नगरीय निकाय एवम त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच बोर्ड की परीक्षाएं, बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा बड़ा असर

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नगरीय निकाय एवम त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच बोर्ड की परीक्षाएं, बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा बड़ा असर

नगरीय निकाय एवम त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच बोर्ड की परीक्षाएं, बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा बड़ा असर

डिप्टी सीएम ने कहा है कि, परीक्षा के साथ चुनाव भी जरूरी, शालेय शिक्षक संघ और कांग्रेस कर चुकी है विरोध



रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में निर्वाचन आयोग ने निकाय एवम पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी है। 11-23 तक फरवरी तक वोटिंग है। इन सबके बीच 14 फरवरी से CBSE और ICSE बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। वहीं 1 मार्च से CG बोर्ड की भी परीक्षाएं हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर बड़ा असर पड़ सकता है।

इन सबको लेकर शालेय शिक्षक संघ का कहना है कि टीचर्स चुनाव में व्यस्त रहेंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। वहीं कांग्रेस ने बोर्ड परीक्षा के दौरान चुनाव कराने का विरोध किया है, जबकि डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा है कि, परीक्षा के साथ चुनाव भी जरूरी है।

फरवरी में पूरे महीने चुनाव

छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव 11 फरवरी को होंगे। 15 फरवरी को नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के नतीजे आ जाएंगे। इस बार नगरीय निकाय के चुनाव EVM से ही होंगे। निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की भी घोषणा कर दी है। 3 चरण में 17, 20 और 23 फरवरी को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होगा। इसके नतीजे 18, 21 और 24 फरवरी को आएंगे।

सीजी बोर्ड में 5 लाख 70 हजार से ज्यादा छात्र

प्रदेश में 12वीं बोर्ड की परीक्षा 1 मार्च होगी से होगी, जबकि 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं 3 मार्च से शुरू हो रही हैं, जिसके लिए करीब 5 लाख 71 हजार से ज्‍यादा छात्रों ने आवेदन किया है। एग्‍जाम के लिए बोर्ड ने करीब 2500 परीक्षा केंद्र बनाने का फैसला लिया है।

टीचर्स की ड्यूटी और स्टूडेंट्स की टेंशन

चुनाव कराने में सरकारी टीचर्स की अहम भूमिका होती है। ट्रेनिंग से लेकर वोटिंग और मतगणना तक की जिम्मेदारियां उन्हीं के कंधों पर रहती हैं। इस वजह से स्कूलों में पढ़ाई का माहौल पूरी तरह से बिगड़ जाता है। वहीं, बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को गाइडेंस और सपोर्ट नहीं मिल पाता है।

स्कूल बनेंगे मतदान केंद्र, पढ़ाई पर पड़ेगा असर

चुनाव के दौरान ज्यादातर स्कूलों को मतदान केंद्र बना दिया जाता है। इस वजह से कक्षाएं बंद हो जाती हैं या फिर सिर्फ नाममात्र के लिए चलती हैं। चुनाव की तैयारियों में स्कूल का इन्फ्रास्ट्रक्चर भी पूरी तरह इस्तेमाल होता है, जिससे स्टूडेंट्स को पढ़ाई के लिए शांत माहौल नहीं मिलता।

कांग्रेस कर चुकी है विरोध

पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि चुनाव और परीक्षाओं का टकराना निश्चित है। ये स्थिति भाजपा के डर के कारण आई है। सरकार चाहती तो अभी तक चुनाव संपन्न हो चुके होते। परीक्षाओं और चुनाव के बीच टकराहट नहीं होती। अब इस चुनाव के कारण बच्चों की परीक्षाएं बाधित होगी।

साव बोले- समय पर चुनाव करना जरूरी

इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव का कहना है कि, चुनाव का निश्चित समय में होना जरूरी है। ठीक उसी तरह जैसे बच्चों की परीक्षाएं जरूरी है। ये कोशिश रहेगी कि बच्चों की परीक्षाओं पर चुनाव का असर ना पड़े।

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