छत्तीसगढ़ कांग्रेस चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के खिलाफ आज मंगलवार को राज्य के 33 जिलों में करेगी चक्काजाम
सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और रायपुर संभाग में दोपहर 12 से 2 तक लोगों को झेलनी पड़ सकती है परेशानियां
शराब घोटाले में ED की पांच दिन की रिमांड पर चल रहे चैतन्य बघेल, संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा -ED
महादेव सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर ने चैतन्य बघेल को विवाह के मौके पर किया था जगुवार कार गिफ्ट
छत्तीसगढ़ कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस आज मंगलवार को 33 जिलों में चक्काजाम करेगी। सरगुजा, बस्तर, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर संभाग में दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक प्रदेशभर के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह प्रदर्शन प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के विरोध में किया जा रहा है, जिसे कांग्रेस ने राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद कांग्रेस ने जमकर सरकार पर निशाना है। रायपुर में कांग्रेस नेताओं की एक अहम बैठक हुई और आगे की रणनीति तय की गई। इसी के तहत मंगलवार को कांग्रेस ने पूरे राज्य में आर्थिक नाकेबंदी करने का ऐलान किया है। सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और रायपुर संभाग में दोपहर 12 से 2 तक लोगों को परेशानियों का सामने करना पड़ सकता है। रायपुर में VIP रोड पर श्रीराम मंदिर चौक के पास, धनेली और धरसींवा में भी नेशनला हाईवे जाम रहेगा। वहीं बिलासपुर में सकरी-पेंड्रीडीह फ्लाईओवर के नीचे आंदोलनकारी जुटेंगे, जिससे रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह से बंद हो सकती है।
शराब घोटाले में ED की पांच दिन की रिमांड पर चल रहे चैतन्य बघेल
शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पांच दिन की रिमांड पर चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल से तीसरे दिन भी पूछताछ की गई। ईडी के अधिकारी चैतन्य से संपत्ति, निवेश और आय के स्रोत की जानकारी मांग रहे हैं। साथ ही व्हाट्सएप चैटिंग और मैसेज को लेकर भी सवाल किए जा रहे हैं। जांच के दौरान ईडी ने दावा किया है कि इस घोटाले में चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपए मिले। चैतन्य ने इस काली कमाई को सही बताने की कोशिश में लगे है। हालांकि, ईडी को अब तक संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है।
जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीम ने चैतन्य से लक्ष्मी नारायण बंसल (पप्पू बंसल) के बयान का हवाला देते हुए पूछा कि शराब सिंडिकेट से कैश हैंडलिंग के लिए मिले 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किस चैनल और किन लोगों के माध्यम से उन तक पहुंचाई गई। साथ ही यह रकम कहां-कहां निवेश की गई और सिंडिकेट से उन्हें कितनी राशि कमीशन के रूप में मिली।
चैतन्य बघेल ने ईडी के तमाम सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं और कृषि उनकी आय का प्रमुख स्रोत है। व्हाट्सएप चैटिंग और मैसेज के बारे में उन्होंने अनभिज्ञता जताई। ईडी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि शराब घोटाले से अर्जित करोड़ों रुपये उन्हें मिले हैं, जिनके पुख्ता सुबूत और ट्रांजेक्शन डिटेल्स मौजूद हैं। इस पर चैतन्य ने सभी आरोपों से साफ इनकार कर दिया।
अनवर, त्रिलोक, केके समेत कई से होगी पूछताछ
ईडी अब होटल कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, केके श्रीवास्तव, रेलवे ठेकेदार विजय अग्रवाल, उनकी बेटी रूही, भतीजे राहुल अग्रवाल और बसंत अग्रवाल से भी पूछताछ करेगी। ये सभी शराब घोटाले की रकम के इधर-उधर किए जाने में संदिग्ध माने जा रहे हैं।
विवाह पर मिली थी जगुवार कार
सूत्रों के अनुसार, महादेव सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर ने चैतन्य बघेल को विवाह के मौके पर जगुवार कार गिफ्ट में दी थी। कार की खरीद से पहले चैतन्य की पसंद के रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए भी बड़ी रकम चुकाई गई थी। ईडी इस एंगल की भी जांच कर रही है।
वहीं छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित आबकारी घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ACB) ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एफ एल 10 लाइसेंसी कंपनी नेक्सीजन इजी टेक प्राइवेट लिमिटेड के तीन प्रमुख लोगों अभिषेक सिंह, मनीष मिश्रा और संजय मिश्रा को गिरफ्तार किया है।
जांच पर तथ्य सामने आया है कि साल 2020-21 में विदेशी शराब पर कमीशन उगाही की मंशा से आबकारी सिंडिकेट के भरोसेमंद 3 कंपनियों को एफएलए-10 लाईसेंस दिया गया था। शराब विनिर्माता कंपनियां पहले इन लाईसेंसी कंपनियों को शराब सप्लाई करती, फिर उस कीमत पर 10 प्रतिशत का मार्जिन जोड़कर यह कंपनियां आबकारी विभाग के सीएसएमसीएल को शराब बेचती थी। गिरफ्तार आरोपियों के द्वारा अपने लाभ के हिस्से का 60 प्रतिशत हिस्सा सिंडीकेट के प्रमुख अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा तथा अन्य लोगों तक पहुंचाया जाता था। विदेशी शराब पर कमीशनखोरी की जांच ब्यूरो के द्वारा पृथक से की जा रही है।



