छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन भी सदन में भारी हंगामा देखने को मिला

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन भी सदन में भारी हंगामा देखने को मिला

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन भी सदन में भारी हंगामा देखने को मिला

डीएपी खाद की उपलब्धता को लेकर कांग्रेस विधायकों ने जमकर किया विरोध प्रदर्शन

25 साल की परंपरा को तोड़ा, चेतावनी के बाद भी वे विधानसभा से बाहर नहीं गए और मुझे प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा:- अध्यक्ष रमन सिंह



छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन भी सदन में भारी हंगामा देखने को मिला। सबसे पहले डीएपी खाद की उपलब्धता को लेकर कांग्रेस विधायकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल के सवाल के बाद विपक्ष गर्भगृह तक पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे।

दरअसल सत्र की शुरुआत में विधायक उमेश पटेल ने प्रदेश में डीएपी खाद की कमी को लेकर सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने यह जानना चाहा कि डीएपी का वितरण किसानों, सोसाइटियों और व्यापारियों में किस अनुपात में किया गया है। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब देते हुए कहा, “डीएपी खाद की स्थिति पर सरकार गंभीर है और नियमित केंद्र सरकार से संपर्क में है। अन्य किसी खाद की कमी नहीं है।”

कार्यवाही पुनः प्रारंभ होते ही कांग्रेस विधायकों ने फिर से विरोध शुरू कर दिया। नारों की गूंज के बीच कई विधायक गर्भगृह में प्रवेश कर गए, जो संसदीय परंपराओं के खिलाफ माना जाता है। इससे नाराज अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने गर्भगृह में मौजूद सभी कांग्रेस विधायकों को नामजद करते हुए निलंबित करने की घोषणा कर दी।

छत्तीसगढ़ विधानसभा से निलंबित कांग्रेस विधायकों पर अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि आज का दिन राज्य की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने वाला रहा। 25 साल की परंपरा को तोड़ते हुए आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में नारेबाजी की गई और प्रश्नकाल बाधित हुआ। मेरी चेतावनी के बाद भी वे विधानसभा से बाहर नहीं गए और मुझे प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा।

गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जब विपक्षी विधायक निलंबित हो चुके हैं, फिर भी वे सदन में रुककर कार्यवाही बाधित कर रहे हैं, यह नई गलत परंपरा की शुरुआत है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि किसानों को मिलने वाली डीएपी खाद प्राइवेट सेक्टर को दे दी जा रही है। उमेश पटेल ने सदन में सवाल किया कि कितना खाद स्टॉक हुआ है और कितना किसानों को बांटा गया है?

जवाब में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि राज्य को 3.10 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है, पर जून तक केवल 1.18 लाख मीट्रिक टन ही प्राप्त हो सका है। उन्होंने खाद की कमी को राष्ट्रीय व वैश्विक समस्या बताया और कहा कि केंद्र सरकार की मदद से इस संकट को जल्द सुलझाया जाएगा।

जब कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया, तो कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि वे भाषण दे रहे हैं, जवाब नहीं। इसके बाद विपक्षी विधायकों ने 'कृषि मंत्री इस्तीफा दो', 'DAP दो', जैसे नारों के साथ गर्भगृह में ही धरना दे दिया।

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