डॉक्टर ने की अपनी पत्नी की हत्या, ड्राइवर ने घबराकर कर दी डॉक्टर की हत्या

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डॉक्टर ने की अपनी पत्नी की हत्या, ड्राइवर ने घबराकर कर दी डॉक्टर की हत्या

डॉक्टर ने की अपनी पत्नी की हत्या, ड्राइवर ने घबराकर कर दी डॉक्टर की हत्या

8 साल पहले हुई सनसनीखेज हत्याकांड से अब जाकर उठा पर्दा, मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में कवर्धा पुलिस के भी छूट गए थे पसीने

2017 में वारदात को अंजाम देने के बाद सबूत मिटाने खून के धब्बे साफ किए, फिर शवों को आंगन में घसीटकर रखा, पूरी रात लाशों के पास बैठा रहा




छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में डॉक्टर ने अपनी पत्नी को मार डाला, जिसे डॉक्टर के ड्राइवर ने देख लिया। मर्डर के वक्त ड्राइवर डर गया। उसे लगा कहीं डॉक्टर उसे भी न मार डाले। ड्राइवर ने घबराकर डॉक्टर की हत्या कर दी। इस डबल मर्डर कांड से पूरे शहर और छत्तीसगढ़ में हड़कंप मच गया। कवर्धा शहर में पहली बार ऐसा हुआ थी जब किसी डॉक्टर दंपत्ति की हत्या एक साथ कर दी गई। मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के रामनगर इलाका का है।

मिली जानकारी के मुताबिक मरने वालों का नाम डॉक्टर गणेश सूर्यवंशी (54) अपनी पत्नी डॉ. उषा (52) है। वहीं डॉक्टर की हत्या करने वाले ड्राइवर का नाम सत्यप्रकाश साहू (35) है। कवर्धा पुलिस ने 8 साल बाद डबल मर्डर केस में आरोपी ड्राइवर पकड़ा।

दरअसल, कवर्धा जिले के रामनगर इलाके में 6 अप्रैल को सिटी कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि डॉक्टर गणेश सूर्यवंशी और उनकी पत्नी डॉ. उषा अपने ही घर में मृत मिले हैं। पुलिस मौके पर पहुंची, तो दोनों की लाशें आंगन में खून से सनी पड़ी थी।

अप्रैल 2017 में वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने सबूत मिटाने की कोशिश की। खून के धब्बे साफ किए, फिर शवों को आंगन में घसीटकर रखा। पूरी रात लाशों के पास बैठा रहा। अगली सुबह करीब 5 बजे बस से दुर्ग भाग गया था। लेकिन कहते हैं न हत्यारा कितना भी शातिर क्यों न हो, घटनास्थल पर कोई न कोई सुराग जरुर छोड़ जाता है। इस हत्या कांड में भी कुछ ऐसा ही हुआ।डॉक्टर का एक मोबाइल लेकर फरार हो गया। उसने मोबाइल को गंडई में 1900 रुपये में गिरवी रख दिया।

हत्याकांड के एक दिन बाद 4 अप्रैल को लोकल न्यूजपेपर चेक किया, जिसमें इस घटना का कहीं कोई जिक्र नहीं था। इसके बाद 5 अप्रैल को सत्यप्रकाश वापस कवर्धा लौटा। वह डॉक्टर के घर के आसपास घूमता रहा, ताकि समझ सके कि किसी को घटना की जानकारी हुई या नहीं। जब देखा कि कोई कुछ नहीं जानता, तो निश्चिंत हो गया। 6 अप्रैल को जब मोहल्ले वालों ने बदबू आने पर पुलिस को बुलाया, तब वह भी आम लोगों की भीड़ में शामिल होकर मौके पर मौजूद रहा, ताकि उस पर मर्डर केस में शक न हो।

पहले तो मामला डकैती या बाहरी हमले जैसा लगा, लेकिन घर में ताले टूटे नहीं थे। कीमती सामान भी गायब नहीं थे। लिहाजा जांच मर्डर केस दर्ज शुरू हुई, लेकिन कुछ खास सुराग हाथ नहीं लगा। केस धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला गया।

इस दौरान ज़िले में 9 एसपी का तबादला हुआ। डॉक्टर दंपत्ति की हत्या का रहस्य सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। पुलिस जब पूरी तरह से थक हार गई तब उसने नारकोटिक्स टेस्ट का सहारा लिया। नारकोटिक्स टेस्ट में पता चला कि पुरुष डॉक्टर की हत्या किसी और नहीं बल्कि ड्राइवर ने की थी। 2025 की शुरुआत में जब कवर्धा के पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (IPS) ने डॉ. दंपती मर्डर केस को दोबारा खोलने के निर्देश दिए, तो जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल के नेतृत्व में बनी विशेष टीम को सौंपी गई। पुरानी फाइलें खंगाली गईं और पुराने संदिग्धों पर दोबारा नजर डाली गई।

ASP की टीम ने 2017 में शक के आधार पर पूछताछ किए गए संदिग्धों और परिजनों के बयान को दोबारा क्रॉस चेक किया। इसके बाद डॉक्टर दंपती के परिजनों और पड़ोसियों से बातचीत की। इस दौरान पता चला कि डॉक्टर दंपती के घर में पुराने ड्राइवर सत्यप्रकाश साहू का आना जाना था। कई बार उसे देखा गया था। ASP पुष्पेंद्र बघेल की टीम ने 8 साल बाद जब पुलिस ने ड्राइवर सत्यप्रकाश साहू को 3 जुलाई 2025 को दोबारा हिरासत में लिया। करीब 14 घंटे तक लगातार पूछताछ की। पुलिस की ब्रेन मैपिंग और व्यवहार विश्लेषण के सामने वह टिक नहीं पाया।

आरोपी सत्यप्रकाश ने अपना जुर्म कबूला। उसने हर घटना को विस्तार से बताया कि कब, कैसे और क्यों उसने यह किया।

पुलिस पूछताछ में ड्राइवर सत्यप्रकाश ने बताया कि उसने डॉक्टर गणेश को पहले 1 लाख 80 हजार रुपए उधार दिए थे। जब-जब वह पैसे मांगने गया, डॉक्टर टालता रहा। 3 अप्रैल 2017 यानी मर्डर की रात वह पैसे मांगने डॉक्टर के घर पहुंचा। इस दौरान देखा कि डॉक्टर और उनकी पत्नी के बीच झगड़ा हो रहा था। बात इतनी बढ़ गई कि डॉक्टर ने गुस्से में पत्थर उठाकर अपनी पत्नी के सिर पर मार दिया। घायल पत्नी ने बचाव की कोशिश की, लेकिन डॉक्टर ने दोबारा वार कर उसकी जान ले ली। ये सब देखकर सत्यप्रकाश घबरा गया।

ड्राइवर सत्यप्रकाश ने बताया कि उसने जब डॉक्टर को पत्नी की हत्या करते देखा, तो उसे लगा कि शायद अगला नंबर उसी का हो सकता है। इस डर में उसने डॉक्टर को धक्का दिया और उसी पत्थर से सिर पर वार कर दिया। डॉक्टर की भी मौके पर ही मौत हो गई।

राजनांदगांव रेंज के आईजी अभिषेक शांडिल्य ने हत्या की गुत्थी सुलझाने वाली पुलिस टीम को ₹30,000 और एसपी ने 10,000 रुपए इनाम देने की घोषणा की है। 

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