महादेव सट्‌टा मामले में 150 लोगों को CBI ने दिया नोटिस, IPS और एडिशनल एसपी से की घंटो पूछताछ

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महादेव सट्‌टा मामले में 150 लोगों को CBI ने दिया नोटिस, IPS और एडिशनल एसपी से की घंटो पूछताछ

महादेव सट्‌टा मामले में 150 लोगों को CBI ने दिया नोटिस, IPS और एडिशनल एसपी से की घंटो पूछताछ

अधिकारियों से प्रोटेक्शन मनी, हवाला लेन-देन और राजनीतिक फंडिंग से जुड़े सवाल पूछे



रायपुर। बहुचर्चित महादेव ऑनलाइन बेटिंग एप मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच तेज कर दी है। मामले से जुड़े 150 से अधिक पुलिसकर्मियों, आईपीएस व प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं को समन जारी किया है। इसके बाद एक बार फिर से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। इस घोटाले में जिन पुलिस वाले, नेताओं और कारोबार जगत से जुड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनसे पूछताछ की जा रही है। सीबीआई ने सभी को एक हफ्ते में पूछताछ के लिए बुलाया है। सीबीआई की सक्रियता और पूछताछ के इस नए दौर से साफ संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही कई रसूखदारों पर कानून का शिकंजा कसेगा। ऑनलाइन सट्टा ऐप घोटाला 8000 करोड़ रुपए से अधिक का बताया जा रहा है। 

सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ ने पिछले दो दिनों में दो वरिष्ठ अधिकारियों से करीब चार घंटे तक पूछताछ की है। पूछताछ के दौरान अधिकारियों से प्रोटेक्शन मनी, हवाला लेन-देन और राजनीतिक फंडिंग से जुड़े सवाल पूछे गए। एक आईपीएस अधिकारी से पूछताछ के बाद महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मांगे गए हैं। इन दो अफसरों पर महादेव के प्रमोटर्स को प्रोटेक्शन देने का आरोप है। जांच अधिकारी उन्हें फिर से पूछताछ के लिए बुलाएंगे।

छत्तीसगढ़ में महादेव सट्‌टा ऐप केस की एफआईआर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की थी। इस केस की जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सीबीआई ने इस पर एफआईआर कर जांच शुरू की। इसके बाद हड़कंप मचा। अब सीबीआई ने जांच शुरू की तो अफसरों से पूछताछ हुई।
EOW ने महादेव केस में एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया था। इसके अलावा कई कांग्रेस नेताओं, पुलिस कर्मियों का नाम था।

पिछले साल ठीक लोकसभा चुनाव से पहले ब्यूरो ने यह एफआईआर की थी। इसमें भूपेश बघेल के खिलाफ आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, और जालसाजी से संबंधित अलग-अलग धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत आरोप लगाए गए थे। एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री अलावा महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों का नाम शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिपोर्ट में रकम देकर प्रोटेक्शन के मामले में महादेव सट्टा ऐप की अवैध गतिविधियों को अनुमति देने के लिए राज्य सरकार के शीर्ष स्तर के पदाधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा करता है।

जांच में सामने आया है कि सट्टेबाजी से होने वाला काला धन नीचे से ऊपर तक पहुंचाया गया, जिसमें कई बड़े नामों की संलिप्तता सामने आई है। इतना ही नहीं वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में एक पार्टी को बड़े पैमाने पर फंडिंग के आरोप भी इस केस में जोड़े गए हैं। सीबीआई इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है और साक्ष्य जुटाने का काम तेजी से किया जा रहा है। ऐसे में जल्द ही रसूखदार लोगों पर शिकंजा कस सकता है।

सीबीआई की ताजा कार्रवाई से राज्य की सियासत और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। आने वाले दिनों में और बड़े नाम सामने आ सकते हैं, जिसकी वजह से महादेव एप केस फिर से सुर्ख़ियों में है।

महादेव बेटिंग एप के जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी का बड़ा नेटवर्क चलाया जा रहा था, जो न केवल देशभर में फैला था, बल्कि विदेशों से भी संचालन किया जा रहा था। इस नेटवर्क के पीछे बैठे मास्टरमाइंडों ने हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। 

भूपेश समेत इन पर एफआईआर दर्ज

महादेव एप सट्टेबाजी केस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत एप के प्रमोटर शुभम सोनी,सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, रोहित गोलाटी, विशाल आहूजा,चंद्रभूषण वर्मा,धीरज आहूजा,असिम दास, अनिल कुमार दम्मानी, सतीश चंद्राकर,भीम सिंह यादव, हरिशंकर टिबरेवाल, नितेश दीवान, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी, अनिल अग्रवाल,अज्ञात ब्यूरोक्रेटस और पुलिस अधिकारी, विकास छापरिया और अज्ञात के खिलाफ सीबीआई ने नामजद एफआइआर 18 दिसंबर 2024 को रजिस्टर्ड किया था।

इन आईपीएस के यहां पड़े थे छापे

इस केस में कई पुलिस अधिकारियों पर भी पैसे लेने का आरोप है। जांच एजेंसी ने आईपीएस आनंद छाबड़ा,अभिषेक पल्लव,आरिफ शेख,प्रशांत अग्रवाल समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के आवास पर जांच एजेंसी ने छापामार कार्रवाई भी की थी।

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