शुक्रवार सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निजी निवास स्थान पर दबिश

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शुक्रवार सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निजी निवास स्थान पर दबिश

शुक्रवार सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निजी निवास स्थान पर दबिश

भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर की पोस्ट, साहेब ने भेज दी ED



छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटले में अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी जुड़ता नजर आ रहा है। शुक्रवार सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निजी निवास स्थान पर दबिश दी है। इसकी जानकारी भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट कर दी है।

उन्होंने x पर लिखा है कि आज विधानसभा का अंतिम दिन है, आज अडानी के लिए तमनार में कट रहे पेड़ो का मुद्दा उठाना है। इसलिए साहेब ने ED भेज दी।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ का आबकारी घोटाल अब 2100 करोड़ से बढ़कर 3200 करोड़ का हो गया है। मामले में एजेंसियां लगातार जांच कर रही हैं। मंगलवार को ईडी टीम ने होटल कारोबारी विजय अग्रवाल के भिलाई स्थित निवास के साथ-साथ होटल और कई अन्य ठिकानों पर छापा मारा था।

बता दें कि छापेमारी के दौरान विजय अग्रवाल के जुड़े गोवा और दिल्ली के ठिकानों पर भी टीम ने दबिश दी थी। जिसमें ईडी को 70 लाख रुपये नगद बरामद हुए थे। होटल कारोबारी विजय अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में अब शुक्रवार को सुबह तड़के ईडी ने भूपेश बघेल के घर छापा मार दिया है।

ईडी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर कथित शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में एक बार फिर छापे मारे। अधिकारियों ने इस बार में जानकारी देते हुए बताया कि ईडी की टीम इस मामले में नए सबूत मिलने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत भिलाई शहर में चैतन्य बघेल के घर की तलाशी ले रही हैं, जहां वह अपने पिता के साथ रहते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसी साल मार्च में चैतन्य बघेल के खिलाफ इसी तरह के छापे मारे थे।

ईडी ने पहले कहा था कि चैतन्य बघेल पर कथित शराब घोटाले की आपराधिक आय का ‘प्राप्तकर्ता’ होने का संदेह है। इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में गई।


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