रसूखदार दोस्तों ने महंगी कारों के काफिले को बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर खड़ी कर बनाया था रील

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रसूखदार दोस्तों ने महंगी कारों के काफिले को बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर खड़ी कर बनाया था रील

रसूखदार दोस्तों ने महंगी कारों के काफिले को बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर खड़ी कर बनाया था रील 

हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, वाहन जब्त क्यों नहीं किए गए? शासन10 दिनों के भीतर जवाब दे

जब कोई रईस बच्चा इस तरह की हरकत करता है, तो पुलिस की ढिलाई और ज्यादा चिंताजनक हो जाती है -हाई कोर्ट

सार्वजनिक सड़क को बाधित करने और कानून-व्यवस्था को चुनौती देने का यह मामला 

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद बिलासपुर पुलिस ने रात 12 बजे थाने मंगवा ली 6 लग्जरी गाड़ियां



नेता के बेटे और उसके रसूखदार दोस्तों ने महंगी कारों के काफिले को बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर खड़ी कर रील बनाने के बाद इसे इंस्टाग्राम पर शेयर किया। रील बनाने तक सड़क के एक ओर जाम लगा रहा। इस मामले को लेकर अब हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच ने स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बैंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पूछा कि, वाहन जब्त क्यों नहीं किए गए? शासन10 दिनों के भीतर जवाब दे।

मुख्य सचिव को शपथ पत्र के साथ जवाब देने को कहा गया है। पूछा कि यह कानून व्यवस्था को चुनौती देने जैसा है, लेकिन पुलिस ने केवल जुर्माना वसूला और ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने का प्रस्ताव ही भेजा, गाड़ियां जब्त क्यों नहीं की? चीफ जस्टिस सिन्हा के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि यह बेहद चिंता की बात है कि बार-बार हाईवे जैसे सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की शरारतें दोहराई जा रही हैं। ये लोग यह न सिर्फ खुद की जान जोखिम में डालते हैं बल्कि दूसरों की जिंदगी से भी खिलवाड़ करते हैं।

मामले में पुलिस की दिखावे की सिर्फ चालानी कार्रवाई करने पर चीफ जस्टिस जमकर नाराज हुए। जब कोई रईस बच्चा इस तरह की हरकत करता है, तो पुलिस की ढिलाई और ज्यादा चिंताजनक हो जाती है। चीफ जस्टिस ने कहा कि अन्य मामलों में पुलिस गाड़ियां जप्त कर थाने में खड़ी करवा लेती है। इस मामले में न जुर्माना असरदार है, न ही गाड़ियां जब्त की गईं। इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट या अन्य एक्ट के तहत केस दर्ज नहीं किया गया। जबकि यह सार्वजनिक सड़क को बाधित करने और कानून-व्यवस्था को चुनौती देने का मामला है।

"अगर आम नागरिक ट्रैफिक नियम तोड़े तो कार्रवाई होती है, फिर इन रसूखदार युवकों को क्यों बख्शा गया? सिर्फ जुर्माना काफी नहीं, यह कानून व्यवस्था की खुली अवहेलना है।” ---हाई कोर्ट

सख्ती के बाद पुलिस ने रात 12 बजे थाने मंगवा ली गाड़ियां हाई कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस भी देर रात हरकत में आ गई। बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर जिन वाहनों को खड़े कर जाम लगाया गया, उन्हें रात 12 बजे सकरी थाने में बुला लिया गया। पुलिस ने रात करीब 12:30 बजे तक थाना परिसर में 6 वाहन रखवा लिए। इस मामले में सकरी थाने में बीएनएस की धारा 126 (2), 285, 3(5) के तहत अपराध दर्ज कर जांच की जा रही है। 

दरअसल, भाजपा नेता के करीबी और कांग्रेस नेता विनय शर्मा के बेटे वेदांश शर्मा और उसके दोस्तों ने काली टोयोटा फॉरच्यूनर गाड़ियों के काफिले में रतनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुलेआम स्टंट किए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के अनुसार न सिर्फ सड़क के बीच गाड़ियां खड़ी कर दीं, बल्कि वीडियो शूट के लिए प्रोफेशनल वीडियोग्राफर और तेज लाइट्स तक का इंतजाम किया। इस दौरान जाम लग गया।

पुलिस ने सिर्फ जुर्माना वसूल कर छोड़ दिया था

वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर 2000 रुपए प्रति गाड़ी जुर्माना लगाया और आरटीओ को ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव भेजा। इससे पहले 4 जुलाई को भी डीएसपी की पत्नी ने भी ऐसा स्टंट किया था। इस मामले पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था। बिलासपुर की घटना के कारण मामले पर तय समय से पहले सुनवाई की गई।

हाईकोर्ट ने यह भी पाया कि पुलिस ने इस मामले में दोषी युवकों के नाम और गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर सार्वजनिक नहीं किए हैं। कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह सीधा-सीधा रसूखदारों को बचाने की कोशिश है। पुलिस रिकॉर्ड में जिन युवकों के नाम सामने आए हैं, उनमें वेदांश, सिद्धार्थ, यशवंत, दुर्गेश, विपिन और अभिनव शामिल हैं।

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