घरजियांबथान जलाशय के गेट को तोडने एवं फर्जी डुबान का रकबा को पंजीयन करा पुराने धान बिक्री के संबंध में हुई शिकायत

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घरजियांबथान जलाशय के गेट को तोडने एवं फर्जी डुबान का रकबा को पंजीयन करा पुराने धान बिक्री के संबंध में हुई शिकायत

घरजियांबथान जलाशय के गेट को तोडने एवं फर्जी डुबान का रकबा को पंजीयन करा पुराने धान बिक्री के संबंध में कलेक्टर जनदर्शन में हुई शिकायत








पत्थलगांव। घरजियांबथान जलाशय के गेट को तोडकर जलाशय के पानी को बहा देने और पटवारी से सांठगांठ कर फर्जी डुबान का रकबा को पंजीयन करवाकर पुराने धान को मंडी में बिक्री के संबंध में तिरसोंठ के मछुवा सहकारी समिति के सदस्यों ने जशपुर कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत की है। ग्रामीणों ने बताया कि घरजियांबथान में डुबान क्षेत्र का पंजीयन कर पवित्र मोहन बेहरा पिता गणेश्वर बेहरा द्वारा पिछले 10 सालों से धान बेचा जा रहा है । बार बार शिकायत होने के बाद भी प्रशासन आज तक चुप्पी साधी हुई है।

उन्होने आवेदन के जरिये बताया कि जलाशय घरजियांबथान को आदिवासी मछुवा सहकारी समिती मर्यादित तिरसोट पंजीयन कमांक 81 में कुल 36 सदस्या जो की शासन द्वारा 115 हेक्टेयर दिया गया है जिसे पवित्रो मोहन बेहरा एवं पूर्व अध्यक्ष नैहर साय को बहला फुसलाकर जलाशय का गेट को तोडकर पानी को बहा देते है। जिससे समिती द्वारा मना करने पर झुठा केश में फसाने की धमकी दी जाती है। क्योकि जलाशय के उपर तरफ पवित्रों मोहन बेहरा पिता गणेश्वर बेहरा का डुबान एरिया है। जिसे मुवाजा प्राप्त करने के बाद भी शासन को गुमराह कर के पटवारी से मिली भगतकर पुनः उसे अपने पिता के नाम से धान पंजीयन कर डुबान की रकबा को बढवा लिया है। जबकी अभी भी वहा 20 फीट पानी है। प्ररन्तु पटवारी से मिलकर धान का रकबा बढवाकर धान खरीदी केन्द्र घरजियांबथान पंजीयन क0 62 में गर्मी में उगाया हुआ पुराना धान को अवैध रूप से विकय किया जाता है। अभी भी जांच करने पर उसके पास 500 बोरी पुराना धान प्राप्त होगा। इसलिए पवित्रो मोहन बेहरा द्वारा जलाशय के गेट को तोडकर पानी को बहा दिया जाता है। चुकि आदिवासी मछुवा सहकारी समिती तिरसोट को 10 वर्ष के पटटें में 115 हैं0 दिया गया है। 115 हे0 के लीज राशि शासन द्वारा ली जाती हैं। जबकी इनके द्वारा पानी बहा देने के कारण 20 एकड पानी बच पाती है। जिसे हमारे समिती को भारी नुकसान का सामना करना पडता है। एवं पवित्रो मोहन बेहरा द्वारा छूल कपट और चलाकी से सोसाइटी के प्रबंधंक एवं कम्प्युटर ऑपरेटर से मिलकर धान टोकन कटाकर शासन को गुमराह करते हुए धान बिना लाये खरीदी करवा लेता है। और राशी प्राप्त करने के बाद सोसाइटी को सडा गला पुराना धान देता है।

अतः श्रीमान जशपुर कलेक्टर महोदय जी से निवेदन है। की उचित जांच करते हुए अवैध धान पंजीयन रकबा की राशि को शासन की खाता में वापस करतें हुए कार्यवाही करने कि कृपा करें।



वही छ०म० मतस्य पालन के द्वारा अनुबंधित समिति घरजियांबथान पंचायत घरजियांबथान, तह० पत्थलगांव, में पदस्थ किशोर बेहरा द्वारा मतस्य का रकम गबन किये जाने एवं अध्यक्ष नैहर साय को गाली-गलौज, मार-पीट किये जाने के संबंध में कलेक्टर जनदर्शन में ही पूर्व में की जा चुकी है शिकायत।

शिकायत आवेदन में लिखा गया है कि में नेहर साय उक्त समिति का अध्यक्ष हूँ जो कि छ०ग० मतस्य पालन विभाग द्वारा मतस्य उद्योग के अधिकार / पंचायत राज्य व्यवस्था के अंतर्गत ग्राम घरजियांबथान में कुल 36 सदस्यों को मिलाकर मतस्य पालन 2017 से वर्तमान दिवस तक हो रहा है। जिसमें हम सभी सदस्य मिलकर मतस्य पालन कर शासन के नियमानुसार कार्य का संचालन करते हुए आ रहे हैं। लेकिन हमें लाभ नहीं हो रहा है, हम कर्ज में डूब रहे हैं कारण कि सदस्य किशोर बेहरा द्वारा जबरन पैसे पर हस्तक्षेप कर बहला-फुसलाकर पैसा को ले जाता है। बीज के कर्ज को पटाने के लिए पैसा मांगने पर लडाई झगडा मार-पीट करता है बांध में गाड़ दुगा कड़कर धमकी देता है।

कोरोना काल के पूर्व वर्ष में 2018-19 से 2020-21 तक मछली को उक्त समिति से ले जाकर बिना जानकारी दिए बजार में व्यापारियों को विक्री कर पैसा को ले जाता था। मेरे द्वारा पैसा मागने पर धक्का-मुक्की माँ-बहन का गाली देकर डरा देता था। एक बार गिराकर पिटने के कारण चोट भी आया था इसके द्वारा केवल वर्ष 2020-21 में ही 6,00,000/- रू. का गबन किया गया जबकि अन्य वर्षों में भी गबन का कार्य किया है।

उपरोक्त कृत्य के कारण आदिवासी मछुआ सह कारी समिति द्वारा 23.08.2020 को बैठक कर सर्व सहमति से विचार कर निष्कासीत किया गया हैं चूंकि किशोर बेहरा ग्राम पंचायत चौराआमा का उपसरपंच हैं। जिसके कारण कुछ सदस्यों को बकरा, दारू, खिला-पिलाकर अपने पक्ष में करके अध्यक्ष से झगड़ा कर कुछ कागजाद रिकार्ड छिनकर ले गया, और मनमानी ढंग से लिखा-पढ़ी कर दिया है। कुछ महत्वपूर्ण बैठकों में अध्यक्ष का हस्ताक्षर करने के बाद अपने अनुसार प्रस्ताव लिखता था। जिससे अध्यक्ष अभिज्ञ रहता था। इस बात की पुष्टि हेतु बैठक रजिस्टर की जाँच की जा सकती है।

इसके संबंध में शिकायत कई बार कर चूका हूं लेकिन फिर भी इसके उपर कोई जाँच नहीं होती है अब मैं कर्ज में डूब गया हूं, मानसिक रूप से परेशान हूं जीवन में कोई अनर्थ करने से पहले समुचित न्याय हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा हूं।

अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि उक्त मामले की न्यायिक जांच कर उचित कार्यवाही किये जाने की कृपा हो।

नैहर साय के इस आवेदन के बाद काउंटर केस के लिए किशोर बेहरा द्वारा यह झूठा आरोप लगाकर आवेदन किया है हमारी इच्छा है की डुबान में जितने भी किसान आते हैं सभी के पंजीयन की जांच हो जाए, खास करके किशोर बेहरा एवं उसके पिताजी कीर्ति चंद बेहरा और दयाराम एक्का यह भी डुबान वाले हैं इनकी पंजीयन की भी जांच शासन द्वारा ईमानदारी से की जानी चाहिए और सबको समान न्याय प्रदान हो।

वही देखना होगा कि दोनों के शिकायत के उपरांत कौन सही है कौन गलत है इसका फैसला तो प्रशासनिक अधिकारी ही कर पाएंगे। जांच के बाद ही सही फैसला हो सकेगा।




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