छत्तीसगढ़ प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ सरकार ले रही कड़ाई से एक्शन,

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छत्तीसगढ़ प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ सरकार ले रही कड़ाई से एक्शन,

छत्तीसगढ़ प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ सरकार ले रही कड़ाई से एक्शन, 

फॉरेनर्स एक्ट के तहत कर रही कार्रवाई, बिना वैध दस्तावेज़ों के बाहर से लोगों या मज़दूरों को काम पर रखने वाले पर भी होगी कार्रवाई

अब तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 30 अवैध बांग्लादेशियों को किया गिरफ्तार, भेज रही वापस बांग्लादेश 




रायपुर। प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ सरकार कड़ाई से एक्शन ले रही है। पिछले दिनों अलग-अलग जिलों से प्रदेश में 30 अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया था, जो कि यहां फर्जी तरीके से रह रहे थे। अब सरकार इन्हें वापस बांग्लादेश भेज रही है।

बता दें कि 30 बांग्लादेशी नागरिकों को मंगलवार को वायुसेना के विमान से रायपुर से गुवाहाटी भेजा गया। सभी को गुवाहाटी के डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार और रायपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से यह कार्रवाई की है।

इनमें रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और रायगढ़ जिलों से पकड़े गए घुसपैठिये शामिल हैं। रायपुर पुलिस ने इन घुसपैठियों को गुवाहाटी में बीएसएफ के हवाले कर दिया है, जो भारत-बांग्लादेश सीमा पर इनकी डिपोर्ट प्रक्रिया को पूरा करेगी।

वर्तमान डिपोर्ट कार्रवाई में सिर्फ उन बांग्लादेशियों को भेजा गया है, जिन पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। वहीं जिनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया लंबित है, उन्हें अभी छत्तीसगढ़ में ही रखा जाएगा। रायपुर में ऐसे 6 बांग्लादेशी हैं, जिनमें तीन भाई, एक दंपती और उसकी नाबालिग बेटी शामिल हैं। इनके खिलाफ चल रहे मामलों के समाप्त होने के बाद डिपोर्ट की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पिछले तीन महीने में राज्य में करीब 50 बांग्लादेशी घुसपैठिये पकड़े गए हैं।


डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि सरकारी तंत्र अवैध प्रवासियों की जांच में जुटा है। राज्य में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। साथ ही इन लोगों की गतिविधियों के संबंध में जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने राज्य में कथित रूप से रह रहे अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त रुख इख्तियार कर लिया है। यह मामला मंगलवार को सदन में उठा। ध्यानाकर्षण में अजय चंद्राकर ने बांग्लादेशी, रोहिंग्या घुसपैठियों का मुद्दा उठाया। अजय चंद्राकर ने दावा किया कि राज्य के कई जिलों में घुसपैठिए रह रहे हैं और लगातार इनकी जनसंख्या बढ़ रही है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि अवैध दस्तावेज बनाकर ये लोग सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र भी घुसपैठियों की मदद कर रहा है, जिससे अवैध घुसपैठियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।

अजय चंद्राकर ने पूछा जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है। उनके खिलाफ किस नियम के तहत कार्रवाई की गई है। इसके जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि इन सभी फॉरेनर्स  एक्ट के तहत गिरफ्तारी हुई है। अब इन लोगों को होल्डिंग सेंटर बनाकर रखा जाएगा। इसके बाद चंद्राकर ने पूछा कि कितने डिपोर्ट सेंटर बना रहे हैं और इन लोगों को कहां भेजा जाएगा। इसके जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा कि डिपोर्ट के लिए बीएसएफ बटालियन तक पहुंचाना होता है, पहले 1000 सीटर डिपोर्ट सेंटर बना रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष अभियान के तहत इस वर्ष मध्य मई के आसपास राज्य के प्रत्येक जिले में एक विशेष कार्य बल का गठन किया गया है।


बिना वैध दस्तावेज़ों के बाहर से लोगों या मज़दूरों को काम पर रखने वाले ठेकेदारों, टेंट व्यवसायियों या कबाड़ विक्रेताओं पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें अपने कर्मचारियों का दस्तावेज़ सत्यापन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने को कहा गया है।

क्यों उठाया गया ये कदम ?

राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान पिछले कुछ सालों में इंटेलिजेंस इनपुट और स्थानीय शिकायतों के आधार पर की गई थी। रायपुर समेत कई जिलों में ऐसे नागरिकों को पकड़ा गया था जो बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे।

भारत-बांग्लादेश की बॉर्डर पर बीएसएफ तैनात

भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर बीएसएफ तैनात है। बॉर्डर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है, इसलिए केंद्र सरकार ने उन्हें ही जिम्मेदारी दी है। साथ ही बांग्लादेश दूतावास से भी चर्चा चल रही है। उन्हें इस संबंध में जानकारी भी भेजी गई है।

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