पत्थलगांव वनमंडल क्षेत्र के ग्राम सारसमार में देर रात हाथियों ने मचाया आतंक, तोड़े घर व घर मे रखे धान को किया चट
आए दिन हाथियों के उत्पात से ग्रामीण दहशत के साए में जीने को मजबुर, सो रहे ग्रामीणों ने किसी तरह बचाई अपनी जान
पत्थलगांव। पत्थलगांव वनमंडल क्षेत्र के सारसमार ग्राम के जंगलपारा में शनिवार को 10 से 11 बजे के बीच देर रात को झुंड से बिछड़े एक हाथी व एक शावक हाथी ने अचानक रात के अंधेरे में आकर जमकर उत्पात मचाया। हाथी ने वासुमती चौहान व कृत लहरे के घर को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। घर के अंदर सो रहे ग्रामीण किसी तरह घर से भाग कर तो कोई घर के पाटन में चढ़कर अपनी जान बचाई।हाथियों ने घर में रखे धान आदि को चट कर दिया।
पीड़ीत परिवार के एक सदस्य ने बताया कि हम परिवार के लोग रात में खाना खाने के बाद सो रहे थे, उसी बीच हाथी ने आकर अचानक घर को तोड़ दिया, हमने भाग कर अपनी जान बचाई। गनीमत है कि किसी भी प्रकार का जान को क्षति नहीं पहुंचा है, परन्तु घर में रखे धान को खा कर चला गया एवं घर को क्षति पहुंचाया, फिलहाल हमारे पास रहने का कोई दूसरा घर भी नहीं है। आशंका की सूचना मिलने के बाद से ही ग्रामीण हाथी आने से पहले भगाने में डटे थे हाथियों के आवाज कों सुन वे बाजा, मशाल एवम अन्य प्रकार से हाथियों को भागने की कोशिश की और वे हाथियों को बांस प्लाट जंगल की ओर भगाने में सफल हुवे।
गौरतलब हो कि एक तो बारिश से लोग परेशान हैं तो दुसरी ओर हाथियों का आतंक से जुझने को मजबुर है। पत्थलगांव क्षेत्र के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन हाथियों के उत्पात से ग्रामीण दहशत के साए में जीने को मजबुर है। लोग अपने घरों में भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हाथियों का झुंड अगल बगल के जंगलों में डेरा जमाया हुआ है और शाम ढलते ही गांवों की ओर कुच करते हैं। लोगों के घरों को निशाना बनाया जा रहा है। रात के अंधेरे में हाथियों का झुंड खेत में लगे सब्जी खेती एवं घर में रखे अनाजों को अपना निवाला बना रहे हैं।
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि सूचना के बाद ग्रामीण हाथियों के झुंड के पास न जाएं और जंगल की ओर जाने से बचें। विभाग ने यह भी सलाह दी है कि ग्रामीण शोर मचाने, पटाखे जलाने या हाथियों को उकसाने वाली गतिविधियों से दूर रहें, क्योंकि इससे हाथी आक्रामक हो सकते हैं। साथ ही, ग्रामीणों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।