MY DEED डिजिटल व्यवस्था को राज्य के सभी पंजीयन कार्यालयों में 10 जुलाई से किया अनिवार्य
दस्तावेज तैयार करने से लेकर रजिस्ट्री तक की प्रक्रिया कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से होगी
प्रदेश में अब जमीन की रजिस्ट्री पूरी तरह ऑनलाइन और कागज रहित हो गई है। सरकार ने ‘माय डीड’ डिजिटल व्यवस्था को राज्य के सभी पंजीयन कार्यालयों में 10 जुलाई से अनिवार्य कर दिया है। अब दस्तावेज तैयार करने से लेकर रजिस्ट्री तक की प्रक्रिया कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से ही होगी।
बता दें कि पहले चरण में यह व्यवस्था नवागढ़ (बेमेतरा), डौंडीलोहारा (बालोद), नगरी (धमतरी) और पथरिया (मुंगेली) में 27 जून से लागू की गई थी। अब दूसरे चरण में 18 और कार्यालयों बालोद (डल्लीराजहरा), बलौदाबाजार (कसडोल), बलरामपुर (राजपुर), बस्तर (कोण्डागांव), बेमेतरा (साजा), बिलासपुर (मरवाही), दुर्ग (बोरी), गरियाबंद, जांजगीर (अकलतरा), जशपुर (कुनकुरी), कबीरधाम (बोड़ला), कांकेर (भानुप्रतापपुर), कोरबा (पाली), कोरिया (बैकुंठपुर), रायपुर (टिल्दा-नेवरा), राजनांदगांव (मोहला), सुरजपुर (प्रतापपुर), सरगुजा (सीतापुर) में इसे शुरू किया गया है। इसके साथ ही पूरे राज्य में यह प्रणाली अनिवार्य हो गई है।
‘माय डीड’ प्रणाली का उद्देश्य पंजीयन प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। इससे दस्तावेजों की जांच, स्वीकृति और रजिस्ट्री घर बैठे हो सकेगी। रजिस्ट्री कार्यालयों में लगने वाली भीड़ कम होगी और अधिकारियों पर काम का बोझ भी घटेगा।
जानिए क्या है माय डीड
माय डीड एक डिजिटल प्लेटफार्म है जो दस्तावेजों के ऑनलाइन निर्माण, सत्यापन और रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरी तरह पेपरलेस और पारदर्शी बनाता है। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े की संभावनाएं भी कम होंगी।
महानिरीक्षक पंजीयन ने एनआइसी पुणे और मंत्रालय के तकनीकी विशेषज्ञों को व्यवस्था करने और सभी कार्यालयों को आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिला और उप पंजीयकों को भी आदेश दिए गए हैं कि आम जनता को इस व्यवस्था की जानकारी समय रहते दी जाए।



