल सकता है? इसके बाद मैंने डबरा ब्रांच मैनेजर को इसकी जानकारी दी। इसके बाद वे खुद मौके पर आए और यहां के कर्मचारियों से बात की फर्जीवाड़े का पता चला। यहां के बोर्ड पर ब्रांच का कोई कोड नहीं लिखा था।



ठगों ने जिन लोगों को फर्जी नौकरियां दीं थी उनसे बात की गई तो उसी में से एक ज्योति यादव ने बताया कि वे लोग छपोरा बैंक में ले गए थे। जहां उससे डॉक्यूमेंट जमा कराए गए और बायोमैट्रिक प्रिंट भी तैयार हुआ। इसके बाद आपका ज्वाइनिंग हो गया। उन लोगों ने कहा था 30 हजार रुपये सैलरी देंगे, इसके बाद मुझसे ऑनलाइन फॉर्म भरवाया गया, कुछ दिनों बाद मेरे पास जॉब का ऑफर लेटर भी आ गया। इसी तरह दूसरी कथित कर्मचारी संगीता ने भी अपनी आपबीती हमसे बताई। उन्हें 13 अक्तूबर को ज्वाइन करने के लिए बुलाया गया था। 

अब तक की पड़ताल में पता चल गया था कि ठगों का पहला निशाना बेरोजगार थे। छपोरा के फर्जी बैंक शाखा में कोरबा जिले के उरगा की की रहने वाली ज्योति, संगीता की तरह ही कोरबा के रामपुर के रहने वाले परमेश्वर राठौर, बालोद जिले के बुधनपुर के जयश देशमुख, सक्ती जिले की रोहिणी साहू और कबीरधाम जिले के पिंटू धुर्वे को फर्जी नियुक्ति पत्र नौकरी के लिए भेजा जा चुका था।

दरअसल बैंक में कैशियर, कम्प्युटर ऑपरेटर, मैनेजर से लेकर प्यून तक की नौकरी दी गई थी, इसके लिए बकायदा ऑफर और ज्वाइनिंग लेटर भी दिया गया। हर किसी से ठगों ने डिमांड लगभग एक जैसी की थी लेकिन सौदा अलग-अलग दर में तय हुआ। अब सवाल उठता है कि बेरोजगार ठगों के संपर्क में आए कैसे?

वहीं, इस खुलासे के बाद एसबीआई के अधिकारी हैरान हैं। पुलिस की टीम फरार मैनेजर की तलाश में जुटी है। साथ ही यह जांच कर रही है कि आरोपियों ने इस नाम पर लोगों से कितने की ठगी है। एसबीआई के अधिकारियों का कहना है कि जब भी कोई नया ब्रांच खुलता है तो शहर में मेन ब्रांच को इसकी सूचना होती है। साथ ही भर्ती एसबीआई की तरफ से होती है।

पुलिस ने फर्जी ब्रांच से सारा समान जब्त कर लिया है। अब आगे की पड़ताल की जा रही है। जब्त कंप्यूटर से कुछ नया सुराग मिल सकता है। बताया जा रहा है कि इस शाखा में स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी। कई लोगों ने यहां रकम भी जमा किए थे। छापामारी के दौरान शाखा में पांच कर्मचारी काम करते पाए गए। इन कर्मचारियों ने दावा किया कि उन्हें इंटरव्यू के जरिए भर्ती किया गया था। फिलहाल पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

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