पत्थलगांव एनएच 43 मदनपुर इंजको के पास डिवाइडर से टकराई तेज रफ्तार यात्री बस, बाल-बाल बचे सभी यात्री
बसों की तेज रफ्तार पर न पुलिस ध्यान दे रही है न परिवहन विभाग, कम समय के अंतराल में परमिट जारी, दूसरी ओर जल्दी पहुंचने की प्रतिस्पर्धा
पत्थलगांव । एनएच-43 पर सोमवार तड़के सुबह 4 बजे एक बड़ा हादसा उस वक्त टल गया, जब तेज रफ्तार में जा रही एक यात्री बस डिवाइडर से टकरा गई। हादसा पत्थलगांव के मदनपुर इंजको के पास सुबह 4 बजे हुआ। बस सासाराम (बिहार) से रायगढ़ (छत्तीसगढ़) जा रही थी। अचानक चालक को नींद की झपकी आ जाने से बस ने पहले सड़क किनारे लगे खंभे को टक्कर मारी, फिर करीब 200 मीटर तक डिवाइडर को तोड़ते हुए आगे बढ़ गई। हादसे में बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि सभी यात्री सुरक्षित हैं और कोई जनहानि नहीं हुई। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और दूसरी बस से गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था की गई। प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। हादसे के बाद कुछ देर के लिए सड़क पर ट्रैफिक बाधित रहा।
बता दें कि मानसून सीजन में सड़कें खतरों से खाली नहीं रहतीं। बारिश के कारण सड़कों पर दृष्यता भी कम होती है। यही वजह है कि इस सीजन में एक्सीडेंट की घटनाएं बढ़ जाती हैं। बताया जा रहा कि हादसे के वक्त बस की स्पीड तेज थी। जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं।
बसों की तेज रफ्तार पर न पुलिस ध्यान दे रही है न परिवहन विभाग। ऐेसे में यात्रियों की जान सांसत में बनी रहती है। एक तो आज कल कई बसों में क्षमता से अधिक यात्री सवार रहते हैं। वहीं एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा व जल्दी पहुंचने के चलते अकसर इनके बीच रेस लगी रहती है। ऐसे में बसों की तेज रफ्तार हादसों की वजह बनती है। सभी रूट पर बसों की रफ्तार अक्सर तेज रहती है वहीं क्षमता से अधिक यात्री बिठाए जाते हैं।
कम समय के अंतराल में इन बसों को परमिट मिलने के कारण इन बसों की रफ्तार ज्यादा रहती हैं। एक-दूसरे से पहले पहुंचने कर वापस आने के कारण भी बसों में अक्सर रेसिंग होती है। क्योकि कम समय के अंतराल में परमिट जारी किए गए हैं। ऐसे में समय से पहुंचने व वापस लौटने के चक्कर में बसें तेज रफ्तार से दौड़ाई जाती है। बस स्टैंड से निकलने के बाद सवारी बिठाने के चक्कर में भी बसों के बीच रेसिंग होती है। कई बार एक स्लीपर में चार-चार यात्री बिठाए जाते हैं। त्योहारी सीजन में इन बसों में सबसे ज्यादा ओवरलोडिंग होती है। जिसके कारण ऐसे हादसे निकलकर सामने आते है।





