प्रदेश में बढ़ते स्टंटबाजी और रीलबाजी पर हाई कोर्ट का शासन पर करारा प्रहार, शासन से पूछा क्या कार्रवाई हुई, भविष्य में इसे रोकने क्या योजना है

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प्रदेश में बढ़ते स्टंटबाजी और रीलबाजी पर हाई कोर्ट का शासन पर करारा प्रहार, शासन से पूछा क्या कार्रवाई हुई, भविष्य में इसे रोकने क्या योजना है

प्रदेश में बढ़ते स्टंटबाजी और रीलबाजी पर हाई कोर्ट का शासन पर करारा प्रहार, शासन से पूछा क्या कार्रवाई हुई, भविष्य में इसे रोकने क्या योजना है

अमीरजादों पर हल्की कार्रवाई समाज के लिए खतरा; फिर मांगा शपथपत्र,सड़के किसी की प्राइवेट प्रॉपर्टी नही



बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक बेहद गंभीर सामाजिक और विधिक समस्या पर सख्त टिप्पणी करते हुए प्रदेश में बढ़ते स्टंटबाजी और रीलबाजी पर करारा प्रहार किया है। हाईकोर्ट ने जिन चार मामलों को स्वतः संज्ञान में लिया है, उनमें एक से बढ़कर एक दिखावा और कानून तोड़ने की मिसाल देखने को मिली। इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। 

सड़को पर बर्थडे सेलिब्रेशन, स्टंटबाजी जैसे वायरल वीडियो पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि, सड़कें किसी की प्राइवेट प्रापर्टी नहीं हैं। कोर्ट ने मुख्य सचिव के शपथपत्र पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बताइए कि इन घटनाओं पर किस तरह की जांच की गई और जांच में क्या सामने आया। शासन से दो टूक सवाल पूछे हैं कि, अब तक क्या कार्रवाई की गई? और भविष्य में इस पर रोक लगाने के लिए क्या योजना है?

कोर्ट ने कहा कि अमीरजादों पर पुलिस की मामूली कार्रवाई से कानून व्यवस्था पर गलत असर पड़ता है। यह समाज के लिए खतरा बन सकता है। बता दें कि मुख्य सचिव ने पत्र में बताया कि इन घटनाओं पर पुलिस ने केस दर्ज करने के साथ ही जुर्माने की कार्रवाई की है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि संतोषजनक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई तो संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

रील बनाने के चक्कर में नेशनल हाईवे पर लगा जाम

पहला मामला उस वक्त सामने आया, जब एक रईसजादा अपनी नई लक्जरी गाड़ी शो-रूम से लेकर निकला और शहर में डर का माहौल बना कर पूरे काफिले के साथ सड़क पर उतरा। एक जैसे काले रंग की 6 लक्जरी गाड़ियां, ड्रोन कैमरा, हाईटेक शूटिंग और तेज बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ रील बनाई गई। नेशनल हाईवे पर कुछ समय के लिए जाम जैसी स्थिति भी बन गई। मीडिया में खबरें आने और हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद पुलिस हरकत में आई और गाड़ियों की जप्ती के साथ चालानी कार्रवाई की गई।

बिलासपुर में चार रीलबाज गिरफ्तार

दूसरा मामला बिलासपुर के रिवर-व्यू क्षेत्र का है, जहां कुछ युवकों ने चलती कार के सनरूफ में खड़े होकर रील बनाई। दृश्य बेहद खतरनाक थे। सोशल मीडिया पर वायरल रील के बाद जब मामला तूल पकड़ लिया है। इस दौरान पुलिस ने चार रीलबाजों को गिरफ्तार किया।

युवक ने रील बनाकर सड़क के बीचो-बीच काटा केक

वहीं तीसरी घटना हाल ही में फिल्म अभिनेता संजय दत्त के जन्मदिन के दिन की है। उनका जबरा फैन चित्तू अवस्थी अपने साथियों के साथ सड़क पर केक काटता है। बता दें वह ‘मैं हूं खलनायक’ गाने पर नाचते हुए रील बनाता है और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करता है। यह सब कुछ मुख्य सड़क के बीचो-बीच हुआ। पुलिस ने इस मामले में भी चित्तू अवस्थी को गिरफ्तार किया।

पुलिस अफसर की पत्नी का स्टंट

चौथी घटना अंबिकापुर के सरगवां पैलेस होटल के पास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें गाड़ी के बोनट पर केक सजाकर बर्थडे सेलिब्रेशन किया गया। जिसमें बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 12वीं बटालियन में तैनात डीएसपी तस्लीम आरिफ की पत्नी सवार थीं। वायरल वीडियो में महिला कार की फ्रंट बोनट पर बैठी नजर आईं। वहीं अन्य युवतियां भी खतरनाक ढंग से उसी कार में सवार थे। 

कोर्ट ने दिए कड़े निर्देश इन सभी मामलों को गंभीर मानते हुए हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि, इन घटनाओं पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है? आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या प्लानिंग बनाई गई है? बहरहाल अब अगले सुनवाई ने देखना यह होगा कि, राज्य सरकार ऐसे स्टंटबाजो और रीलबाजों को सबक सिखाने क्या योजना बनाती है और सरकार के जवाब पर हाईकोर्ट अपना क्या रुख अपनाती है।

हाईकोर्ट बोला- सड़क किसी की प्राइवेट प्रापर्टी नहीं

हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि, सड़कें किसी की प्राइवेट प्रापर्टी नहीं हैं। इस तरह की हरकतें न सिर्फ इन युवाओं की बल्कि आम नागरिकों की जान के लिए खतरा हैं। पुलिस की दिखावे की कार्रवाई ऐसे अमीरजादों को कानून से ऊपर मानने की छूट देती है। 2000 रुपए का जुर्माना कोई सजा नहीं, यह तो एक मजाक है।

कोर्ट ने कहा कि जब कानून का भय खत्म हो जाता है और पुलिस सिर्फ जुर्माने से काम चलाती है, तो राज्य में अराजकता फैलने का खतरा रहता है। इस तरह का रवैया बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। बता दें कि चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की।

पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट ने शपथपत्र मांगा था

पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य शासन के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत करने कहा था। गुरुवार (7 अगस्त) को सुनवाई के दौरान उनकी तरफ से शपथपत्र दिया गया, जिसमें बताया गया कि ऐसी घटनाओं पर पुलिस ने केस दर्ज करने के साथ ही जुर्माने की कार्रवाई भी गई है।

सुनवाई के बाद कोर्ट ने अलग-अलग चार घटनाओं का जिक्र किया और उनकी प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली। कोर्ट ने पूछा है कि FIR दर्ज होने के बाद जांच में क्या-क्या सामने आया और क्या कदम उठाए गए। हाईकोर्ट ने साफ किया कि यदि अगली सुनवाई में संतोषजनक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई तो संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

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