बुधवार को मानसून सत्र के तीसरे दिन साइबर अपराध के मामलों पर विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपनी ही सरकार को घेरा
वहीं बिजली बिल वृद्धि का भी मामला जोरशोर से उठा
इस दौरान एक अनोखा नजारा देखने को मिला, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सीएम की कर दी तारीफ
राज्य में साइबर ठगी गंभीर समस्या बन गई है। बुधवार को मानसून सत्र के तीसरे दिन साइबर अपराध के मामलों पर विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपनी ही सरकार को घेर लिया। प्रश्नकाल के दौरान सामने आया कि पिछले डेढ़ साल में राज्य में 107 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई है, जबकि पीड़ितों को अब तक केवल 3.69 करोड़ रुपये की राशि ही लौटाई जा सकी है। इस मामले में बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी उजागर हुई है।
उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने सदन में बताया कि जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच राज्य में साइबर अपराध के 1,304 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिनमें 147 मामले राजधानी रायपुर से जुड़े हैं। इस दौरान जांच में सामने आया है कि साइबर ठगी के कई प्रकरणों में बैंकों के कर्मचारी भी संलिप्त पाए गए हैं।
वहीं विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बिजली बिल वृद्धि का भी मामला जोरशोर से उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शून्यकाल में बिजली दरों में वृद्धि का मुद्दा उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि बिजली दरों में वृद्धि से प्रदेश की जनता परेशान है, गरीब तबका आर्थिक बोझ झेल रहा है। जवाब में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए मात्र 1.89 प्रतिशत की न्यूनतम वृद्धि की गई है। यह निर्णय पूरी पारदर्शिता के साथ जनसुनवाई के बाद लिया गया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं, स्टील और रोलिंग मिल उद्योगों ने भी इसे सराहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सब्सिडी जारी रहेगी और उपभोक्ताओं को किसी प्रकार का अतिरिक्त भार नहीं उठाना पड़ेगा। किसानों के लिए भी सब्सिडी जारी रहेगी। इधर, विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने 33 विधायकों की ओर से मिली स्थगन सूचना की जानकारी दी और मुख्यमंत्री के जवाब के बाद स्थगन को अग्राह्य कर दिया।
इस दौरान एक अनोखा नजारा देखने को मिला। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सीएम की तारीफ की। वहीं, सीएम ने भी नेता प्रतिपक्ष को सज्जन आदमी बताते हुए कहा कि अच्छे काम की तारीफ होनी चाहिए उसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। दरअसल, बिजली के बिल में की गई वृद्धि के खिलाफ विपक्ष सदन में स्थगन प्रस्ताव लेकर आया था। विपक्ष के सवालों का सीएम ने जवाब दिया जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने सीएम की तारीफ की।
मीडिया से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि हम बिजली बिल के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लेकर आए थे। जिसका सीएम ने जवाब दिया। सीएम के जवाब पर हमको भरोसा है। हम जवाब से संतुष्ठ है इसलिए उन्हें धन्यवाद दिया है।
सीएम ने क्या जवाब दिया
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2025-26 हेतु घोषित बिजली टैरिफ में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कि विगत वर्षों में न्यूनतम वृद्धि में से एक है। यह निर्णय जनसुनवाई की प्रक्रिया के बाद पारदर्शी ढंग से लिया गया है और इसे घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर स्टील और रोलिंग मिल उद्योगों तक ने सराहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घरेलू विद्युत दरों में केवल 10 से 20 पैसे तक की मामूली वृद्धि की गई है, जबकि कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। जिसका सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से अग्रिम भुगतान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.85 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे प्रतिदिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। विशेष रूप से कृषि फीडरों में 18 घंटे प्रतिदिन की आपूर्ति दी जा रही है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक आंकड़ों में शामिल है। वर्तमान टैरिफ में केपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान का भी समावेश है जिसके अंतर्गत ट्रांसमिशन कंपनी के लिए 2433 करोड़ रुपये, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए 3977 करोड़ रुपये और जनरेशन कंपनी के लिए 2992 करोड़ रुपये का प्रावधान है। कोरबा में 1320 मेगावॉट के प्लांट की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है, जिसकी लागत 15,800 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि पॉवर कंपनी, शासन द्वारा 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के करार किए गए हैं, जिससे आने वाले समय में ऊर्जा उत्पादन और रोजगार दोनों के क्षेत्र में क्रांति आएगी।
स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार
सीएम के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। वहीं, दूसरी तरफ सीएम के जवाब के बाद सदन में विपक्ष ने हंगामा नहीं किया। आमतौर पर स्थगन प्रस्ताव खारिज होने के बाद विपक्ष वॉकआउट कर जाता है।
चरणदास महंत को लेकर क्या बोले सीएम
चरणदास महंत की तारीफ पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि उनके धन्यवाद के लिए उनको धन्यवाद। अच्छे काम का धन्यवाद होना ही चाहिए। सज्जन लोग अच्छे कामों का धन्यवाद देते ही हैं। ऐसे मामलों में पार्टी पॉलिटिक्स नहीं करनी चाहिए।



