छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार सरस्वती शिशु मंदिर पत्थलगांव में पालक एवं शिक्षक बैठक संपन्न
पालकों एवं आचार्यों के चर्चा/परिचर्चा में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर किया गया ध्यानाकर्षण
पत्थलगांव। माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार जशपुर जिले के कलेक्टर महोदय के अपील पर सभी विद्यालय के पालकों एवं शिक्षकों का बैठक सुनिश्चित हुआ इसी तारतम्य में सरस्वती शिशु मंदिर उच्च. माध्य .विद्यालय पत्थलगांव के सभा कक्ष में समस्त पालकों एवं आचार्यों का बैठक प्रारंभ हुआ,विद्यालय के संस्थापक माननीय राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल जी,उपाध्यक्ष डॉक्टर बी एल भगत जी,व्यवस्थापक प्रयाग राज अग्रवाल जी एवं पालक समिति के अध्यक्ष परमानन्द यादव जी की उपस्थिति में सरस्वती ॐ मां भारती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन कर बैठक का शुभारंभ किया गया ,विद्यालय के संस्थापक राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल जी ने शिक्षा की गुणवत्ता को सशक्त बनाए रखने के उद्देश्य से पालकों का मार्गदर्शन किया, उन्होंने कहा कि बिना अनुशासन के सफलता प्राप्त नहीं किया जा सकता,एवं विद्यार्थियों के शैक्षिक गतिविधि पर पालकों को ध्यान आकृष्ट करने के लिए कहा।डॉक्टर बी एल भगत जी ने भी सफलता प्राप्ति में विद्यार्थी का अनुशासित होकर अच्छे लगन से मेहनत करने की बातों पर बल दिया,पालक समिति के अध्यक्ष परमानंद जी ने कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण में पालकों की अहम भूमिका होती है ,उन्होंने बच्चों की गतिविधि पर पालकों को विशेष ध्यान देने पर जोर डाला।
पालकों एवं आचार्यों के चर्चा/परिचर्चा में बहुत बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट हुआ,पालकों द्वारा आज बच्चों के हाथों पर मोबाईल का ज्यादा उपयोग होना,घरेलू पक्षों पर माता पिता के आज्ञा का उल्लंघन,घरेलू कार्यों पर जी चुराना ,स्कूल से मिले कार्यों को कम ध्यान देना ,मोबाइल का ज्यादा उपयोग करना आदि पालकों द्वारा समस्या रखी गई।
आचार्यों द्वारा भी बच्चों का स्कूल में 100% उपस्थिति का न होना,,विद्यालयीन मूल्यांकन को महत्व न देना,टेक्नोलॉजी सामग्री का दुरुपयोग ,18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पालकों द्वारा अनियंत्रित बाइक चलाने देना ,विद्यालय में होने वाले अतिरिक्त कक्षा संचालन में भी विद्यार्थी का कम उपस्थिति आदि समस्या विद्यालय के आचार्यों द्वारा रखी गई। इन सब समस्या को पालक आचार्यों द्वारा कटिबद्ध होकर दूर करने का भी संकल्प लिया गया। बैठक उपरांत विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री डेमूधर बंजारा जी ने आए हुए समस्त पालकों एवं अतिथियों का आभार ज्ञापित करते हुए अंत में शांति मंत्र के साथ पालक एवं शिक्षक बैठक के समापन की घोषणा की।





