राजधानी रायपुर में महिला अधिकारी से लाखों रूपये की साइबर ठगी का मामला आया सामने
डिप्टी डायरेक्टर ने झांसे में आकर कई बार में 90 लाख रुपये से अधिक की रकम विभिन्न बैंक खातों में किया ट्रांसफर
आम लोगों के साथ साथ अब पढ़े लिखे अधिकारी भी इससे नहीं बच पा रहे
प्रदेश में साइबर ठगी के वारदात लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा नही की इन साइबर ठगों के झांसे में आम लोग ही आ रहे हैं, बल्कि प्रदेश के बड़े अधिकारी भी इससे नहीं बच पा रहे हैं। राजधानी में महिला से लाखों रूपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय में पदस्थ डिप्टी डायरेक्टर माया तिवारी से अज्ञात साइबर ठगों ने करीब 90 लाख रुपये की ठगी कर ली है। इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम एक महिला ठग ने फेसबुक फ्रेंड बनकर दिया।
पुलिस के मुताबिक मंत्रालय में उपनिदेशक पद पर कार्यरत एक महिला को फेसबुक पर एक मैसेज आया। इसमें सरकार की सहायता से 19 लाख 50 हजार हर महीना कमाने का दावा किया गया था। इस मैसेज में दिए लिंक को ओपन किया। इसके बाद पीड़िता ने उसमें रजिस्ट्रेशन करा लिया। इसके कुछ देर बाद उनको एक युवती ने कॉल किया और अपना नाम जारा अली खान बताया। जारा ने उन्हें बधाई देते हुए अलग-अलग शेयर कंपनियों में पैसा लगाने की जानकारी दी और कहा कि कुछ देर में कंपनी के एकाउंट ऑफिसर उनसे बात करेंगे।
उनके बताए अनुसार ही काम करना। पीड़िता सहमत हो गई। बातचीत बढ़ने पर महिला ने उन्हें "बुल मार्केट्स योर गेटवेज" नामक एक ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनी में निवेश करने का झांसा दिया। अधिक मुनाफा मिलने का लालच देकर उनसे लाखों रुपये अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाए गए। संगीता शर्मा नाम की महिला ने उन्हें कॉल किया और खुद को कंपनी का अकाउंट मैनेजर बताया। फिर उन्हें निवेश करने के लिए कहा। पीड़िता ने 19 मार्च को 2 लाख 36 हजार 023 रुपए निवेश किया। 20 मार्च को 3 लाख, 25 मार्च को 4 लाख, 27 मार्च 50 हजार, 2 अप्रैल को 4 लाख 52 हजार। इस तरह 19 मार्च से 23 मई तक साइबर ठगों ने पीड़िता से फोन और आरटीजीएस के माध्यम से कुल 89 लाख 67 हजार 855 रुपए जमा करा लिए।
डिप्टी डायरेक्टर ने झांसे में आकर कई बार में 90 लाख रुपये से अधिक की रकम विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। जब उन्हें संदेह हुआ तो पैसे रिटर्न मांगे। महिला ने देने से मना कर दिया।
पीड़िता की शिकायत पर राखी थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अब इन बैंक खातों और सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की जांच में जुटी है।
गौरतलब है कि प्रदेश में ऑनलाइन और साइबर ठगी के मामले शासन और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। मानसून सत्र के दौरान भी ऑनलाइन ठगी का मामला सदम में उठा था। इस संबंध में राज्य के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया था कि पिछले डेढ़ साल में प्रदेश भर में 107 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी के मामले प्रकाश में आए हैं। सरकार की ओर से ऑनलाइन ठगी और अपराधों पर नियंत्रण लगाने के लिए विशेष साइबर सेल का गठन सभी जिलों में किया जा रहा है।



